नई दिल्ली/टीम डिजिटल। 'रांझणा', 'तनु वेड्स मनु' जैसी बेहतरीन फिल्में बनने वाले मशहूर फिल्म मेकर आनंद एल रॉय (anand l rai) आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं। ब्लॉकबास्टर फिल्में देने वाले आनंद एल रॉय रियल लाइफ में भी काफी अच्छे इंसान है। वहीं 'मीटू मूवमेंट' (#MeToo) अभियान को बढ़ावा देने वाली एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता (tanushree dutt) ने जब नाना पाटेकर के खिलाफ योन शोषण को लेकर आवाज उठाई थी तब धीरे-धीरे कर इंडस्ट्री से कई बड़े फिल्म मेकर्स के चेहरे सामने आएं थे। वहीं इन सब चीजों से दूर आनंद एल रॉय ने तनुश्री दत्ता का साथ देते हुए कहा था कि गलती हम फिल्म मेकर्स की वजह से हो रहा है।
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उन्होंने कहा था कि यह सब हमारी सोच, सदियों से चली आ रही रूढ़िवादी मानसिकता और फिल्मों में महिलाओं को दिखाने का नतीजा है। हमें यौन शोषण से जुड़ी घटनाओं पर लगातार बात करनी होगी और कुछ अहम फैसले भी करने होंगे, जिसका परिणाम तुरंत नहीं मिलेगा, बल्कि जो निर्णय हम आज लेंगे, उस पर ठीक तरह से बदलाव आने में 25 साल तो लग ही जाएंगे।'
आनंद कहते हैं, 'एक समय ऐसा भी रहा है, जब लोग फिल्मकारों से पूछते थे कि आपकी हिरोइन बहुत पवित्र लगती हैं, ऐसा इस लिए था क्योंकि हम फिल्मों में महिलाओं को उसी पवित्रता के साथ दिखाते थे। आज हम लड़कियों को अलग-अलग टैग्स देते हैं, आज के तमाम गाने हैं, जिनमे लड़की को न जाने क्या-क्या टैग्स दिए जाते हैं।'
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आनंद बताते हैं, 'तनुश्री दत्ता ने यौन शोषण को लेकर अपनी बात रखी है तब से इस बारे में खूब बातें हो रही हैं। मेरे ऑफिस में भी इस बारे में लोग अपने अलग-अलग विचार रख रहे हैं। मुझे लगता है इस तरह की घटनाओं में हमारे इतिहास का भी कुछ योगदान है। सदियों से हमारा समाज पुरुष प्रधान रहा है, शायद अब हम उतने मेल डॉमिनेट सोसायटी वाले नहीं है। हमने महिलाओं को हमेशा पुरानी सोच के हिसाब से रखा, हमनें उन्हें सदैव डिपेन्डन्ट रखा है। यह बात भी है कि महिलाओं के मामले में हम लगातार बेहतर हो रहे हैं।
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'आज तनुश्री गुस्से में हैं क्योंकि वह मुश्किल समय से लड़कर आई हैं और लड़ रही हैं, लेकिन इस समस्या का समाधान गुस्से से नहीं होगा। मुझे यहां पर मजरुह सुल्तानपुरी की वह लाइन याद आती है, जो उन्होंने कही थी कि हम फिल्मों में जिस तरह महिलाओं को दिखाएंगे, समाज में उसका इम्पैक्ट वैसा ही पड़ेगा। लतियां हम फिल्म मेकर्स की भी हैं। महिलाओं को मिलने वाले टैग्स में हम भी जिम्मेदार हैं। हमें बहुत ध्यान देना होगा, हम जो कर रहे हैं या कह रहे हैं। यह फिल्म इंडस्ट्री एक परिवार की तरह है और हमें इस परिवार का ध्यान देना होगा, वरना समाज में हमारी इमेज इसी तरह की बनती रहगी।'
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