Thursday, Mar 30, 2023
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माइथोलोजिकल कहानी 'शाकुन्तलम' का हिंदी ट्रेलर हुआ रिलीज, अलग अंदाज में दिखी सामंथा

  • Updated on 1/9/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। शकुंतला और दुष्यंत की प्रेम कहानी के बारे में आपने जरूर सुना होगा। टीवी पर इनकी कहनी पर कई सीरियल भी बन चुके है। लेकिन अब आप इस कहानी को बड़े पर्दे भी पर देख पाएंगे। सामंथा रुथ प्रभु और देव मोहन की फिल्म 'शाकुन्तलम' इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। आज फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इस फिल्म में सामंथा ने शंकुतला का किरदार निभाया है।

सामंथा की अगली फिल्म 'शाकुंथलम' 
'शाकुन्तलम' में प्रकाश राज, मधुबाला,  गौतमी, अल्लू अरहा, सचिन खेड़ेकर, कबीर बेदी, डॉ मोहन बाबू, अदिति बालन और अनन्या नागल्ला आदि ने महत्वपूर्ण किरदारों को निभाया है। महाकवि कालिदास का नाटक अभिज्ञान शाकुंतलम भी काफी पॉपुलर हुआ जो शकुंतला और दुष्यंत की कहानी पर आधारित है। पुरानी मान्यताओें के अनुसार यह कहा जाता है कि ऋषि विश्वामित्र और अप्सरा मेनका की पुत्री का नाम शकुंतला रखा गया। जिसे मेनका जन्म देते ही स्वर्ग चली गई। वहीं ऋषि कण्व धरती पर शकुंतला का पालन पोषण करते हैं।

शकुंतला-दुष्यंत की प्रेम कहानी
इस प्रेम कहानी की शुरुआत तब होती है जब राजा दुष्यंत एक दिन जंगल में शिकार के लिए जाते हैं और उनकी नजर शकुंतला पर पड़ती है। शकुंतला को देखते ही दुष्यंत उनपर मोहित हो जाते हैं और शादी का प्रस्ताव उनके सामने रख देते हैं। इस पर शकुंतला भी राजा के प्रस्ताव पर हामी भर देती है और दोनों शादी कर लेते हैं। हांलाकि जब यह सब घटित होता है तो ऋषि कण्व आश्रम में मौजूद नहीं होते हैं इसीलिए शकुंतला दुष्यंत के साथ महल नहीं जाती हैं। इसके बाद दुष्यंत यह वादा करते हैं कि ऋषि के आते ही वह उन्हें आश्रम से ले जाएंगें। शकुंतला गर्भवती हो जाती हैं और दिन-रात दुष्यंत के बारे में सोचती रहती हैं।

ऋषि दुर्वासा के श्राप से बिछड़ते हैं शकुंतला-दुष्यंत
एक बार ऋषि दुर्वासा कण्व की कुटिया पर पहुंचते हैं। उस समय शकुंतला अपने पति दुष्यंत के ख्यालों में खोई हुई थीं। दुर्वासा ऋषि के कई बार पुकारने पर भी शकुंतला उनका आवाज नहीं सुनती हैं। इस पर ऋषि दुर्वासा को गुस्सा आ जाता है और वे शकुंतला को श्राप दे देते हैं। ऋषि दुर्वासा शकुंतला को यह श्राप देते हैं कि वह जिस व्यक्ति के ख्यालों में सुनकर तूने मेरी आवाज को अनसुना किया वो तुझे भूल जाएगा।

आगे जाकर यही होता है और गर्भवती हालत में शकुंतला जब दुष्यंत के पास जाती हैं तो वह उन्हें पहचानने से मना कर देते हैं। इसके बाद शकुंतला जगंल में एक कुटिया बनाकर रहने लगती हैं और एक सुंदर से बेटे को जन्म देतीं है। वहीं जब राजा को शकुंतला की अंगूठी मिलती है तो उन्हें सब कुछ याद आ जाता है और वो शकुंतला को ढूंढ़ने निकल जाते है। एक दिन राजा देखते है कि जंगल में एक तेजस्वी बालक शेर के दांत गिन रहा होता है जिसे देखकर वे आशचर्यचकित हो जाते है। इतने में शकुंतला वहां आ जाती है और राजा को बताती हैं कि यह उनका पुत्र ही है। 
 

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