Friday, Mar 24, 2023
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जानिए कौन थे दुल्ला भट्टी, जिन्हें आभार जताए बिना अधूरा है लोहड़ी का त्योहार

  • Updated on 1/13/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। नए साल की शुरुआत के साथ ही त्योहारों की भी शुरुआत हो गई है। साल का पहला त्योहार लोहड़ी (Lohri) का पर्व हर साल की तरह इस बार भी 13 जनवरी को मनाया जाएगा। पंजाब और हरियाणा में इस त्योहार का महत्व काफी अधिक है। इस दिन लोग भगवान को फसल की अच्छी पैदावार के लिए धन्यवाद देते हैं और इसके साथ ही अगली बार भी इससे अच्छी पैदावार हो इसकी कामना करते हैं। इस दिन दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का भी अलग ही महत्व हैं।

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दुल्ला भट्टी की कहानी का महत्व
लोक मान्यताओं के अनुसार मुगल शासन काल में अकबर के समय में दुल्ला भट्टी नाम का एक व्यक्ति पंजाब में रहा करता था। दुल्ला भट्टी वैसे तो एक डाकू था लेकिन अंदर से वो एक सज्जन पुरुष था। ऐसे में एक दिन उसे पता चला कि कुछ लोग लालच में आकर लड़कियों को मोटे मुनाफे पर बेच रहे थे। उस वक्त दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों की जान बचाकर उनकी शादी करवाई। जिसके बाद से ही दुल्ला भट्टी पूरे राज्य में फेमस हो गए। ऐसे में हर साल उन्हें सम्मान देने के लिए इस कहानी को सुनाया जाता है। 

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पूजन विधि

  • घर की पश्चिम दिशा में पश्चिममुखी होकर काले कपड़े पर महादेवी का चित्र स्थापित कर विधिवत पूजन करें।
  • सरसों के तेल का दीप करें,
  • लोहबान से धूप करें, सिंदूर चढ़ाएं, बिल्वपत्र चढ़ाएं
  • रेवड़ियों का भोग लगाएं 
  • सूखे नारियल के गोले में कर्पूर डालकर अग्नि प्रज्वलित कर रेवड़ियां, मूंगफली व मक्की अग्नि में डालें
  • होम करें तथा 7 बार अग्नि की परिक्रमा करें।
  • पूजन के बाद भोग प्रसाद रूप में वितरित करें। 

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लोहड़ी का लोक गीत

 सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन विचारा हो,
दुल्ला भट्ठी वाला हो, दुल्ले दी धी व्याही हो,
सेर शक्कर पाई हो, कुड़ी दे जेबे पाई हो,
कुड़ी दा लाल पटाका हो, कुड़ी दा सालू पाटा हो,
सालू कौन समेटे हो, चाचे चूरी कुट्टी हो,
जमीदारां लुट्टी हो, जमीदारां सदाए हो,
गिन-गिन पोले लाए हो, इक पोला घट गया,
जमींदार वोहटी ले के नस गया, इक पोला होर आया,
ज़मींदार वोहटी ले के दौड़ आया,
सिपाही फेर के लै गया, सिपाही नूं मारी इट्ट, भावें रो ते भावें पिट्ट,
साहनूं दे लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी

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उपाय
अगर आप किसी परेशानी को झेल रहे हैं या फिर किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो आप इन उपायों को अपनाकर आप अपने आपको परेशानियों से मुक्त कर सकते हैं।

  • दुर्भाग्य दूर करने हेतु महादेवी पर चढ़ी रेवड़ियां गरीब कन्याओं में बाटें। 
  • पारिवारिक क्लेश से मुक्ति हेतु देवी पर चड़ी उड़द की खिचड़ी काली गाय को खिलाएं।
  • सौभाग्य की प्राप्ति हेतु त्रिपुरा सुंदरी पर भोग गुड़-तिल के लड्डू काली गाय को खिलाएं।
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