नई दिल्ली(भारद्वाज): सिटी थाना पुलिस ने बलात्कार की धमकी देकर पैसे ऐंठने वाले गैंग के सदस्य मां-बेटी सहित 4 आरोपियों को पकड़ा है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने पूरी फिल्डिंग जमाते हुए 3 लाख रुपए की रकम के साथ आरोपियों को दबोचा है। पुलिस ने कृष्ण कुमार वासी कुटेल की शिकायत पर कार्रवाई की। सिटी थाना के इंस्पेक्टर मोहन लाल की अध्यक्षता में ए.एस.आई. मंजूर अली की टीम ने बलात्कार के झूठे केस में फंसाकर पैसे ऐंठने वाले गैंग का पर्दाफाश किया। इंस्पैक्टर मोहनलाल ने बताया कि झूठे रेप के आरोप में फंसाकर एक लड़की व उसकी मां द्वारा 2 अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर पैसे ऐंठे गए हैं। पुलिस ने इस मामले में आरोपी जीवन वासी कुटेल, नेहा, राहुल और राजनंदनी वासी करनाल को पकड़ा। सभी आरोपियों को अदालत ने 20 जनवरी तक जेल भेज दिया।
किसान व ठेकेदार के झगड़े में एक व्यक्ति घायल
आरोपी करीब 3 लाख रुपए ले चुके थे और 10 लाख रुपए की और डिमांड कर रहे थे। पुलिस द्वारा इन आरोपियों के कब्जा से शिकायतकत्र्ता से लिए गए 2000 रुपए के नए नोटों में 2 लाख 92 हजार रुपए बरामद किए गए। आरोपियों के कब्जा से एक आई फोन, 4 ब्लैक चैक साइन किए हुए। एक एक्टिवा बिना नंबर की और एक कार आल्टो भी बरामद की। फंसाते थे युवकों को इंस्पेक्टर मोहन लाल ने बताया कि यह गैंग भोले-भाले युवकों को लड़की से मोबाइल करवाकर फंसा लेता था और फिर उसको धमकी देकर रुपए ऐंठ लेते थे।
एक और निर्भया कांड़ : बुजुर्ग महिला के गुप्तांग में बोतल डाल उतारा मौत के घाट
ऐसा ही मामला कुटेल गांव के रहने वाले एक युवक के साथ भी किया। गैंग के सदस्यों ने गैंग में शामिल लड़की ने युवक को फोन करवाया और जब वह उसके जाल में फंस गया तो उसे बुलाकर धमकी दी कि उसे झूठे बलात्कार के केस में फंसा देंगे, नहीं तो वह 25 लाख रुपए दे दे। इसके बाद युवक के गांव में जाकर सरपंच आदि की मदद से मामले को सुलझाया व 2 लाख रुपए लड़की को और एक लाख रुपए अन्य आरोपियों को दिए गए। पुलिस को भी लड़की ने मोबाइल कर सूचना दी गई थी कि एक लड़की का अपहरण किया गया है, जो कि इस संबंध में कोई भी शिकायत नहीं मिली थी। पुलिस इस मामले की जांच में लगी हुई थी।
सावधान! ऑनलाइन कंपनियां इस तरह कर रही हैं अपने ग्राहकों से धोखा
भारत में पहली बार लॉन्च हुआ तीन कैमरों वाला स्मार्टफोन, जानिए इसकी...
सनराइजर्स ने मुंबई इंडियंस को 31 रनों से दी मात
जेट एयरवेज से करोड़ों का सोना हुआ बरामद
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने पहली बार दलित साधु को बनाया महामंडलेश्वर