Thursday, Mar 30, 2023
-->
Sanskrit is the basis of the whole personality

सम्पूर्ण व्यक्तित्व का आधार है संस्कृत

  • Updated on 3/11/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी (सान्ध्य) कॉलेज की संस्कृत परिषद् ने संस्कृत भारती के सहयोग से 4 फरवरी से निरन्तर चल रहे संस्कृत सम्भाषणशिविर के समापन समारोह का आयोजन किया। इसमें मुख्यातिथि शिक्षाविद् डॉ.चांदकिरण सलूजा, अध्यक्ष प्राचार्य प्रो. रवीन्द्र कुमार गुप्ता, आजादी का अमृत महोत्सव की अधिकारिणी डॉ.मीता भटनागर, संस्कृत परिषद् के संयोजक डॉ.योगेश शर्मा व शिविर शिक्षक नरेन्द्र वर्मा उपस्थित रहे ।
प्राचार्य प्रो. रवीन्द्र कुमार गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि कॉलेज में संस्कृत पढने एवं सीखने वालों की संख्या निरन्तर बढ़ रही है। संस्कृत विषय के प्रति रुचि अन्य विषयों के छात्रों में भी दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि विमानशास्त्रादि समस्त ज्ञान संस्कृतभाषा में निबद्ध शास्त्रों में निहित है। संस्कृत संस्कारी बनाती है और सभ्य रहना सिखाती है।
मुख्यातिथि संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान के शैक्षिक निदेशक एवं संस्कृतभारती के अखिलभारतीय कार्यगण सदस्य डॉ.चांदकिरण सलूजा ने संस्कृत की महता से अवगत कराते हुए कहा कि संस्कृत सम्पूर्ण व्यक्तित्व का आधार है। वैश्विक महत्व से समृद्ध इस धरोहर को आने वाली पीढ़ी में विस्तार को प्राप्त कराना है। इन्होंने संस्कृत में अनुसंधान पर बल दिया। संस्कृत के वैज्ञानिक आधार पर ध्यान आकर्षित करते हुए इन्होंने भाषा शुद्धि पर बल दिया। संविधान के अनुच्छेद 351 का उल्लेख करते हुए डॉ.सलूजा ने बताया कि आने वाली पीढ़ी को संस्कृत के नये नये शब्दों का ज्ञान दें। पर्यावरण संरक्षण में भी संस्कृत ग्रन्थों की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि पूरा कार्यक्रम संस्कृत में हुआ इसमें अन्य 7 विषयों के लगभग 85 छात्रों ने पंजीकरण कराया था। कार्यक्रम का संचालन संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ0 योगेश शर्मा ने किया। शिक्षक परिचय डॉ.श्रुति शर्मा व मुख्य अतिथि का परिचय डॉ.रक्षिता ने दिया। कार्यक्रम के अन्त में डॉ.अंकुर त्यागी ने सभी का धन्यवाद दिया।

 

comments

.
.
.
.
.