फिल्म: 'वध' निर्देशक: जसपाल सिंह संधू, राजीव बरनवाल स्टारकास्ट: संजय मिश्रा, नीना गुप्ता, मानव विज, सौरभ सचदेवा, दिवाकर कुमा स्टार:4
सोनाली सिन्हा: जब हिंदी सिनेमा के दो मंझे हुए कलाकार एक साथ बड़े पर्दे पर उतरते हैं, तो बात ही कुछ और होती है। ऐसा ही नजारा आपको फिल्म वध में देखने को मिलेगा। इस क्राइम थ्रिलर फिल्म में नीना गुप्ता और संजय मिश्रा अहम रोल में नजर आने वाले हैं, तो वहीं मानव विज भी अहम किरदार में हैं। फिल्म इस शुक्रवार 9 दिसंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है। फिल्म को लव रंजन और अंकुर गर्ग द्वारा प्रस्तुत किया गया है, तो वहीं लेवल प्रडोक्शंस द्वारा इसे प्रोड्यूस किया गया है।
कहानी फिल्म की कहानी ग्वालियर में रहने वाले एक साधारण से परिवार की है, जहां बुजुर्ग माता-पिता (शंभुनाथ मिश्रा-मंजू मिश्रा) अपने एकलौते बेटे की पढ़ाई के लिए प्रजापति पांडे (सौरभ सचदेवा) से पैसे उधार में लेता है, जो वहां के विधायक (जसपाल सिंह संधू) का आदमी होता है।
वहीं विदेश में अपनी फैमिली के साथ सेटल होने के बाद बेटा अपने बूढ़े मां-बाप को इग्नोर करना शूरू कर देता है। दूसरी तरफ अपने पैसे वसूलने के लिए प्रजापति पांडे शंभुनाथ और उनकी पत्नी मंजू को आए दिन उनके घर में घुसकर उनके साथ बदतमीजी करता है। कभी वह उनके घर में दारू पीता है तो, कभी लड़की लाता है... ये सब कुछ झेलने के बाद भी लाचार पति-पत्नी जैसे-तैसे अपना गुजार कर ही रहे थे कि एक दिन कुछ ऐसा हो जाता है, जिसके बारे में किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।
एक दिन जब पानी सर से ऊपर चढ़ जाता है, तो गुस्से में शंभुनाथ मिश्रा पांडे को जान से मार देता है और उनकी लाश को बरामद कर देता है। वहीं सुबह यह खबर पूरे शहर में फैल जाती है कि प्रजापति पांडे लापता है। पुलिस (मानव विज) प्रजापति को मारने वाले की तलाश में जुट जाती है। अब ऐसे में क्या शंभुनाथ मिश्रा पकड़े जाएंगे या नहीं... यह जानने के लिए आपको थिएटर तक जाना पड़ेगा।
एक्टिंग फिल्म में जब दो मंझे हुए कलाकार होते हैं तो जाहिर सी बात है कि उनके किरदार आपके जहन में उतर जाते हैं। ऐसा ही कमाल नीना गुप्ता और संजय मिश्रा ने इस फिल्म में किया है। दोनों ने दमदार अभिनय किया है। नीना गुप्ता और संजय मिश्रा अपने किरदारों में इतना रम गए हैं कि कुछ देर के लिए भूल जाएंगें कि आप फिल्म देख रहे हैं। मानव विज ने भी पुलिस वाले के किरदार में अच्छा काम किया है तो वहीं सौरभ सचदेवा ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है।
डायरेक्शन जसपाल सिंह संधू, राजीव बरनवाल ने अच्छा काम किया है। उन्होंने एक साधरण से परिवार के संघर्ष को बेहतरीन तरीके से बड़ी पर्दे पर दर्शाया है। वहीं मेकर्स ने जिस तरह से क्लाइमैक्स को दिखाया है, जो बेहतरीन है।
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