Saturday, Jun 10, 2023
-->
i was surprised to see love between people from two different eras say ishaan dhawan

'दो बिल्कुल अलग-अलग युगों के लोगों के बीच पनपते प्यार को देखकर मैं हैरान था'- ईशान धवन

  • Updated on 3/1/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल।  सोनी सब का आगामी रोमांस ड्रामा 'ध्रुव तारा समय सदी के परे' दो अलग-अलग युगों के लोग, ध्रुव और तारा की जिंदगी पर आधारित है। यह शो एक ऐसी प्रेम कहानी को प्रस्तुत करता है जिसे टेलीविजन पर पहले कभी नहीं देखा गया है। तारा रिया शर्मा 17वीं सदी की एक राज कुमारी है वह समय की रफ्तार से आगे का यात्रा करती है और वर्तमान में पहुंच जाती है , जहां उसकी मुलाकात ध्रुव ईशान धवन  से होती है, जो पेशे से एक न्यूरोसर्जन है। ध्रुव तारा के साथ सोनी सब ने सबसे अलग क्वालिटी कंटेंट पेश करने का अपनी सिलसिला जारी रखा है। जो परिवार के सभी सदस्यों के मन को छूता है। इस चैनल की नवीनतम पेशकश यह शो अपने नए अंदाज की किस्सागोई और विशिष्ट किरदारों के साथ दर्शकों का दिल जीतने के लिए तैयार हैं।

1. इस तरह की कहानी टेलीविजन पर नई है। आप क्या सोचते हैं, दर्शक इस शो और इसके कॉन्सेप्ट पर कैसी
प्रतिक्रिया करेंगे?
|
ध्रुव तारा का कॉन्सेप्ट बहुत दिलचस्प है, जिसमें अतीत से एक लड़की टाइम  पोर्टल के माध्यम से यात्रा करते हुए वर्तमान समय में पहुंच जाती है और वर्तमान में रहने वाले व्यक्ति से उसे प्यार हो जाता है। यह अद्भुत कहानी इस शो को दूसरों से अलग बनाती है। मेरा मानना है कि इसमें एक अत्यंत सम्मोहक आकर्षण कहानी है। एक टीम के रूप में हमने यह सुनिश्चित करने के लिए अपना सबसे बेहतरीन प्रयास करना किया है कि दर्शक पूरी कहानी का भरपूर आनंद उठा सके।

2. ध्रुव 2023 से है, जबकि तारा 17वीं सदी की है। दोनों के बीच रोमांस भरी प्रेम कहानी हकीकत से परे और इस
दुनिया से बाहर की लगती है। आप इस प्रेम कहानी के सफल होने के बारे में कैसे सोच रखते हैं?

अलग दुनिया के होने के बावजूद, ध्रुव और तारा में एक सम्बन्ध है जो समय और परिस्थितियों से परे है। जहां ध्रुव 21वीं सदी में साधारण जीवन जीने वाला एक हाजिरजवाब और आकर्षक डॉक्टर है, वहीं तारा 17वीं सदी के वैभवशाली संसार के एक शाही परिवार से आती है। लेकिन अपनी ऐश-ओ-आराम की परवरिश के बावजूद, तारा सुंदर हृदय वाली जमीेंनी स्तर की लड़की है।हालांकि, उनकी शुरुआती विभिन्नतओं से उनके बीच प्रेम होने की सांभावना प्रतीत नहीं होती, लेकिन एक-दूसरे के बीच  उनके सच्चे एहसास साबित करते हैं कि जब मामला दिल का होता है, तब उम्र, समय, स्थान, और
परिस्थितियां सब आखिरकार बेमानी हो जाती हैं। सच्चे प्यार के लिए मुश्किलों के पार जाने और अपने विश्वास के लिए लड़ने, अपने पार्टनर के लिए खड़ा होने और उसकी फिक्र होने का उसे एहसास कराने की जरुरत होती है। इस कहानी में, तारा जब वर्तमान युग में आती है, ध्रुव उसे आधुनिक दुनिया के अनुकूल बनाने में उसकी मदद करता है, लेकिन वह इसे कैसे करता है, इसे जानने के लिए आपको यह शो देखना होगा।

3. टाइम ट्रैवेल रोमांस टीवी शो के लिए एक अनोखा कॉन्सेप्ट है। आपको ध्रुव की भूमिका स्वीकार करने के लिए किस चीज से प्रेरणा मिली?
मैंने पहली बीर जब स्क्रिप्ट पढ़ी, तो इस कहानी की विशिष्टता ने मुझे काफी प्रभावित किया। मैं दो अलग अलग युगों के लोगों के बीच होने वाले प्यार को देखकर दंग था। टीवी शो की एक समान कॉन्सेप्ट की नीरसता के बीच यह ताजा हवा के समान था। मैंने ध्रुव के किरदार के साथ एक तत्काल जुड़ाव महसूस किया, और लगा कि मुझे पहले से पता था कि यह रोल करना है। ध्रुव को जिस प्रकार एक आकर्षक और ज़िदादिल युवा आदमी के रूप में जीवन्तता से भरपूर पेश किया गया है, वह मुझे अच्छा लगता है, और मैं व्यक्तिगत स्तर पर उन गुणों से खुद को जोड़ कर देखता हूं। 

4. शो के लिए काम करते हुए आपका अनुभव कैसा था? क्या किसी भी स्तर पर आपने ध्रुव के किरदार से जुड़ा हुआ महसूस किया या इसे पसंद किया?
मैं इस शो पर काम करते हुए अपने अनुभव का भरपूर आनंद उठा रहा हूं। इस तरह का रोमांस भारतीय टेलीविजन पर पहले कभी नहीं देखा गया है, और समय की यात्रा का एलिमेंट विशेष रूप से रोमांचक है। मैं इसकी बस कल्पना ही कर सकता हूं। कि रियल लाइफ  में समय की यात्रा संभन होती, तो यह कितना रोमांचकारी होता। इंडस्ट्री के कुछ
सबसे बेहतरीन कलाकारों का साथ काम करना मेरे कुछ विशिष्ट अनुभवों में से एक रहा है। सेट पर और सेट से बाहर,
दोनों मामले में उन लोगों के साथ बातचीत करना और समय बिताना पूरी तरह अद्भुत रहा है। जहां तक मेरे किरदार ध्रुव की बात है, वह 21वीं सदी का एक सामान्य लड़का है जो एक परिश्रमी और कर्मठ डॉक्टर है और परिवार से प्यार करता है। ध्रुव आकर्षक और ज़िंदादिल है, और ये ऐसे गुण हैं जिनसे मैं बेशक खुद को जोड़ सकता हूं। मैं ध्रुव के किरदार में खुद का एक हिस्सा देखता हूं।

5. आज के समय के प्यार और रिश्तों के बारे में आपकी सोच कैसी है और आप 17वीं सदी में किस प्रकार का प्यार होता था, उससे किस रूप में इसे भिन्न पाते हैं?
निश्चित रूप से प्यार के आधुनिक और परम्परागत एक्सप्रेशंस में अंतर है, और रोमाांस के प्रति हमारे ऐटिटूड में समय के साथ बदलाव आया है। अतीत में रिश्तों की  शुद्धता, निश्चछलता, और सहजता से पहचाना जाता था, और उस वक्त प्यार की भावना पर टेक्नोलॉजी का प्रभाव नहीं था। पुराने रिवाजो की भाव-भंगिमाएं जैसे कि प्रेम पत्रों का आदान-प्रदान करने, हाथ से बने उपहार देने, और ताजे फूल भेजने के माध्यम से सहेजी जाती थीं, लोग पूरे दिल से प्यार करते थे और उन्हें अपने प्यार का प्रचार करने की जरुरत महसूस नहीं थी। लेकिन, मौजूदा दौर में चीजें काफी बदल गई हैं। आजकल के लोग रिश्तों में अपने के दिल के बदले अपना दिमाग का इस्तेमाल करने पर ज्यादा फोकस करने लगे हैं। रोमाांस में
पहले जो निश्छलता हुआ करती थी, वह अब ख़त्म हो गई है, और लोग जिंदगी में साधारण चीजों का आनंद उठाने के लिए सफलता की कोशिश में हद से ज्यादा व्यस्त हो गए हैं। हमारे जीवन पर सोशल मीडिया का प्रभुत्व हो गया है और हमें लगता है की दुनिया के साथ हर चीज को शेयर किए बिना हम रह नहीं सकते। मेरा मानना है कि इससे प्यार का जादू कम हो गया है।

6. यश टोंक, कृष्णा भारद्वाज और नारायणी शास्त्री सीनियर एक्टर्स हैं। उनके साथ काम करना कैसा था और आपने उन लोगों से क्या सीखा?
टीवी इंडस्ट्री में सीनियर कलाकारों के साथ काम करना एक अनूठा अनुभव हो सकता है। इन एक्टर्स के पास वर्षों का अनुभव, ज्ञान का भण्डार और मजबूत वर्क एथिक्स होता है जिसे वे सामने जाहिर कर सकते हैं। वे आपको अपना हुनर विकसित करने और करियर में आगे बढ़ने के लिए गाइडेंस और मेंटरशिप देने में हमेशा समर्थ होते हैं। हमारे अहमदाबाद शहर के विजिट के दौरान मुझे कृष्णा से मिलने का मौका मिला और यह सब बहुत सुखद अनुभव था। हम दोनों अध्यात्म से जुड़े हैं। इसलिए उनके साथ जुड़ना बहुत अच्छा लगा। मैं निकट भविष्य में यश सर और नारायणी मैम के साथ काम करने को लेकर आशावान हूं और मुझे पक्का यकीन है कि उनसे काफी कुछ सीखने को मिलेगा। मैं इससे ज्यादा कैसे शुक्रिया करूं कि मुझे इतने मंझे हुए कलाकरों के साथ करने का अनूठा अवसर मिला।


 

comments

.
.
.
.
.