Saturday, Sep 30, 2023
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पंजीकृत मजदूरों को बसों में मिल सकती है मुफ्त सफर की सौगात

  • Updated on 4/13/2023

-सीएम ने श्रम विभाग को शुल्क भुगतान के बदले श्रमिकों को बस पास मुहैया कराने को लेकर डीटीसी से बात करने का दिया निर्देश

-केजरीवाल ने कहा कि वकीलों की तरह निर्माण श्रमिकों के लिए भी ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस कराने का आकलन करे श्रम विभाग

-सीएम ने कहा कि निर्माण श्रमिकों में प्लंबर, कारपेंटर और इलेक्ट्रिशियन आदि भी शामिल कर सकते हैं आवेदन

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार महिलाओं की तरह दिल्ली में पंजीकृत लाखों निर्माण श्रमिकों को भी डीटीसी की बसों में फ्री सफर का तोहफा दे सकती है। इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने श्रम विभाग को डीटीसी से बात कर इसकी संभावना तलाशने का निर्देश दिया है। अगर यह संभव होता है, तो दिल्ली सरकार बस पास के बदले डीटीसी को एक तय शुल्क का भुगतान करेगी, ताकि उसको आर्थिक नुकसान न हो। इसके अलावा वकीलों की तरह निर्माण श्रमिकों को भी ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस की सुविधा मिल सकती है। मुख्यमंत्री ने विभाग को इसका आकलन करने को कहा है। इसके साथ ही सीएम ने कहा है कि निर्माण श्रमिकों में प्लंबर, कारपेंटर और इलेक्ट्रिशियन आदि भी शामिल हैं, वे भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

बुधवार को श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने ये दिशा- निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग धनराशि का सकारात्मक और प्रभावी उपयोग करे, ताकि पंजीकृत सभी श्रमिकों को लाभ मिल सके। बैठक में श्रम मंत्री राज कुमार आनंद और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को दिल्ली बिल्डिंग एंड अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स एक्ट 1996 और इससे जुड़े नियमों के बारे में जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली बिल्डिंग एंड अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से 13.4 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं। अप्रैल महीने से इनका नवीनीकरण किया जाएगा। इनमें से लगभग 5.36 लाख कर्मचारी किसी भी समय राज्य में काम करने के लिए मौजूद हैं।

इस पर सीएम ने कहा कि निर्माण श्रमिकों की परिभाषा बहुत व्यापक है और प्लंबर, कारपेंटर और इलेक्ट्रिशियन आदि भी इसमें आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि योजनाओं का ठीक से प्रचार-प्रसार किया जाए तो लगभग 25-30 लाख श्रमिक दिल्ली बिल्डिंग एंड अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से पंजीकृत हो सकते हैं। सीएम के अनुसार करीब 23.5 लाख श्रमिक केंद्र के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं, लेकिन उन्हें वहां कोई लाभ नहीं मिलता है। हमने अपने श्रमिकों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन कई लोग इसका लाभ लेने के लिए आगे नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों का समय पर और त्वरित सत्यापन बहुत जरूरी है।साथ ही, अधिक से अधिक जागरूकता पैदा करने की भी आवश्यकता है। 

 

 

 

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