Saturday, Jun 03, 2023
-->

Social Media को लेकर भड़की कंगना, पढ़ें ये खास Interview

  • Updated on 2/22/2017
  • Author : Usha Khokhar

Navodayatimesनई दिल्ली/टीम डिजिटल। तीन रंगों से रंगी ‘रंगून’ बड़े पर्दे पर आ रही है। इसमें तीन मंझे कलाकार एक साथ नजर आएंगे। ये तीनों ऐसे कलाकार हैं, जिनके एक साथ आने के बारे में फिल्म की घोषणा तक किसी ने नहीं सोचा था।

लेकिन विशाल भारद्वाज ने इसे सच कर दिखाया है। फिल्म में कंगना रनौत, शाहिद कपूर और सैफ  अली खान मुख्य भूमिका में हैं। ‘रंगून’ 24 फरवरी से पर्दे पर होगी...

फिल्म उद्योग में कंगना का बनना आप कैसे देखती हैं?
अक्सर लोगों को लगता है कि इंडस्ट्री में कामयाबी बस यूं ही मिल जाती है, लेकिन लोग कभी उस पहलू को देखने की कोशिश नहीं करते कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कितनी मेहनत की गई है।

अपनी अजीब ड्रेस के कारण ट्रेंड किए रणवीर सिंह, पढ़े मजेदार टवीट्स

जब हम अपनी यात्रा शुरू करते हैं तो हमें बस ये समझना चाहिए कि जो भी अड़चनें या रुकावटें हमारे जीवन में आ रही हैं, वे कहीं न कहीं हमें आगे ही बढ़ाती हैं। मेरा फिल्मी सफर ऐसा ही रहा है। कुछ उतार-चढ़ाव रहे हैं लेकिन मैं आज खुशी से कह सकती हूं कि मैंने अपने दम पर अपनी मंजिल और रास्ता बनाया है। 

पुरुषों के वर्चस्व वाली इंडस्ट्री में आपने समानान्तर रेखा खींची है, अपने इस योगदान को कैसे देखती हैं?
बॉलीवुड ऐसे इंडस्ट्री है, जिसका काम सिर्फ एंटरटेनमेंट ही नहीं बल्कि वह देश की अर्थव्यवस्था और समाज में अहम भूमिका निभाती है। अगर ऐसे में मेरी कुछ फिल्में लोगों को जागरूक करती हैं, तो मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं।

‘क्वीन’ के आने के बाद इंडस्ट्री के कई बड़े कलाकारों का ध्यान इस ओर गया है। अमिताभ बच्चन, शूजित सरकार जैसे कलाकार अब इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं और बराबरी भले ही न मिली हो लेकिन अब आवाज आनी शुरू हो गई है। उम्मीद है जल्दी ही उन्हें वह अधिकार भी मिल जाएगा, जिसकी वे हकदार हैं।

Navodayatimes

फिल्मी करिअर को प्लान करना संभव है क्या?
ये कहना बड़ा मुश्किल है कि किसी का करिअर कब किस दिशा में जाए लेकिन मैं ये जरूर कहूंगी कि अगर आपको करिअर बनाना है तो प्लानिंग भी जरूरी है। शुरुआत में तो यही लगता है कि थोड़ा बहुत कोई काम मिल जाए और खर्च चल जाए। उसके बाद धीरे-धीरे सफलता मिलती है तब नजरिया बदल जाता है। हां, एक मुकाम पर पहुंचने के बाद मैंने अपने करिअर को अलग सांचे में ढालने की कोशिश जरूर की है।

विशाल भारद्वाज के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
ये ऐसी फिल्म है, जिसका हिस्सा बनना मेरे लिए बेहद अहम है। विशाल अलग प्रकार के फिल्म निर्देशक हैं। इस फिल्म के किरदार और कहानी बेहद अलग हैं। ऐसा पहली बार है जब विशाल की किसी फिल्म में प्रेम कहानी ज्यादा अहम है और बाकी मुद्दे किसी कोने में हैं। वरना ऐसा माना जाता है कि विशाल कभी प्रेम कहानी नहीं बनाते वह किसी मुद्दे को लेकर फिल्म बनाते हैं, प्रेम कहानी उसमें छोटी-सी भूमिका में होती है।

वह क्या है जो जीवन में प्रेरणा देता हैं?
मैं हमेशा सकारात्मक सोच ढूंढ़ती हूं। शुरुआत में अपने परिवार के बड़ों जैसा बनना चाहती थी, फिर फिल्म इंडस्ट्री ने मेरी सोच बदली। इसके बाद कई लोगों के प्रभाव हैं मेरे जीवन पर। मैं बस यही कहती हूं कि हर दिन आपको कुछ सिखाता। 

वोट डालने पहुंचे वरुण से हुई गलती, सोशल मीडिया पर लोगों ने किया ट्रोल

आप ‘पेटा’ से जुड़ीं हैं, इसे कैसे देखती हैं? 
ऐसा कहा जाता है कि जो लोग मांसाहार नहीं खाते, उनमें कम ताकत होती है या वे उतने मजबूत नहीं होते। मैंने बचपन से मांसाहारी थी, लेकिन अब मैं पूरी तरह से शाकाहारी हूं। मुझे लगता है कि लोगों को इसके लिए जागरूक करना जरूरी है। विज्ञान भी कहता है कि शाकाहारी लोग मांसाहारी लोगों के मुकाबले ज्यादा जीते हैं।

युवा कैसे आगे बढ़ सकते हैं?
मैं देश के युवाओं को बस यही कहना चाहूंगी कि वे खोखले लोगों को फॉलो न करें। अगर आप कामयाबी चाहते हैं तो हर काम को इज्जत दें और अपनी मेहनत में कभी कमी न आने दे। सफलता का बस एक ही मूलमंत्र है कि आप हार न मानें ।

यह कैसी अलग कंगना है जो सोशल मीडिया से दूर है, स्टेज शो से दूर रहती है?
मेरा मानना है कि सोशल मीडिया युवाओं को खोखला कर रहा है। मैं अपना आदर्श विवेकानंद जी को मानती हूं। आज के युवा आदर्शों के तराजू में कहीं न कहीं खोखले होते जा रहे हैं। युवाओं को सही उम्र में सही आदर्श मिलना जरूरी है। विवेकानंद जी की किताबें बच्चों को स्कूल में पढ़ाई जानी चाहिए।  

अंग्रेजी के साथ हिंदी पर पकड़ का राज?
अपनी पढ़ाई हिंदी में की है। अंग्रेजी मैंने इंडस्ट्री में आने के बाद ही सुधारी। मैं चाहती हूं कि अपनी भाषा अमिताभ बच्चन जी की तरह बेहतर करूं। उनकी भाषा पर जो पकड़ है मैं उससे बहुत प्रभावित हूं। मैं तो संस्कृत पर भी अपनी पकड़ बनाना चाहती हूं।

मलयालम अभिनेत्री से हुई छेड़छाड़ तो तमिल एक्ट्रेस ने बताया अपना अनुभव

रंगून की शूटिंग के दौरान आपको लगातार क्या प्रेरित करता रहा?
कई ऐसे पल भी थे, जहां हम थक जाते थे। वहां शूटिंग करना अपने आप में चैलेंज था। जब आप गुलजार साहब जैसे लोगों को इस उम्र में भी इतनी शिद्दत से काम करते देखते हैं तो हमें भी और बेहतर काम करने की प्रेरणा मिलती है। गुलजार साहब इस उम्र में भी ऐसी कविता लिखते हैं, मानो कोई 20 साल का नौजवान लिख रहा है। ये मुझे बहुत प्रेरित करता है।

...जोंक कहीं भी जा सकते हैं
अरुणाचल प्रदेश में शूटिंग करने के अपने अनुभव के बारे में कंगना बताती हैं, मुझे याद है जब हम वहां शूटिंग कर रहे होते थे तो अक्सर बारिश के कारण वहां जोंक चलते दिखाई देते थे। हालांकि, मुझे बूट्स दिए गए थे पहनने के लिए, फिर भी कई बार जोंक कंधे पर या पैरों पर चलते दिख जाते थे, तब मुझे ये एहसास हुआ कि जोंक कहीं भी जा सकते हैं।

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।

comments

.
.
.
.
.