नई दिल्ली। नवोदय टाइम्स। पुस्तक की लोकप्रियता कभी भी खत्म नहीं हो सकती है। यह बात साबित की नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) द्वारा 9 दिवसीय पुस्तक मेले के आयोजन के दौरान 10 लाख से अधिक पुस्तकप्रेमियों का प्यार मिला। वहीं पुस्तक प्रेमियों को जी20, बाल मंडप, आजादी का अमृत महोत्सव पवेलियन काफी पसंद आया। जहां स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित कई भाषाओं की पुस्तकों को प्रदर्शित किया गया था।
मेले में बारह हजार किताबों की हुई बिक्री-प्रभात कुमार मेले के अंतिम दिन प्रभात प्रकाशन के स्टॉल पर मनजीत नेगी द्वारा लिखित पुस्तक महायोद्धा की महागाथा का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर लेखक और प्रभात प्रकाशन के निदेशक प्रभात कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। प्रभात प्रकाशन के निदेशक प्रभात कुमार ने बताया कि हमारे स्टॉल से करीब 12 हजार किताबों की बिक्री हुई।
ब्लूगेट पब्लिशर्स के स्टॉल पर लगी भारी भीड़ पुस्तक मेले में ब्लूगेट पब्लिशर्स को स्कूलों की तरफ से काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और करीब सौ से ज्यादा स्कूलों ने अपने आप को यहां रजिस्टर कराया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार इन स्कूलों में विभिन्न वोकेशनल पाठक्रमों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ब्लूगेट पब्लिशर्स के निदेशक विकास शर्मा ने कहा कि हमने पहली बार विश्व पुस्तक मेले में भाग लिया है, लोगों का उत्साह देखकर हम बहुत खुश हैं।
साहित्य घर उत्सव में अंतिम दिन 9 पुस्तकों का लोकार्पण वाणी प्रकाशन ग्रुप के साहित्य घर उत्सव में अंतिम दिन कई पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। लोकार्पित कृतियों में प्रशासनिक अधिकारी रश्मि अग्रवाल का पहला कविता संग्रह ‘परवाज़’, कवि व कथाकार उमा शंकर चौधरी का कहानी संग्रह ‘आयोध्या बाबू सनक गए हैं’, वरिष्ठ लेखक जगदीश व्योम की पुस्तक ‘इतना भी आसान कहां है गीत- नवगीत’,कवियित्री एवं कथाकार योजना रावत का कहानी संग्रह ‘पुर्वराग’,वरिष्ठ कवि व आलोचक सत्यपाल सहगल का कविता संग्रह ‘दुसरी किताब’, लेखक व कवि संजय पारिख के चौथे कविता संग्रह ‘हथेली पर खिली धुप’,और रघुनन्दन शर्मा ‘तुषार’ का कथेतर गद्य ‘भुले बिसरे फ़िल्म संगीत सितारे’ शामिल है।
जलसाघर में पुस्तकप्रेमियों ने जमकर की खरीदारी राजकमल प्रकाशन के ''जलसाघर'' में पुस्तकप्रेमियों ने जमकर खरीदारी की। सुबह से ही पाठकों की भीड़ देखने को मिली, जिसपर प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने पाठकों का रेस्पॉन्स अच्छा होने पर खुशी जाहिर की। रविवार को ''जलसाघर'' में कई पुस्तकों पर बातचीत हुई व लोकार्पण हुए। जिसमें आस्तीक वाजपेयी की ''उम्मीद'', त्रिपुरारि शरण की ''माधोपुर का घर'', शशिकांत मिश्र की ''मीडिया लाइफ'', सविता सिंह की ''प्रतिरोध का स्त्री-स्वर'', विभांशु केशव की ''सरकारी कार्य में बाधा'' और ''त्रिलोचन रचनावली'' आदि नई पुस्तकों का लोकार्पण हुआ।
लोकतंत्र भारत के लोगों के स्वभाव में है- प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी विश्व पुस्तक मेले में लोक प्रशासन के विद्वान व पूर्व कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित की पुस्तक भारत की लोकतांत्रिक संस्कृति का विमोचन किया गया। पुस्तक के प्रकाशक किताबवाले के स्टॉल पर आयोजित विमोचन कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, भारतीय शिक्षण मंडल के महामंत्री मुकुल कानितकर, निबंधकार डॉ अरुण प्रकाश और भारत सरकार के स्कूली शिक्षा निदेशक उमेश प्रताप सिंह उपस्थित रहे। विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. सोलंकी ने कहा कि लोकतंत्र भारत के लोगों के स्वभाव में है और भारत का हर व्यक्ति लोकतांत्रिक है। वहीं, मुकुल कानितकर ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है लेकिन आत्मबोध के अभाव में हम इस सत्य को समझ नहीं पाते। पुस्तक पर टिप्पणी करते हुए डॉ. अरुण प्रकाश ने कहा डेमोक्रेसी भारतीय विचार परंपरा के लोकतंत्र का ही अपररूप है। हालांकि, जब इसे निर्वाचन का पर्याय बना दिया गया है तो यह संकुचित हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में विदथ से लेकर वैराज्य तक सब लोकतंत्र की भावना के ही रूप हैं।
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