नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कोरोना महामारी से जुड़ी पाबंदियों के हटने के बाद से नैशनल म्यूज़ियम ऑफ़ इंडियन सिनेमा (NMIC) लोगों के लिए फिर से खोल दिया गया है। ऐसे में तमाम सिनेमाप्रेमी बड़ी संख्या में कोविड नियमों का पालन करते हुए एक बार फिर से संग्रहालय का रुख करने लगे हैं। संग्रहालय के माध्यम से लोगों को सिनेमा जगत की ऐतिहासिक व अहम फ़िल्मों के बारे में जानने का मौक़ा मिलता है। हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत NIMC का राष्ट्रीय फ़िल्म विकास निगम (NFDC) में विलय कर दिया गया। संग्रहालय के दोबारा खोले जाने पर उसने द विंटेज ऐंड क्लासिक कार क्लब (VCCCI) के साथ साझेदारी कर संग्रहालय परिसर में विंटेज कारों की एक भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया। उल्लेखनीय है कि VCCCI के तमाम तरह के मूल्य, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने व उसे सहेजने की नीति संग्रहालय के चरित्र से मेल खाती हैं। ऐसे में प्रदर्शनी और सिनेमा संग्रहालय की यह साझेदारी अपने आप में बेहद अनूठी है।
इस विशेष अवसर पर फ़रहाद सामजी द्वारा निर्देशित फ़िल्म 'बच्चन पांडे' के लोकप्रिय कलाकार भी मौजूद थे। इस अनूठी प्रदर्शनी में अक्षय कुमार और कृति सैनन ने अपनी विशेष मौजूदगी दर्ज़ कराई। यह अवसर इसलिए भी ख़ास था क्योंकि कोरोना महामारी के बाद पहली बार NIMC के द्वार आम जनता के लिए खोले गये हैं। यह संग्रहालय मंगलवार से रविवार तक रोज़ाना सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक ख़ुला रहता है और हर सोमवार और राष्ट्रीय अवकाश के अवसर पर बंद रखा जाता है।
NMIC के पास पुरातन वस्तुओं का एक विशाल संग्रह मौजूद है। इसमें शिवाजी गणेशण द्वारा फ़िल्म 'वीरा पंड्या कट्टाबोम्मन' में धारण किया गया सुरक्षा कवच, फ़िल्म 'आदिमै पेन' में एम. जी. रामचंद्र द्वारा पहना गया लाल रंग का कोट भी शामिल है। इसके अलावा, यहां पर तमाम ऐतिहासिक व लोकप्रिय फ़िल्मों से जुड़ी वस्तुएं, पुरातन साज़ो-सामान, पोस्टर, अहम साबित हुईं फ़िल्मों की कॉपियां, प्रचार सामग्रियां, गाने, ट्रेलर, सिनेमा से जुड़ी पुरानी पत्रिकाएं, फ़िल्म निर्माण व वितरण से जुड़े आंकड़े इत्यादि भी संग्रहित हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय सिनेमा के इतिहास के गौरव को दर्शाती इन सभी वस्तुओं को कालक्रमबद्ध ढंग से संग्रहित किया गया है।
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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव सुश्री नीरजा शेखर कहती हैं, "नैशनल म्यूज़ियम ऑफ़ इंडियन सिनेमा एक बेहद महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका उद्घाटन 2019 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया था। कोरोना के चलते एक लम्बे समय तक सिनेमाप्रेमी संग्रहालय में आने से वंचित रहे। ऐसे में हम एक बार फिर से लोगों का यहां पर स्वागत करते हैं। इस संग्रहालय में देशभर के सिनेमा और सिनेमा की हस्तियों से जुड़ी कई विशेष वस्तुएं संग्रहित हैं। इस संग्रहालय को समय-समय पर अपग्रेड किया जाता रहेगा और सिनेमा से इतिहास से जुड़ीं सभी अहम वस्तुओं को इसमें जोड़ा जाता रहेगा।"
इस ख़ास मौके पर NFDC के निदेशक श्री रवींदर भाकर ने कहा, "आनेवाले दिनों में यह संग्रहालय एक विशिष्ट संग्रहालय के रूप में अपनी एक अलग पहचान स्थापित करेगा। एशिया के इस सर्वश्रेष्ठ संग्रहालय का निर्माण दुनिया भर के प्रतिष्ठित संग्रहालयों की गुणवत्ता व गौरव को ध्यान में रखकर किया गया है। नैशनल म्यूज़ियम ऑफ़ सिनेमा में प्रदर्शित ऐतिहासिक व दुर्लभ किस्म की वस्तुएं इसे एक अनूठे संग्रहालय के तौर पर स्थापित करती है, जो लोगों को यादों की सुनहरी गलियारों में ले जाती है। इस संग्रहालय की बनावट भी अपने आप में अद्धभुत व बेहद दर्शनीय है।
इस मौके पर अभिनेता अक्षय कुमार ने कहा, "यहां आकर मैं बेहद ख़ुश हूं। NIMC के साथ जुड़ना मेरे लिए एक बेहतरीन अनुभव रहा। मैं यहां संग्रहित की गईं तमाम फ़िल्मों को देख-देखकर बड़ा हुआ हूं। हर शख़्स को इस भव्य संग्रहालय में आकर इसका लाभ उठाना चाहिए। महान फ़िल्मकारों से जुड़ी वस्तुओं व फ़िल्मों के विशाल संग्रह को देखकर मुझे यह कहने में कोई गुरेज़ नहीं है कि यह जगह हर फ़िल्मकार के लिए किसी मंदिर से कम नहीं है।" VCCCI के अध्यक्ष श्री नितिन दोस्सा ने कहा, "NIMC के साथ साझेदारी कर हम बेहद ख़ुश हैं। दोनों ही पुरातन चीजों को सहेजने व उससे बेहतरीन ढंग से प्रदर्शित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। हम ऐतिहासिक रूप से अहम सभी वाहनों व उससे जुड़ी वस्तुओं को समय-समय पर प्रदर्शित करते रहते हैं। VCCCI लोगों को सावधानीपूर्वक कार चलाने व उन्हें सड़क सुरक्षा के प्रति भी सचेत करता रहता है। NIMC के साथ आगे भी साझेदारी की उम्मीद लिये हम सभी को आज़ादी के अमृत महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं।"
Come and visit #NMIC,I promise it will be definitely an memorable visit https://t.co/BRgKi31MFZ — Ravinder Bhakar (@ravinderbhakar) March 13, 2022
Come and visit #NMIC,I promise it will be definitely an memorable visit https://t.co/BRgKi31MFZ
इस मौके पर कृति सैनन ने कहा, "मैं इस संग्रहालय में आकर बेहद प्रभावित हुई. इसे जिस तरह से क्यूरेट किया गया है, वो भी बेहद दर्शनीय है। मुझे नहीं पता था कि 1940 दशक में दक्षिण भारत में बनी सबसे महंगी फ़िल्मों में से एक 'चंद्रलेखा' वो पहली फ़िल्म थी जिसने पूरे भारत में अपनी एक अलग पहचान कायम की थी और दक्षिण भारत के निर्माताओं को उत्तर भारत के फ़िल्म बाज़ार में अपनी फ़िल्मों को प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित किया था।" नैशनल म्यूज़ियम ऑफ़ सिनेमा (NMIC) के बारे में:
यह संग्रहालय दो इमारतों में स्थित है - संग्राहलय की नवनिर्मित इमारत में और 19वीं सदी के ऐतिहासिक गुलशन महल इमारत में। उल्लेखनीय है कि यह दोनों ही इमारतें मुम्बई के फ़िल्म्स डिविज़न परिसर में स्थित हैं।
1) संग्रहालय की नवनिर्मित इमारत में प्रदर्शनी से संबंधित चार हॉल हैं:
- एक हॉल पूरी तरह से महात्मा गांधी और उनसे संबंधित सिनेमा के लिए समर्पित है। इसमें महज़ गांधी पर बनी फ़िल्मों को प्रदर्शित नहीं किया गया है, बल्कि यहां पर सिनेमा पर गांधी के गहरे प्रभावों को भी रेखांकित किया गया है। - चिल्ड्रेन फ़िल्म स्टूडियो: यहां आनेवाले लोगों, ख़ासकर बच्चों को फ़िल्म निर्माण संबंधित विज्ञान, टेक्नोलॉजी व कला से परिचित कराया जाता है। यहां पर परस्पर संवाद के माध्यम से लोगों को सिनेमा से जुड़े कई पहलुओं से प्रत्यक्ष तौर पर रूबरू होने का मौक़ा मिलता है। इनमें कैमरा, लाइट, शूटिंग, एक्टिंग से संबंधित अनुभव इत्यादि शामिल हैं। यहां प्रदर्शित वस्तुओं में क्रोमा स्टूडियो, इमर्सिव एक्पीरियंस ज़ोन, स्टॉप-मोशन ऐनिमेशन स्टूडियो, वर्चुअल मेकओवर स्टूडियो इत्यादि का शुमार है। - टेक्नोलॉजी, रचनात्मकता व भारतीय सिनेमा: इस खंड में भारतीय सिनेमा के अब तक के इतिहास में फ़िल्मों में विशिष्ट तरह के प्रभाव पैदा करने के लिए प्रयोग की जानेवाली विभिन्न तरह की टेक्नोलॉजी को जगह दी गयी है। - संपूर्ण भारत से संबंधित सिनेमा: इस खंड में देशभर की सिनेमाई संस्कृति की करिश्माई उपस्थिति को प्रमुखता से दर्शाया गया है।
2) गुलशन महल की पहचान ASI ग्रेड-II हेरिटेज स्ट्रक्चर के तौर पर होती है। NIMC परियोजना के अंतर्गत हाल ही में इसका जीर्णोद्धार किया गया है। यहां पर प्रदर्शित वस्तुओं के माध्यम से सिनेमा के 100 वर्षों की यात्रा को बड़े ही प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इसे कुल 9 खंडों में बांटा गया है: सिनेमा का उद्गम, भारत में सिनेमा का आगमन, सिनेमा में ध्वनि का आगमन, स्टूडिया व्यवस्था का काल, द्वितीय विश्वयुद्ध का प्रभाव, रचनात्मक पुनर्जागरण, सिनेमा की नई धारा व उसके परे और क्षेत्रीय सिनेमा।
विंटेज ऐंड क्लासिक कार क्लब ऑफ़ इंडिया (VCCCI) के बारे में:
VCCCI की पहचान भारत के सबसे पुराने व प्रतिष्ठित विंटेज कार व क्लासिक क्लब के तौर पर होती है। 1985 में अपनी शुरुआत से ही इस क्लब ने भारतीय पुरातन ऑटोमोबाइल व कारों को सहेजने में अग्रणी भूमिका निभाई है। VCCCI विंटेज व क्लासिक कारों को सहेजनेवाले लोगों का एक ऐसे अनूठा समुदाय है जो पूरे उत्साह के साथ समुदाय से जुड़े लोगों को शिक्षित व उनकी सहायता कर पुरातन कारों को सहेजने में यकीन रखता है।
राष्ट्रीय फ़िल्म विकास निगम (NFDC) के बारे में:
राष्ट्रीय फ़िल्म विकास निगम (NFDC) की शुरुआत 1975 में भारत सरकार की ओर से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा की गयी थी। इसका मुख्य उद्देश्य हमेशा से ही भारत में बेहतरीन किस्म की फ़िल्मों को बढ़ावा देना रहा है। NFDC भारत में विभिन्न भारतीय भाषाओं में बननेवाली स्वतंत्र किस्म की फ़िल्मों के निर्माण, वितरण व उनके विकास में अहम भूमिका निभाता रहा है।
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