ज्योत्सना रावत। अभिनेता रणवीर सिंह की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 83 खूब चौके- छक्के लगा रही है। लगाए भी क्यों ना, सन 1983 में भारतीय क्रिकेट टीम ने कप्तान कपिल देव के नेतृत्व में विश्वकप जीतकर देश का मान बढ़ाया था। इसी टीम के किरदारों को बखूबी इस फिल्म में रणवीर सिंह और उनकी टीम ने जीवंत किया है। फिल्म का मुख्य किरदार रणवीर सिंह हैं। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि पूरी फिल्म में रणवीर कहीं दिखाई ही नहीं देते। जी हां रणवीर ने कपिल देव के किरदार को इतनी रुह से निभाया है कि आपको लगेगा कि आप 1983 के क्रिकेट का सीधा प्रसारण देख रहें हैं। अपनी इस फिल्म और अपकमिंग प्रोजेक्ट्स के बारे में रणवीर सिंह ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार से की खास बातचीत। पेश है बातचीत के मुख्य अंश :
सवाल - फिल्म 83 में हमने सिर्फ कपिल देव को देखा था, रणवीर सिंह पूरी फिल्म में कहीं नजर नहीं आए। आपने इतनी परफेक्शन कैसे हासिल की?
रणवीर - मुझे कबीर सर (डायरेक्टर) और उनकी रिसर्च से बहुत मदद मिली। इसके अलावा कपिल सर की बेटी आमिया देव कबीर की असिस्टेंट डायरेक्टर थीं। वह पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक मेरे साथ ही रहती थी। मेरा कपिल सर के किरदार में रम जाने का श्रय उन्हीं को जाता है। रणवीर आगे बताते हैं कि इस किरदार के दो पहलू थे। एक तो कपिल सर की तरह क्रिकेट खेलना, दूसरा मुझे व्यक्तिगत तौर पर व शरीर और आत्मा से कपिल की तरह लगना। क्रिकेट वाला पार्ट तो बेहद मजेदार और रोमांचक था। क्योंकि मुझे क्रिकेट खेलना पसंद है। लेकिन दूसरा पार्ट जिसमें मुझे कपिल सर की तरह दिखना था वो बहुत चैलेंजिंग रहा।
सवाल- जब आपको फिल्म 83 ऑफर की गई थी, तो क्या आपने सोचा था कि आप कपिल देव के किरदार में इस कदर रम जाएंगे?
रणवीर- कपिल सर की फिजिक काफी अलग है। उसकी लंबी कलाई, लंबे कंधे और उंगलियों की लंबाई मेरे शरीर से बहुत अलग है। मुझे फिजिकली बदलाव के लिए कपिल सर के घर भेजा गया था। फिर मैंने इसे डांस कोरियोग्राफी की तरह सीखना शुरू किया। चार महीने की तैयारी और तीन महीने की शूटिंग के लिए, मैं सुबह 4 घंटे क्रिकेट खेलता, शाम को कुछ घंटों की शारीरिक कंडीशनिंग करता और बाकी समय कपिल सर के किरदार के लिए था।
रणवीर आगे बताते हैं कि शुरुआत में तो मैं डर गया था क्योंकि जब मैनें मदद के लिए वीडियो फुटेज की मांग की तो वे उन्होंने मेरे आईपैड पर एक फ़ोल्डर मैं डाल दी लेकिन इतने कम वीडियो फुटेज के साथ मैं यह कैसे करता। तब कबीर खान ने आइडिया दिया कि हम खुद कपिल सर के साथ समय बिताएं। बस फिर क्या था हमने उनसे पूछा और कपिल जी और रोमी जी ने मुझे अपने घर में रखा। मैं उनके गेस्ट रूम में रह रहा था और उनके साथ समय बिताने का कोई मौका नहीं छोड़ता था। मैं सिर्फ उसकी वीडियोग्राफी करता, उसे रिकॉर्ड करता और देखता। उन्होंने मेरे लिए एक पार्टी रखी जहां मैंने उन्हें डांस करने के लिए कहा। मैंने उनके डांसिंग स्किल्स और हर छोटी-बड़ी चीज को देखा। अब जब मैं फिल्म देखता हूं तो मुझे बहुत गर्व होता है।
सवाल- फिल्म साइन करने से पहले आप कैसे सोचते हैं कि यह फिल्म करनी चाहिए या नहीं? रणवीर- मैं उन कहानियों पर फोकस करना चाहता हूं जो दर्शकों द्वारा आसानी से स्वीकार की जा सकें और फैमिली ओरियेंटेड हो। मेरी शादी को 3 साल हो गए हैं और मैं अपनी पत्नी के साथ 10 साल से हूं। समय के साथ मैंने महसूस किया है कि मेरा दायरा छोटा हो गया है और मैं एक पारिवारिक व्यक्ति बन गया हूं। मैं पर्सनली उन फिल्मों को पसंद करता हूं, जिन्हें मैं अपने ससुराल वालों के साथ, अपने माता-पिता के साथ, बच्चों के साथ देख सकूं। इस बात को समझना चाहिए कि सिनेमा लोगों को और परिवारों को साथ लाता है। मैं ऐसा ही एक किस्सा शेयर करना चाहता हूं मैंने अपने दोस्तों के साथ '3 इडियट्स' देखी थी जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा।
सवाल- एक एक्टर के नजरिए से ये कोरोना काल आपके लिए कितना मुश्किल रहा? रणवीर- घर पर रहकर मैनें बहुत सी चीजें सीखीं। मैं बस काम फिर से शुरू होने और सिनेमाघरों के फिर से खुलने का इंतजार कर रहा था। लेकिन यह देखते हुए कि पूरी दुनिया एक बड़े संकट की चपेट में है, हमारी समस्याएं बहुत छोटी लगती हैं। मुझे खुशी है कि भारत में टीकाकरण को इतनी बड़ी सफलता मिली है और जीवन धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा है।
सवाल- कोविड की वजह से दर्शक सिनेमाघरों में नहीं जा रहे। आप इस बारे में क्या सोचते हैं? रणवीर- मैं बताना चाहूंगा कि थिएटर्स हर संभव सावधानी बरत रहे हैं और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं। आशा करते हैं कि हर कोई कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेगा और सब कुछ पहले की तरह सामान्य हो जाएगा।
सवाल- अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट्स के बारे में बताएं? रणवीर- मेरी अगली फिल्म जयेशभाई जोरदार है। जयेशभाई का किरदार निभाना बेहद चैलेंजिंग रहा। इस तरह का किरदार मैंने पहले कभी नहीं निभाया। जयेशभाई के किरदार के बारे में बात करते हुए रणवीर बताते हैं कि जयेशभाई एक ऐसा हिरो है, जो सामान्य व्यक्ति है लेकिन खतरनाक स्थिति में फंसने पर कुछ असाधारण कर देता है। वह काफी संवेदनशील और दयालु हैं। वह समाज में पुरुषों और महिलाओं के बीच समान अधिकारों में विश्वास करता हैं। दिव्यांग ठक्कर इस फिल्म के निर्देशक और लेखक हैं, जिन्होंने फिल्म की कहानी में जान डाली है। यह फिल्म आपको पूरे समय मुस्कुराने पर मजबूर कर देगी।
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