Monday, Oct 02, 2023
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दोनों बाजुओं की बीपी में अंतर, बढ़ सकता है दिल का खतरा

  • Updated on 1/23/2017

Navodayatimes

नई दिल्ली/ब्यूरो। क्या आप दोनों बाजुओं की बीपी जांच करवाते हैं? अगर नहीं तो ऐसा करना शुरू कर दीजिए। विशेषज्ञों के मुताबिक दोनों बाजुओं की बीपी जांच आने वाले खतरे के प्रति अगाह करने में उपयोगी साबित होता है। ऐसा करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को टाला जा सकता है। 

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ आरएन टंडन ने बताया कि  यदि दोनों बाजुओं के ब्लड प्रेसर में दस अंकों का अंतर दर्ज होता है तो यह स्वास्थ्य के लिहाज से खतरे की घंटी है। बीपी का यह अंतर बाजुओं की धमनियों में ब्लॉकेज के संकेत भी हो सकता हैं। नतीजतन ब्लॉकेज हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। 

देश में एक ही बाजू की बीपी जांचने का रिवाज: डॉ. आरएन टंडन के मुताबिक बीपी की जांच दोनों बाजुओं से की जानी चाहिए। ऐसा करने से हाइपरटेंशन से होने वाले खतरे को भी समय रहते टाला जा सकता है। 

चिकित्सक ने एक रिपोर्ट के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि देशभर में लगभग 3.2 प्रतिशत लोग बाजुओं की धमनियों में ब्लॉकेज की समस्या की जद में हैं। उन्होंने कहा कि मासचुसेट्स की एक अस्पताल में 40 साल से अधिक आयुवर्ग के 3400 मरीजों पर 13 वर्षो तक अध्ययन किया गया।

अध्ययन के जरिये जानकारी मिली कि जिन लोगों के दोनों बाजू की बीपी में दस प्वाइंट से ज्याद अंतर है उनमें से 40 प्रतिशत हार्ट अटैक और दिल के अन्य बीमारियों से दो-चार हो चुके हैं। 

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ऐसे कराएं बीपी की जांच 

- डॉ. आर.एन. टंडन के मुताबिक बीपी की जांच करने से पहले इन बातों को ध्यान जरूर रखना चाहिए ।
- कुछ देर के लिए आराम से सीधे बैठें। 
- बाजू को कोहनी के सहारे दिल के स्तर की ऊंचाई तक रखना जरूरी है। 
- बीपी जांच से आधे घंटे पहले तक शराब या निकोटीन युक्त पदार्थों का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। 

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