नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में ऑफलाइन कक्षाएं बहाल करने की अनुमति दिए जाने के कुछ दिनों बाद परिसर को तत्काल खोलने की मांग को लेकर एसएफआई के बैनर तले सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) के कार्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने वीसी कार्यालय के दरवाजे पर आउट ऑफ सर्विस लिखी तख्ती टांग दी। प्रदर्शनकारी शाम तक वहीं जमें रहे और इस दौरान पुलिस द्वारा हिंसक तरीके से गिरफ्तार करने और छात्राओं को भी पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा गिरफ्तार करने का आरोप लगाया।
विरोध-प्रदर्शन का आयोजन करने वाले भारतीय छात्र संघ (एसएफआई) ने बताया कि घेराव में 400 से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया। ङ्क्षहदू कॉलेज में एसएफआई के सचिव अंकित बीरपाली ने कहा,छात्रों की नाराजगी साफ नजर आ रही है। आप इसे उनके चेहरों पर देख सकते हैं, उनकी आवाज में सुन सकते हैं। कुलपति को अगले दो दिनों में फैसला लेना चाहिए, वरना हमें अपनी कक्षाओं के ताले खुद तोडऩे पड़ेंगे। एसएफआई ने दावा किया कि अन्य छात्र और शिक्षक संगठनों ने भी विरोध-प्रदर्शन के प्रति समर्थन जताया। उसने दावा किया कि विश्वविद्यालय के 53 से अधिक विभागों ने ऑनलाइन कक्षाओं का पूर्ण बहिष्कार किया। मिरांडा हाउस की एक छात्रा आरुषि शर्मा ने कहा, ‘हममें से कई अभी दिल्ली में नहीं हैं। इसलिए, हम एसएफआई द्वारा बुलाए गए विरोध-प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके। हालांकि, हमने फैसला किया कि हमें यह संदेश भेजने के लिए कदम उठाना चाहिए कि ज्यादातर छात्र विश्वविद्यालय परिसर को दोबारा खोलने की मांग का समर्थन करते हैं। लिहाजा, हमने आज ऑनलाइन कक्षाओं का बहिष्कार किया। डीडीएमए द्वारा सोमवार से उच्च शिक्षण संस्थानों को दोबारा खोलने की मंजूरी देने के बावजूद डीयू ने परिसर में ऑफलाइन कक्षाएं बहाल करने के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं की है। अधिकारियों ने कहा है कि विश्वविद्यालय कुछ दिनों में खुल जाएगा और वे इस संबंध में रणनीति तैयार करेंगे। एसएफआई ने विश्वविद्यालय न खुलने तक नौ फरवरी से ‘सडक़ पर कक्षा’ अभियान शुरू करने की घोषणा की है। डीयू में एसएफआई के सह-संयोजक अभिषेक ने कहा, सडक़ पर कक्षा प्रशासन के लिए एक संदेश है कि शिक्षक और छात्र, दोनों ऑफलाइन कक्षाओं की बहाली चाहते हैं। अगर उनमें हमारे प्रति कोई सम्मान बचा है तो उन्हें तुरंत परिसर खोलना चाहिए। डीयू के कॉलेज दोबारा खोलने के सवाल पर कुलपति योगेश ङ्क्षसह ने कहा था कि वे छात्रों को परिसर में लौटने के लिए कुछ दिनों का समय देंगे। वहीं देरशाम तक वीसी कार्यालय पर जमें प्रदर्शनकारी छात्रो को पुलिस द्वारा परिसर से हटा दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस व गार्डों पर मारपीट करने और हिंसक तरीके से हिरासत में लेने का आरोप लगाया। एसफर्आ ने कहा कि पुलिस ने जो व्यवहार किया वह शर्मनाक है। वहीं दिल्ली पुलिस ने किसी तरह की बदसलूकी से इंकार किया। साथ ही कहाकि महिला प्रदर्शनकारियों को संभालने के लिए पर्याप्त संख्या में महिला पुलिसकर्मी मौजूद थी। सबको हटा दिया गया और कोई हिरासत में नहीं है।
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