Saturday, Sep 30, 2023
-->
movie-review-of-irrfan-khan-dulquer-salmaan-mithila-palkar-film-karwaan

Movie Review: हंसी-ठहाके से सजी तीन दोस्तों की शॉर्ट ट्रिप कहानी है ‘कारवां’

  • Updated on 8/3/2018

स्टारकास्ट: इरफान, दुलकर सलमान, मिथिला पालकर, कृति खरबंदा
डायरेक्टरः आकर्ष खुराना  
रेटिंग: 2.5 स्टार

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। डायरेक्टर आकर्ष खुराना की फिल्म 'कारवां' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म को लेकर काफी दिनों से लोगों के बीच उत्सुक्ता थी क्योंकि इरफान की बीमारी के बाद यह उनकी पहली फिल्म हैं। इरफान के दमदार अभिनय से हर कोई वाकिफ हैं फिर भी इस फिल्म से सभी को एक इमोशनल टच सा हो गया है। वहीं बात करें डायरेक्टर आकर्ष खुराना की तो कुछ दिनों पहले उन्होंने 'हाई जैक' बनाई थी। फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर खासा कमाल नही दिखा पाई थी, लेकिन 'कारवां' से सभी को काफी उम्मीदें हैं। 'कारवां' के जरिए दुलकर सलमान और मिथिला पालकर बॉलीवुड में डेब्यू कर रहे हैं।

कहानी-

तीन दोस्तों के रोड ट्रिप पर बेस्ड फिल्म की कहानी बड़ी ही मजेदार है। फिल्म के इस ट्रिप का रिजन होता है अविनाश (दुलकर सलमान ) के पिता की डेड बॉडी। फिल्म की कहानी अविनाश को आई एक फोन कॉल से शुरु होती है। उस कॉल के दौरान अविनाश को पता चलता है की उनकी पिता की मृत्यु हो गई है और उन्हें जो डेड बॉडी भेजी गई है वो गलती से किसी और की कुरियर हो गई है और उनके पिता की बॉडी कहीं और चली गई और उन्हें उसे लेने जाना पड़ेगा। उसके बाद अविनाश (दुलकर सलमान) अपने दोस्त शौकत (इरफान)  के साथ अपने पिता की डेड बॉडी की तलाश में निकल पड़ते हैं। इसी सफर के बीच में एंट्री होती है तान्या (मिथिला पालकर) की। इस ट्रिप के दौरान कई तरह के ट्विस्ट और टर्न आते हैं और तीनों कई नई-नई चीजों से रुबरु होते हैं। इतनी जद्दोजहद के बावजूद क्या अविनाश को अपने पिता की डेड बॉडी मिलती है की नही इसके लिए आपको सिनेमाघरो का रुख करना पड़ेगा।  

एक्टिंग-

फिल्म में दिलकर सलमान, इरफान खान और मिथिला पारकर की एक्टिंग कमाल की है। फिल्म में इरफान का मजाकिया अंदाज आपको बांधे रखेगा। इन तीनों ने ही अच्छा काम किया है। 'कारवां' दिलकर सलमान की बॉलीवुड डेब्यू फिल्म है और वो दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं। मिथिला पारकर एक कन्फ्यूज्ड नौजवान लड़की तान्या के किरदार में ठीक-ठाक काम करती हैं। उन्होंने वेब माध्यम पर जिस तरह के किरदार निभाए हैं, कारवां का किरदार भी कुछ वैसा ही है।

डायरेक्शन-

फिल्म का डायरेक्शन भी ठिक-ठाक है। डायरेक्टर ने फिल्म की कहानी को बताने का जो रास्ता चुना है वो थोड़ा अजीब है। एक डेड बॉडी के साथ घूम रहे तीन लोग, जो इसी को अपना रोड ट्रिप बना लेते हैं वो थोड़ा प्रैक्टिकल नहीं लगते हैं। पिता से बेटे के चाहे कितने भी खराब रिश्ते हों लेकिन उनकी मृत्यु हो जाते पर आप इतना खुश और शराब नही पिओगे। आकर्ष खुराना के डायरेक्शन में ऐसी कई सारी खामियां हैं, जो आपको फिल्म के दौरान थोड़ा परेशान कर सकती हैं।

 

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।

comments

.
.
.
.
.