Monday, Mar 20, 2023
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Khandaani Shafakhana Movie Review : शानदार टॉपिक लेकिन कहानी में नहीं दिखा दम!

  • Updated on 8/2/2019

नई दिल्ली/सोनाली सिन्हा। 21वीं सदी में होने के बावजूद भी सेक्स (sex) जैसे अहम मुद्दों पर बात करना आज भी हमारे देश में टैबू माना जाता है। आज भी कई लोग ऐसे हैं जो इसपर बात करने से शर्माते हैं या फिर हिचकिचाते हैं। वहीं आज 2 अगस्त को सेक्स जैसे सब्जेक्ट रिलीज हो गई फिल्म ‘खानदानी शफाखाना’ (Khandaani Shafakhana) एक नई सोच के साथ जागरुकता फैलाने में मदद करेगी। जी हां, सोनाक्षी सिन्हा (sonakshi sinha), बादशाह (badshah)और वरुण शर्मा (varun sharma) स्टारर यह फिल्म ये फिल्म सैक्स से जुड़ी धारणाओं पर बात करती है। फिल्म में सोनाक्षी का अहम किरदार देखने को मिलेगा जहां वो सेक्स के मुद्दों पर खुलकर बात कर रही हैं।

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वहीं इस फिल्म के जरिए एक्टिंग में डेब्यू कर रहे मशहूर रैपर बादशाह ने भी अच्छी काम किया है। इनके अलावा शर्मा जी का बेटा यानि कि वरुण शर्मा ने एक बार फिर कॉमेडी का जबरदस्त तड़का लगाया है। बता दें कि इस फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू कर रहीं शिल्पी दासगुप्ता (Shilpi Dasgupta) ने इसे डायरेक्ट किया है। 

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कहानी
फिल्म की कहानी पंजाब के एक छोटे से टाउन की है जहां बेबी (सोनाक्षी सिन्हा) अपनी मां और छोटे भाई के साथ रहती हैं। पिता के गुजर जाने के बाद उनके घर की हालात सही नहीं होती है, ऐसे में घर की सारी जिम्मेदारी सोनाक्षी के कंधो पर होती है। अपने निक्कमे भाई की वजह से सोनाक्षी को घर का सारा खर्च उठाना पड़ाता है और कुछ कर्ज का भी बोझ होता है। 

वहीं कहानी में ट्वीस्ट तो तब आता है जब एक दिन अचानक सोनाक्षी के मामा कुलभूषण खरबंदा खानदानी के देहांत की खबर आती है कि वो अपना खानदानी शफाखाना बेबी के नाम कर जाते हैं। बता दें कि मामा जी का अपना एक खानदानी शफाखाना होता है जहां वो सेक्स से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का इलाज करते थे। वहीं उनकी दवाइयां लोगों को पसंद भी आती थी इस वजह से उनका ये छोटा सा खानदानी शफाखाना अच्छा खासा चल रहा था। वहीं कई लोग ऐसे भी थे जो उनका नाम खराब करने की भी कोशिश भी किया करते थे। 

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जब मामा जी ने अपनी पूरी विरासत बेबी के नाम की तो बेबी के सामने दो विक्लप रखे गएं। या तो वो ये ऑफर ठुकरा दे या फिर समाज से लड़ कर अपने मााम की बिजनेस को आगे बढ़ाए। ऐसे में बेबी ने मााम की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदार उठाती हैं। 

यहां से शुरु होता है बेबी का असली संघर्ष। छोटी सोच रखने वाले समाज के बीच शफाखाना में इलाज करते वक्त बेबी को कई लोगों के ताने सुनने पड़ते हैं। एक जवान लड़की द्वारा गुप्त रोगों का इलाज करने बेबी के लिए बेहद मुश्किल काम होता है। ऐसे में क्या बेबी इस काम को निभाएंगी या फिर समाज के तानों की वजह से टूट जाएंगी। ये सब देखने के लिए आपको सिनेमाघरों तक जाना पड़ेगा। 

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एक्टिंग
एक्टिंग के मामाले में सोनाक्षी की तो बात ही नहीं। अपने हर किरदार को बखूबी निभाने वाली सोनाक्षी ने यहां भी एक बेबाक लड़की का रोल उम्दा निभाया है। इसके अलावा वरुण शर्मा और बादशाह ने भी अपने किरदारों के साथ न्याय किया है। गानों के अलावा बादशाह एक्टिंग में भी माहिर है, ये बात उनके फैंस के लिए एक सप्राइज पैकेज होगा। 

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गानें
फिल्म में गाने काफी कम हैं लेकिन जितने हैं सिचुएशन के हिसाब से सही फिट हो रहे हैं। 

कमजोर कड़ी 
फिल्म के डायलॉग्स पर और भी काम किया जा सकता था। 
फिल्म बीच-बीच में काफी बोरिंग हो जाती है जिस वजह से फिल्म शुरु से लेकर अंत तक जुड़े रखने में असफल साबित हो सकती है। 
वहीं अगर वरुण शर्मा को अच्छे पंच मिलते तो फिल्म थोड़ी मजेदार हे सकती थी। 

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