नई दिल्ली/ब्यूरो। राजधानी में दवा की दुकानों पर अब फॉर्मासिस्ट की मौजूदगी के बिना दवा बेचना आसान नहीं रह जाएगा। फॉर्मासिस्ट के बिना दवा बेचने वाले ऐसे विक्रेताओं पर अंकुश लगाने के लिए ड्रग कंट्रोल विभाग ने नियम और प्रक्रियाओं को सख्ती से लागू करने का फैसला किया है। ताजा विभागीय निर्देश के मुताबिक अब दवा विक्रेताओं को दवा की पर्ची पर फॉर्मासिस्ट के हस्ताक्षर और मुहर लगाने होंगे।
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विभाग ने स्पष्ट किया है कि नियमों और प्रक्रियाओं के मामले में लापरवाही बरतने वाले दवा विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं दोषी केमिस्ट/फॉर्मासिस्ट का लाइसेंस निरस्त करने के साथ छह माह के कारावास का भी प्रावधान है। सनद रहे कि नवोदय टाइम्स ने 3 अगस्त के अंक में ‘नौसिखिए लड़के दे रहे, संभलकर लें दवाई’ शीर्षक से खबर में केमिस्टों द्वारा दी गई दवाइयों से लोगों के बीमार होने के मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है।
संबंधित खबर में राजधानी दिल्ली में दवाइयों की बिक्री में लापरवाही को उजागर करते हुए केमिस्टों से खरीदी गई दवा के दुष्प्रभाव और जोखिम को भी बाकायदा उजागर किया गया है। खबर के प्रकाशित होने के बाद विभाग की ओर से जारी ताजा निर्देश से फॉर्मासिस्ट के बिना संचालित होने वाले दवा दुकानों पर नकेल कसना संभव होगा। साथ ही बिना डॉक्टर की सलाह के दवा बेचने और खरीदने के चलन पर भी रोक लग पाएगी।
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विभाग के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो सरकारी स्तर पर एंटीबॉयोटिक दवाओं की बिक्री को लेकर ठोस नियम और प्रक्रिया नहीं है। जिससे सरकारी स्तर पर प्रतिदिन बिकने वाली दवाइयों से संबंधित आंकड़े उपलब्ध नहीं होते हैं। बिना डॉक्टरी परामर्श के एंटीबॉयोटिक दवाइयों का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक साबित हो सकता है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक शीघ्र ही इससे संबंधित ट्रैक रिकार्ड भी बनाया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक केमिस्ट को एंटीबॉयोटिक दवाइयों की खरीद और बिक्री से संबंधित जानकारी प्रति माह विभाग को सौंपनी होगी। सूत्रों की मानें तो आदेश को जारी कर इसकी निगरानी के लिए टीम भी गठित कर दी गई है।
ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1945 के तहत केमिस्ट को अब दवाईयों की पर्ची पर फार्मासिस्ट का मुुहर और हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा। लंबे समय से इस आशय में जानकारी मिल रही थी कि शेड्यूूल ड्रग लाइसेंस धारक दवा दुकानदार पर्ची पर मुहर और हस्ताक्षर किए बिना ही दवा बेच रहे हैं। विभागीय स्तर पर इस मामले में पूरी निगरानी रखी जाएगी। -केसी अग्रवाल, डिप्टी ड्रग कंट्रोलर
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