Sunday, May 28, 2023
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Use of polluting fuel will be heavy, commission will charge fine

प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन का उपयोग पड़ेगा भारी, आयोग वसूलेगा जुर्माना

  • Updated on 12/28/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली, हरियाणा, यूपी सहित एनसीआर के इलाकों में कोयला या प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन का उपयोग करने वालों पर सख्ती से निपटा जाएगा। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने आज उद्योगों, औद्योगिक इकाइयों सहित सभी क्षेत्रों को याद दिलाया कि वे कोयला या ऐसे ईंधन का उपयोग न करें जिसे मंजूरी नहीं दी गई है। 
     हालंाकि थर्मल पावर प्लांट्स में कम सल्फर वाले कोयले को राहत है लेकिन बाकी किसी भी ऐसे ईंधन का उपयोग करने वालों के खिलाफ एक जनवरी से भारी पर्यावरण मुआवजा लगाने के साथ-साथ इस्तेमाल करने वाले संस्थान को बंद करने की सजा का सामाना करना पड़ेगा। आयोग के वैधानिक निर्देशों के अनुसार सभी क्षेत्रों औद्योगिक, वाणिज्यिक आदि में साफ ईंधन का ही उपयोग होना चाहिए। 
    बता दें कि इस बाबत आयोग ने 23 जून, 2022 को भी निर्देश जारी किए थे। इसके साथ ही दिल्ली, एनसीआर में मंजूर ईंधन के उपयोग के संबंध में निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए  आयोग के उडऩ दस्ते को गुप्त दौरे करेंगे और अस्वीकृत ईंधन के उपयोग सहित आयोग द्वारा जारी किए गए निर्देशों का उल्लंघन और गैरअनुपालन, पर्यावरणीय मुआवजा लगाने के अलावा उस संस्थान को सीधे बंद करवाया जाएगा। वैधानिक निर्देशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ अभियोजन कार्रवाई शुरू की जाएगी। 

मंजूरी शुदा ईंधन...
-पेट्रोल, डीजल-बीएस-4, वाहनों एवं औद्योगिक कामकाज के लिए हाइड्रोजन मीथेन
-प्राकृतिक गैस-सीएनजी/पीएनजी/एलएनजी जो कि वाहन, औद्योगिक और घरेलू इस्तेमाल के लिए हो
-एलपीजी, बिजली 
-विमान ईंधन, बायो फ्यूल, धार्मिक उद्देश्यों के लिए जलाऊ लकड़ी, होटल रेस्तराओं में में तंदूर में लकड़ी आदि, कपड़ा प्रेस के लिए लकड़ी का कोयला। शमशान भूमि में बिजली, सीएनजी, जलाऊ लकड़ी 
 

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