Saturday, Sep 30, 2023
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किडनी रोग से पीड़ितों को मिलेगी अब आयुर्वेदिक दवाईयों की सुविधा

  • Updated on 3/9/2018

नई दिल्ली/ब्यूरो। किडनी मरीजों को राहत देते हुए केंद्र सरकार अब जिला अस्पतालों में किडनी, मधुमेह आदि बीमारियों में लाभकारी आयुर्वेदिक औषधियों को उपलब्ध कराएगी। मंत्रालय के अनुसार, अब तक 10 लाख से भी ज्यादा डायलिसिस सेशन जिला अस्पतालों में किए जा चुके हैं। देश के 512 जिला अस्पतालों में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा दी जा रही है। जिस दवा को जिला अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा उनमें से एक नीरी केएफटी पर हाल ही में इंडो अमरीकन जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल रिसर्च में शोध प्रकाशित किया गया था।

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सीटी इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेस ने चूहों के पांच समूहों पर परीक्षण करने के बाद दवा को प्रमाणित किया है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद विभाग ने भी नीरी केएफटी आयुर्वेदिक फार्मूले के प्रभाव का गहन अध्ययन किया है।

विशेष ध्यान रखेगा एम्स

एम्स में आयोजित पब्लिक लेक्चर कार्यक्रम में निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि इस बार एम्स किडनी रोग के मामले में महिलाओं के स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देगा। प्रति वर्ष एम्स एक थीम आधारित अभियान चलाता है। एम्स निदेशक ने किडनी के क्रोनिक डिजीज के बढ़ते हुए मामलों और तेजी से महिलाओं के पीड़ित होने पर चिंता व्यक्त की है। 

किडनी प्रत्यारोपण के लिए 9 महीने की वेटिंग

एम्स में किडनी प्रत्यारोपण के लिए 9 महीनों तक की वेटिंग चल रही है। जानकारों की माने तो वेटिंग का सिलसिला आगे कम होने की उम्मीद भी नहीं है। मरीजों के पास दो ही विकल्प हैं, या तो उन्हें इंतजार करना पड़ेगा या फिर प्राइवेट अस्पताल का रुख करना होगा। कुल मिलाकर देखा जाए तो किडनी प्रत्यारोपण एम्स में कराना आसान नहीं रह गया है। संबंधित मामले में एम्स प्रबंधन बेबस नजर आ रहा है।

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इसके पीछे दो तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। एक तर्क तो यह है कि जरूरत के मुताबिक डोनर उपलब्ध नहीं हैं। वहीं दूसरा कारण मरीजों की तादाद को बताया जा रहा है। एम्स के नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. दीपांकर भौमिक के मुताबिक मरीजों की तादाद सलाना बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक 10 में से एक व्यक्ति किडनी की समस्या से प्रभावित है। केवल इतना ही नहीं पीड़ित मरीजों के इलाज में आने वाला खर्च देश की अर्थ व्यवस्था पर बड़ा बोझ साबित हो सकता है। डॉक्टर ने बताया कि देश में इस समय दो लाख से अधिक मरीजों को किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत है।

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