--वैध पीयूसी के बिना नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल -सरकार ने वाहन प्रदूषण कम करने की दिशा में उठाया कदम -विंटर एक्शन प्लान को लागू करने के लिए ग्रीन वार रूम तीन अक्तूबर को लांच होगा -दिल्ली में छह अक्तूबर से धूल प्रदूषण के विरुद्ध शुरू होगा अभियान नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में कड़ा कदम उठाया है। पेट्रोल पंपों पर 25 अक्तूबर से वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) अनिवार्य होगा। यानी उन्हीं वाहनों को पेट्रोल या डीजल मिल सकेगा, जिनके पास वैध पीयूसी प्रमाणपत्र होगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि सभी पेट्रोल पंपों पर ईंधन (पेट्रोल-डीजल) लेने के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र 25 अक्तूबर से अनिवार्य करने की तैयारी करें। इसके लिए पर्यावरण विभाग को अधिसूचना जारी करने का निर्देश दे दिए गए हैं। इस संदर्भ में दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर इसकी सूचना देने वाले सार्वजनिक होर्डिंग लगाए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को निर्देश दिया गया है कि दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के साथ एक अलग बैठक बुलाकर उनको इसकी जानकारी दी जाए।
इसके साथ ही प्रदूषण रोकने की दिशा में तैयार किए गए विंटर एक्शन प्लान लागू करने के लिए ग्रीन वार रूम को तीन अक्तूबर को लांच किया जाएगा। दिल्ली में छह अक्तूबर से धूल प्रदूषण के विरुद्ध अभियान शुरू होगा। पराली गलाने को लेकर 10 अक्तूबर से पूसा बायो-डीकंपोजर का छिडक़ाव शुरू करेगी। दिल्ली सरकार ग्रैप को सख्ती से लागू करेगी। एनसीआर से जुड़े राज्यों के लिए एक ज्वाइंट एक्शन प्लान बनना चाहिए। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रेसवार्ता कर कहा कि सर्दियों में होने वाली प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 15 फोकस बिंदुओं पर आधारित विंटर एक्शन प्लान के आधार पर सभी संबंधित विभागों ने सर्दियों में होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए काम शुरू कर दिया है।
विंटर एक्शन प्लान के तहत सरकार सभी तरह के अभियान चलाएगी। इस साल भी दिल्ली के अंदर पटाखों के उत्पादन, भंडारण और किसी भी प्रकार की बिक्री या खरीद और ऑनलाइन डिलीवरी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का निर्णय पहले ही सरकार ने ले लिया है। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि विंटर एक्शन प्लान में ग्रीन वार रूम की मुख्य भूमिका होगी होगी। जहां से ग्रीन दिल्ली एप पर आईं प्रदूषण से संबंधित शिकायतों को विभागों को भेजा जाता है। साथ ही,वहां से सभी सबंधित विभाग से कोर्डिनेशन किया जाता है। इस को तीन अक्तूबर को बेहतर रूप में लांच किया जाएगा,जहां एक्सपर्ट की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसी तरह छह अक्तूबर से शुरू होने वाले धूल प्रदूषण के विरुद्ध अभियान को लेकर सभी निर्माण एजेंसी को निर्देश जारी कर धूल से प्रदूषण रोकने के नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है। 10 अक्तूबर से पराली गलाने को लेकर शुरू होने वाले पूसा बायो-डीकंपोजर के छिडक़ाव के तहत इस साल भी हम दिल्ली में पांच हजार एकड़ से अधिक बासमती और गैर-बासमती कृषि भूमि पर मुफ्त में पूसा बायो-डीकंपोजर का छिडक़ाव किया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री के अनुसार इस बार वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की तरफ से ग्रैप में कुछ परिवर्तन किए गए हैं। 2018 से इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम के रूप में लागू किया जा रहा था। इसका आधार वायु में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा हुआ करती थी। उसी के आधार पर प्रदूषण के स्तर को पांच वर्गों में विभाजित किया गया था। 2022 में इसमें संशोधन करके एक्यूआई लेवल के आधार पर प्रदूषण के स्तर को चार वर्गों में विभाजित किया गया है।
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