Thursday, Mar 30, 2023
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exclusive interview with dasvi starcast

गंगाराम चौधरी आखिर ‘दसवीं’ पास क्यों करता है...?  जानने के लिए पढ़ें ये INTERVIEW

  • Updated on 4/7/2022
  • Author : Jyotsna Rawat

ज्योत्सना रावत। अभिषेक बच्चन हर फिल्म में अपने किरदार को दिल से निभाते हैं। इस बात का अंदाजा आप उनकी फिल्म ‘दसवीं’ देखकर लगा सकते हैं। इस फिल्म को नैटफ्लिक्स और जियो सिनेमा पर 7 अप्रैल से देखा जा सकता है। फिल्म एक अनपढ़, भ्रष्ट और आडंबरपूर्ण नेता की कहानी बताती है, जो जेल में फंसने के बाद एजुकेशन के महत्व के बारे में समझ पाता है। ‘दसवीं’ की पटकथा रितेश शाह, सुरेश नैयर और संदीप लेजेल ने लिखी है। राम बाजपेयी को कहानी का श्रेय दिया गया है। तुषार जलोटा ने इसे डायरैक्ट किया है। प्रोमोशन के लिए दिल्ली पहुंची फिल्म की स्टारकास्ट अभिषेक बच्चन, निमरत कौर और डायरैक्टर तुषार ने पंजाब केसरी जालंधर/ नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश :

पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं इस फिल्म को

फिल्म ‘दसवीं’ को लेकर उत्साहित अभिषेक बच्चन ने बताया कि वे इस फिल्म में गंगा राम चौधरी का किरदार निभा रहे हैं, जो एक मुख्यमंत्री है और भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में है। जेल में रहने के दौरान उसे कई मुश्किलें उठानी पड़ती हैं। गंगाराम आठवीं पास है और इस दौरान जेल से ही 10वीं पास करने का फैसला करता है। इसी बीच उसका सामना वहां की जेलर ज्योति देसवाल जिसका किरदार यामी गौतम निभा रहीं हैं, से होता है। अब दोनों के बीच ईगो की टक्कर हो जाती है। वहीं, दूसरी तरफ गंगाराम की पत्नी बिमला देवी चीफ मिनिस्टर बन जाती है। आगे आप खुद फिल्म देखेंगे तो समझ पाएंगे कि गंगा राम आखिर दसवीं पास क्यों करता है? सबको लग रहा है कि यह फिल्म एजुकेशन पर या किसी सोशल मैसेज पर आधारित है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। यह फिल्म प्रॉपर हिंदी मसाला फिल्म है, जिसे आप पूरे परिवार के साथ एंज्वॉय करेंगे। 

नई जैनरेशन में गजब का कॉन्फिडैंस
जब अभिषेक से पूछा गया कि उनकी फेवरेट एक्ट्रैस कौन हैं, तो उन्होंने कहा, ‘हम सभी के साथ काम करते हैं तो यह बता पाना बहुत मुश्किल है। हां, मैं ये जरूर बताना चाहूंगा कि आज की जो जैनरेशन है चाहे वो एक्टर्स हों, डायरैक्टर्स हों या राइटर, सभी में गजब का कॉन्फिडैंस लैवल है। हम तो कुछ भी नया करने में डरते थे कि पता नहीं लोगों को पसंद आएगा या नहीं लेकिन आज की जैनरेशन कुछ भी नया ट्राई करने में डरती नहीं है।’ 

बहुत मजा आया हरियाणवी सीखने में

हरियाणवी भाषा पर बात करते हुए निमरत बताती हैं कि सबको लग रहा है कि ये मेरे लिए मुश्किल रहा होगा लेकिन सच कहूं तो मुझे ये सीखने के दौरान मजा आया क्योंकि आपको ऐसा कुछ नया सीखने का मौका जिंदगी में बहुत कम मिलता है। मेरा एक्सपीरियंस बहुत अच्छा रहा। इसमें हमारे डायरैक्टर तुषार ने बहुत मदद की।   
मैं आर्मी बैकग्राऊंड से हूं

निमरत महिलाओं के मुद्दे पर बात करते हुए कहती हैं, ‘मैं आर्मी बैकग्राऊंड से हूं, जिस वजह से कई जगह रहने का मौका मिला है। मैं ये कहना चाहूंगी कि हमारा देश बहुत बड़ा है। यहां अलग-अलग शहरों में महिलाओं को अलग महत्व दिया जाता है। सभी जगह की अपनी अलग पहचान है जैसे नोएडा, दिल्ली, मुंबई में महिलाओं का अलग वर्चस्व है। छोटे शहरों का थोड़ा अलग है। सुनने में जो आता है या टी.वी. पर जो दिखाया जाता है सच्चाई उससे अलग होती है। मेरा मानना है कि एजुकेशन सबसे जरूरी है। खासकर महिलाओं के लिए जिससे कि हमेशा उनके पास एक मौका रहे। 

मजेदार रहा एक्सपीरियंस  तुषार जलोटा

तुषार से पूछा गया कि फिल्म को आगरा की जेल में क्यों शूट किया गया तो उन्होंने बताया कि फिल्म की कहानी की जरूरत थी असल जेल में शूटिंग करना। यह तो कहानी पर निर्भर करता है कि हम कहां शूट कर रहे हैं। जब मैंने शूटिंग के लिए जगह देखना शुरू किया तो सिर्फ यही जगह परफैक्ट लगी। तुषार ने बताया कि सबके साथ काम करने का एक्सपीरियंस बहुत अच्छा था। तीनों ही काफी सुलझे हुए और हर चीज समझने वाले कलाकार हैं। किसी के साथ काम को लेकर कोई दिक्कत नहीं हुई। हां, शूटिंग खत्म होने के बाद अक्सर अभिषेक जी हमें कहानियां सुनाते थे, उन्हें हमने बहुत एंज्वॉय किया। वे अमिताभ बच्चन और जया बच्चन जी की बातें शेयर करते थे, तो सब कुछ काफी मजेदार रहा।

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