Friday, Jun 09, 2023
-->
constitution-of-dharma-censor-board-to-review-religious-content-related

टीवी, ओटीटी और फ़िल्मों से जुड़े धार्मिक कंटेट की‌ समीक्षा के लिए धर्म संसद बोर्ड का गठन

  • Updated on 1/4/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। फ़िल्मों, ओटीटी और टीवी सीरियल्स में हिंदू धर्म से जुड़े कंटेट को नियंत्रित करने‌ के लिए जगत गुरू शंकराचार्य के नेतृत्व में धर्म सेंसर बोर्ड के सलाहकार तरुण राठी बने हैं।

टीवी, ओटीटी और फ़िल्मों में हिंदू धर्म व हिंदू प्रतीकों के चित्रण से आए दिन तमाम हिंदुओं की भावनाएं आहत होने की ख़बरें सुर्ख़ियों में छाई रहती हैं और इसे लेकर ख़ूब हंगामा भी होता है. आगे से समस्त हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान‌ करने और हिंदु प्रतीकों की छेड़छाड़ से पैदा होनेवाले विवादों से बचने लिए हिंदुओं के सर्वोच्च गुरू जगत गुरू शंकराचार्य ने धर्म सेंसर बोर्ड के गठन का ऐलान कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश फ़िल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष तरुण राठी इस नवगठित धर्म सेंसर बोर्ड के प्रमुख सलाहकार होंगे. मनोरंजन के उद्देश्य से बनाए जानेवाले तमाम तरह के कंटेट को रिलीज किये जाने से पहले बोर्ड के पास टीवी, ओटीटी और फ़िल्मों के कंटेट की समीक्षा करने का विशेषाधिकार होगा।

धर्म सेंसर बोर्ड के गठन के मौके पर जगत गुरू शंकराचार्य ने अपनी प्रसन्नता जताते हुए कहा, "चंद मुट्ठीभर लोग दुनियाभर में 800 करोड़ दर्शकों के मनोरंजन से जुड़े सशक्त माध्यमों का‌ इस्तेमाल हुए जिस तरह के कंटेट का निर्माण करते हैं, उससे वे हिंदू धर्म, संस्कृति और परंपराओं की संवेदनशीलता की पूरी तरह से अवहेलना करते हैं और ऐसे कंटेट से समाज पर होनेवाले असर की कतई परवाह भी नहीं करते हैं।

ऐसे में आम लोग टीवी, ओटीटी और फ़िल्मों में इस तरह के आपत्तिजनक कंटेट को नियंत्रित करने के लिए एक विशेष तरह की संस्था के गठन‌ की मांग कर रहे थे. फिर चाहे बात आपत्तिजनक सीन्स की हो, संवाद की हो या फिर स्क्रिप्ट की; इस नवगठित बोर्ड के पास सभी तरह के कंटेट की समीक्षा का अधिकार होगा. जनता की‌‌ भारी मांग को देखते हुए गठित किया गया यह बोर्ड इस बात का ध्यान रखेगा कि करोड़ों लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करनेवाले असंवेदनशील कंटेट आम लोगों तक ना पहुंचे और उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत‌ ना‌ करे।

इस मौके पर तरुण राठी ने भी अपनी बात रखी और कहा, "बोर्ड का लक्ष्य महज़ हिंदू धर्म की रक्षा करना नहीं है, बल्कि इसका एक मक़सद यह भी होगा कि फ़िल्ममेकर्स अपने कंटेट को रिलीज़ से पहले सर्वोच्च धार्मिक संस्था की अनुमति हासिल करें ताकि टीवी, ओटीटी और फ़िल्मों के प्रस्तुतिकरण से आम लोगों की भावनाएं आहत ना हों और इसी‌ के साथ मनोरंजन करने का उनका उद्देश्य भी पूरा हो सके।"

उल्लेखनीय है कि तरुण राठी साल 2005 में सेंसर बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं और फ़िलहाल वे उत्तर प्रदेश फ़िल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष और योगी सरकार में राज्य मंत्री के तौर पर भी कार्यरत हैं. ग़ौरतलब है कि तरुण राठी के अलावा इस बोर्ड के सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं: -

- शंकराचार्य मुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज 1008
- सुरेश मनचंदा (मीडिया विशेषज्ञ)
- पीएन मिश्रा (सुप्रीम कोर्ट के वकील)
- स्वामी चक्रपाणी (प्रवक्ता, सनातन धर्म)
- नीरजा माधवजी (साहित्य एवं संस्कृति संबंधी मामलों की विशेषज्ञ)
- मानसी पांडे (अभिनेत्री)
- कैप्टन अरविंद सिंह भदौरिया (सामाजिक मामलों के विशेषज्ञ)
- प्रीति शुक्ला (संस्कृति मामलों के विशेषज्ञ)
- डॉ. गार्गी पंडित (सनातन धर्म के  विशेषज्ञ)
- डॉ. धर्मवीर (इतिहासकार व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पूर्व निदेशक) आदि.

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.