नई दिल्ली/टीम डिजिटल। देश में बढ़ रहे मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) के मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखने वाले रामचंद्र गुहा, मणि रत्नम और अपर्णा सेन समेत करीब 50 लोगों के खिलाफ यहां गुरूवार को प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से दो महीने पहले दायर की गई एक याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद यह प्राथमिकी दर्ज हुई है। ओझा ने कहा कि सीजेएम ने 20 अगस्त को उनकी याचिका स्वीकार कर ली थी। इसके बाद बृहस्पतिवार को सदर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज हुई। बॉलीवुड की इन हस्तियों ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ उठाई आवाज, पीएम मोदी से मांग रहे जवाब
ओझा का आरोप है कि इन हस्तियों ने देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को कथित तौर पर धूमिल किया। पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गयी है। इसमें राजद्रोह, उपद्रव करने, शांति भंग करने के इरादे से धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित धाराएं लगाई गईं हैं।
इन सभी हस्तियों ने उठाई थी आवाज इन सभी हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक लेटर लिखा है जिसमें उन्होंने भीड़ द्वारा हत्याओं के बढ़ते चलन पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। इस लेटर में मणिरत्नम (maniratnam), अदूर गोपालकृष्ण (adur gopalkrishan), रामचंद्र गुहा (Ramchandra guha), अनुराह कश्यप (Anurag kashyap) और बाकी तमाम बड़ी हस्तियों के हस्ताक्षर थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा लेटर अपने लेटर में इन सभी ने पीएम मोदी से मॉब लिंचिंग पर कड़े कदम उठाने की मांग की और साथ ही देश में एक ऐसा माहौल बनाने की मांग की, जहां असहमति को कुचला न जाए। इस लेटर में लिखा कि देश का ,संविधान हिंदुस्तान को एक सेकुलर गणतंत्र बताता है जहां जाति, धर्म, लिंग, समूह के सभी लोगों को बराबर का अधिकार है।
लेटर में मॉब लिंचिंग का किया जिक्र उनका कहना था कि मुसलमानों, दलितों और दूसरे धर्म के लोगों की लिंचिंग तुरंत रोकी जाए। लेटर में इन सभी ने नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों की भी पेशकश रखी। उन्होंने कहा 1 जनवरी 2009 से लेकर 29 अक्टूबर 2018 के बीच धर्म की पहचान पर आधारित 254 अपराध दर्ज किए गए, एस दौरान 91 लोगों की हत्या हुई और 579 लोग घायल हुए। साथ ही उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत अपराध मई 2014 के बाद हुए थे, जब नरेंद्र मोदी सत्ता में आए थे।
इन सभी हस्तियों का कहना है कि पीएम मोदी ने संसद में मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर आलोचना की थी लेकिन आलोचना करना ही काफी नहीं है। उनकी मांग है जुर्म करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाया जाए। जिससे दोषियों को सजा का डर रहेगा और इस तरह की दिल दहला देने वाली घटनाए भारत में कभी नहीं होंगी।
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