Wednesday, Mar 29, 2023
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दमदार भूमिका में 'डियर माया' के साथ की मनीषा कोइराला ने वापसी, पढ़ें Review

  • Updated on 6/2/2017

Navodayatimesनई दिल्ली/टीम डिजिटल। फिल्म 'मकड़ी' तो सभी को बखूबी याद है। फिल्म विशाल भारद्वाज की थी जिसमें एक डरावनी औरत एक बच्ची को अपनी नौकरानी बना लेती है।

फिल्म 'डियर माया' के पहले भाग की कहानी लगभग वैसी ही है। बस इसमें जादू टोना नहीं है। इस फिल्म में माया (मनीषा कोइराला) अपने पैतृक घर में राजपूताना प्राचीन वस्तुओं, कैद किए गए पक्षियों और उसके दो कुत्तों के साथ रहती है। उसके पड़ोस में स्कूल जाने वाली दो लड़कियां एना (मदिहा इमाम) और ईरा (श्रेया चौधरी) उसकी जिंदगी पर दया करके उसमें जीने की चाह जगाने के लिए उसे प्रेम पत्र लिखने का फैसला करती हैं।

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यह योजना काम करती है और माया देवी धूप अंदर आने के लिए अपने घर के दरवाजे और खिड़कियां खोलना शुरू कर देती है। इसके बाद एक पत्र रिटर्न ऐडरेस के साथ आता है। माया उस पते पर अपने उस मिस्ट्री मैन को ढूंढने के लिए निकल जाती है। अपराध बोध से घिरी एना माया की तलाश में निकल जाती है और उसकी ईरा के साथ दोस्ती भी तकरार में बदल जाती है।

फिल्म में बहुत ईमानदारी है लेकिन कुछ कमियां भी हैं। जैसे की एना का लिखा हुआ पहला पत्र अलग है और जो माया पढ़ती है वो अलग पत्र होता है। दूसरा ये की एना 6 सालों तक माया को ढूंढती है बजाय इसके की वो रिटर्न ऐडरेस को ढूंढे। या उसने पुलिस में माया के खोने की शिकायत दर्ज क्यों नहीं करवाई?

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अनियमितताओं के बावजूद निर्देशक सुनीता भटनागर ने फिल्म में बोरियत महसूस होने नहीं दी। वो सही भावनाओं को बड़े पर्दे पर उतारना बखूबी जानती हैं। मदिहा और श्रेया ने फिल्म में अच्छी एनर्जी दिखाई लेकिन उन्हें अपना काम दिखाने का मौका कम मिला। 

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