Sunday, Jun 04, 2023
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OTT पर 'गुलाबो सिताबो' की रिलीज से बेहद खुश हैं शूजित सरकार, कहा- अब हर घंटे मुझे....

  • Updated on 6/12/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। महामारी कोरोना वायरस (coronavirus) ने पिछले तीन महिनों से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है। वहीं कामकाज करीब 3 महीने से बंद है जिस वजह से हर इंडस्ट्री को नुकसान पहुंच रह है। ऐेसे में फिल्म इंडस्ट्री को भी गहरा झटका लगा है। लंबे समय से फिल्मों की शूटिंग रुकी हुई है तो वहीं कई फिल्मों की रिलीज डेट को भी आगे बढ़ा दिया गया है। ऐसे में अब कई फिल्मों को ओटिटि प्लेटफॉर्म (ott platform) पर रिलीज करने की योजना की जा रही है।

इसी बीच अमिताभ बच्चन (Amitabh bachchan) और आयुष्मान खुराना (Ayushmann khurrana) की फिल्म 'गुलाबो सिताबो' (Gulabo Sitabo) को आज 12 जून को अमेजॉन प्राइम (Amazon Prime) पर रिलीज किया गया है, जिसे शूजित सरकार (shoojit sircar) ने डायरेक्ट किया है।

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वहीं डायरेक्टर शूजित सरकार ने पहली बार अपनी फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने का अनुभव शेयर किया है। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि 'मुझे अभी नहीं पता कि लोगों का रिस्पॉन्स कैसा होगा क्योंकि ये मैं पहली बार एक्सपेरिमेंट कर रहा हूं। मुझे बस एक बात की बेहद खुशी है कि मुझे अब कोई भी बार-बार यह बोलकर तंग नहीं करेगा कि बॉक्स ऑफिस तुम्हारी इतनी बुरी है या फिर अच्छी है।' 

शूजित ने आगे ये भी कहा कि 'फिल्म बनकर तैयार थी और मैं इसे लेकर बैठना नहीं चाहता था। वैसे भी एक फिल्म से जो भी हमारी कमाई होती है उसी से हम अगली फिल्म भी करते हैं। इस वजह से  गुलाबो सिताबो को हम जल्द से जल्द रिलीज करना चाहते थे। हमें रुकना नहीं चाहिए, चलते रहना चाहिए इसलिए मौजूदा हालात को देखते हुए हमने इसे ओटीटी प्लेटफॉर्म का सहारा लिया। 

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ये है फिल्म की कहानी 
फिल्म में एक 78 साल बुजुर्ग मुस्लिम शख्स मिर्जा (अमिताभ बच्चन) की कहानी को दर्शाया गया है जोकि बेहद झगड़ालू और कंजूस स्वभाव का होता है। वहीं कहानी मिर्जा के इर्द-गिर्द ही घूमती हुई नजर आ रही है जो अपनी सालों पुरानी हवेली से बेइंतहा प्यार करता है जिसका नाम फातिमा महल है। दिलचस्प बात बता दें कि हवेली के प्रती मिर्जा का प्यार सिर्फ और सिर्फ पैसों की वजह से है। वे पैसों के लिए हवेली की पुरानी चीजों को चोरी से बेचता रहता है। वहीं हवेली मिर्जा की बीवी फातिमा की पुश्तैनी जायदाद होती है जिसे वह जल्द से जल्द अपने नाम करवाना चाहते हैं। यही वजह है कि वह खुद से 17 साल बड़ी फातिमा के मरने का भी बेसब्री से इंतजार करता है। 

वहीं इस हवेली में कई किराएदार रहते हैं जिनमें से एक बांके नाम का एक लड़का अपनी मां और तीन बहनों के साथ रहता है, जिसे मिर्जा बिल्कुल पसंद नहीं करता। ऐसा इसलिए क्योंकि बांके न तो किराया देता है और न ही वहां से जाता है।बांके हमेशा यह बोलकर किराया नहीं देता है कि वह एक गरीब लड़का है जो फैमिली की जिम्मेदारियों के बोझ तले दबा हुआ है। वहीं मिर्जा चाहता है कि या तो बंके किराया दे या फिर हवेली छोड़ कर चला जाए, लेकिन बांके टस से मस नहीं होता है। ऐसे में दोनों आपस में पूरे समय लड़ते-भिड़ते रहते हैं जोकि देखने में काफी मजेदार लग रहा है। वहीं दूसरी तरफ बांके की गर्लफ्रेंड शादी करने के लिए उसपर लगातार दवाब बना रही होती है।

कहानी में ट्वीस्ट तब आता है जब मिर्जा इस पुशतैनी हवेली को बेचने के लिए एक बिल्डर खोज लेता है। वहीं दूसरी तरफ बांके एलआईजी फ्लैट के लालच में आर्कियोलॉजी विभाग के एक अधिकारी से मिलकर इसे पुरातत्व विभाग को सौंपने की योजना बना लेता है। मगर, बेगम का एक दांव इन दोनों की योजनाओं पर पानी फेर देता है और दोनों को ही हवेली से निकलना पड़ता है।

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