नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध रामानुजन कॉलेज द्वारा कॉमन यूनिविर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) परीक्षा की कोचिंग प्रदान करने वाले क्रैश कोर्स शुरू करने की शिक्षकों ने आलोचना करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है। इसके साथ ही कोचिंग को बढ़ावा देने वाला कदम बताया है। वहीं दिन भर चले हंगामे के बाद कॉलेज ने इसे वापस ले लिया है। रामानुजन कॉलेज ने सीयूईटी के लिए क्रैश कोर्स करवाने का पोस्टर अपने पोर्टल पर जारी किया है,जिसमें प्रत्येक छात्र से12 हजार शुल्क वसूली लिखी हुई है। शुक्रवार को इस मुद्दे पर डीयू से सम्बद्ध शिक्षकों ने इसकी निंदा की और सोशल मीडिया पर विरोध दर्ज कराया। शिक्षकों ने इसकी निंदा करते हुए गरीब छात्रों को प्रभावित करने वाला कदम बताया। साथ ही आरोप लगाया कि कॉलेज इस तरह क्रैश कोर्स कराकर बस धन कमाने का उपक्रम कर रहा है। दयाल सिंह कॉलेज के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर नवीन कुमार ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कौन कहता है कि सीईयूटी कोचिंग को बढ़ावा नहीं देगा ? यहां एक डीयू कॉलेज है,जो खुद कह रहा है कि वे सीयूईटी के लिए कोचिंग प्रदान करेंगे। आगे कहा कि सीयूईटी परीक्षा से कोचिंग कोबढ़ावामिलने की उम्मीद है,लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं थी कि डीयू का कोई कॉलेज इस तरह की पहल करेगा। एक महीने के पाठ्यक्रम के लिए 12,000। अन्य कॉलेजों के लिए एक नया बेंचमार्क,जो बड़ी मात्रा में धन पैदा करने में मदद कर सकता है। मालूम हो,जब डीयू एसी में सीयूईटी पास होने केलिए आया था,तब भी उसका विरोध यह कहकर हुआ था कि इससे कोचिंग को बढ़ावा मिलेगा। शिक्षकों ने कहा कि रामानुजन कॉलेज द्वारा किया गया कार्य घोर निंदनीय है। कुलपति को तुरंत इसका संज्ञान लेकर विश्वविद्यालय की गरिमा की रक्षा करनी चाहिए। दिनभर चले विववाद के बाद जब रामानुजन कॉलेज प्रिंसिपल डॉ.एसपी अग्रवाल से इस विषय में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमने छात्रों की भारी मांग के बाद इस कोर्स को करवाने का फैसला किया था। अब जब इस पर विवाद हो रहा है और शिक्षक विरोध कर रहे है,तो हमने इसे वापस लेने का निर्णय लिया है।
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