Tuesday, Oct 03, 2023
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0.37 lakh tonnes of carbon emissions reduced by one lakh led lights in noida

नोएडा में एक लाख एलईडी लाइटों से कम हुआ 0.37 लाख टन कार्बन उत्सर्जन

  • Updated on 5/4/2022

नई दिल्ली, टीम डिजीटल/ नोएडा में प्रदूषण कम करने के लिए लाइट एमिटिंग डायोड (एलईडी) लाइट का सहारा लिया जा रहा है। इससे एक साल में पर्यावरण में 0.37 लाख टन कार्बन उत्सर्जन (रेडिएशन) में कमी आई है। सात सालों में प्राधिकरण का लक्ष्य नोएडा में 2.66 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का है। इसके लिए नोएडा के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 1 लाख 7 हजार 27 एलईडी लाइट लगाई गई है। 
प्राधिकरण के प्रधान महाप्रबंधक राजीव त्यागी ने बताया कि यदि हम एलईडी व पारंपरिक लाइटों की तुलना करे तो एलईडी लाइट प्रत्येक घंटे में 3.4 बीटीयू थर्मल हीट पैदा करती है जबकि सोडियम लाइट कई गुना ज्यादा 85 बीटीयू/ घंटा थर्मल हीट पैदा करती है। जाहिर है एलईडी लाइट्स हीट व कार्बन रेडिएशन दोनों से बचाव करती है। एक स्टैंडर्ड के अनुसार 78 हजार एलईडी लाइटों से 14 हजार किलोवाट के सापेक्ष 5 हजार 533 किलोवाट ऊर्जा की खपत हो रही है। इससे 56 प्रतिशत ऊर्जा की बचत है। ऐसे में वर्तमान में ऊर्जा की बचत और अधिक हो रही है। इसका प्रयोग कहीं और किया जा सकता है। बता दे देश में अभी भी बिजली उत्पादन के लिए कोल संयंत्रों पर ही निर्भरता है। ऐसे में जब बिजली की बचत होगी तब मांग में कमी आएगी। देखा जाए तो यह लाइट्स ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में काफी सहायक है। यही वजह है कि अब तक स्ट्रीट लाइटों को लेकर नोएडा अथॉरिटी को तीन अवार्ड मिल चुके है। इसमे बेस्ट क्लाइमेट स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, बेस्ट सिटी अंडर सिल्वर कैटेगरी में व आईओटी अवार्ड शामिल है।
 

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