नई दिल्ली/टीम डिजिटल। नगालैंड के मोन जिले में एक के बाद एक गोलीबारी की तीन घटनाओं में सुरक्षाबलों की गोलियों से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने रविवार को बताया कि गोलीबारी की पहली घटना संभवत: गलत पहचान का मामला थी। इसके बाद हुए दंगों में एक सैनिक की भी मौत हो गई। गोलीबारी की पहली घटना तब हुई जब शनिवार शाम कुछ कोयला खदान कर्मी एक पिकअप वैन में सवार होकर गाना गाते हुए घर लौट रहे थे। सेना के जवानों को प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिली थी और इसी गलतफहमी में इलाके में अभियान चला रहे सैन्यर्किमयों ने वाहन पर कथित रूप से गोलीबारी की, जिसमें छह मजदूरों की जान चली गई। वायु प्रदूषण: Delhi-NCR में निर्माण पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बिल्डरों का संगठन
पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि जब मजदूर अपने घर नहीं पहुंचे तो स्थानीय युवक और ग्रामीण उनकी तलाश में निकले तथा इन लोगों ने सेना के वाहनों को घेर लिया। इस दौरान हुई धक्का-मुक्की व झड़प में एक सैनिक मारा गया और सेना के वाहनों में आग लगा दी गई। इसके बाद सैनिकों द्वारा आत्मरक्षार्थ की गई गोलीबारी में सात और लोगों की जान चली गई। इस घटना के खिलाफ उग्र विरोध और दंगों का दौर रविवार अपराह्न भी जारी रहा और गुस्साई भीड़ ने आज कोन्याक यूनियन और असम राइफल्स कैंप के कार्यालयों में तोडफ़ोड़ की और उसके कुछ हिस्सों में आग लगा दी। सुरक्षा बलों द्वारा हमलावरों पर की गई गोलीबारी में कम से कम एक और नागरिक की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए।
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उग्र भीड़ गोलीबारी के घटना में शामिल सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग कर रही थी। नगालैंड सरकार ने एक अधिसूचना के माध्यम से भड़काऊ वीडियो, तस्वीरों या लिखित सामग्री के प्रसार’’ को रोकने के लिए जिले में मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं के साथ-साथ एक साथ कई एसएमएस करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। जिले में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध के बावजूद, हालांकि भीड़ द्वारा मोन में कोन्याक यूनियन कार्यालय और असम राइफल्स कैंप में तोडफ़ोड़ करने के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं। रविवार को दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो सोमवार को प्रभावित जिले का दौरा करेंगे।
This is heart wrenching. GOI must give a real reply. What exactly is the home ministry doing when neither civilians nor security personnel are safe in our own land?#Nagaland pic.twitter.com/h7uS1LegzJ — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 5, 2021
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पुलिस ने कहा कि इस गोलीबारी में मारे गए लोगों का पोस्टमॉर्टम मोन में कराया जा रहा है और आशंका जताई की मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि घायलों में से दो की हालत गंभीर है और उन्हें बेहतर उपचार के लिये असम भेजा गया है, जबकि शेष का उपचार नगालैंड में ही चल रहा है। सेना ने घटना की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का आदेश देते हुए बताया कि इस दौरान एक सैन्यकर्मी की मौत हो गई और कई अन्य सैनिक घायल हो गए। इसने कहा कि यह घटना और उसके बाद जो हुआ, वह ‘‘अत्यंत खेदजनक’’ है तथा लोगों की मौत होने की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने आईजीपी नगालैंड की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
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रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (कोहिमा) लेफ्टि. कर्नल सुमित के शर्मा ने कहा, च्च्नगालैंड में मोन जिले के तिरु में उग्रवादियों की संभावित गतिविधियों की विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर इलाके में एक विशेष अभियान चलाए जाने की योजना बनाई गई थी। यह घटना और इसके बाद जो हुआ, वह अत्यंत खेदजनक है।’’ मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने का वादा किया और समाज के सभी वर्गों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया। मोन म्यांमा की सीमा के पास स्थित है, जहां से एनएससीएन-के का युंग ओंग धड़ा अपनी उग्रवादी गतिविधियां चलाता है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को घटना की जानकारी दी गई है।
Worrisome news from #Nagaland. Heartfelt condolences to the bereaved families. I pray for the speedy recovery of those who were injured. We must ensure a thorough probe into the incident and ensure that all victims get justice! — Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 5, 2021
Worrisome news from #Nagaland. Heartfelt condolences to the bereaved families. I pray for the speedy recovery of those who were injured. We must ensure a thorough probe into the incident and ensure that all victims get justice!
गृह मंत्री अमित शाह ने भी शोक प्रकट किया और ट्वीट कर घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, च्च्राज्य सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय एसआईटी इस घटना की गहन जांच करेगी, ताकि शोक संतप्त परिवारों के लिये न्याय सुनिश्चित किया जा सके।’’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, 'यह हृदय विदारक है। भारत सरकार को सही-सही जवाब देना चाहिए। गृह मंत्रालय वास्तव में क्या कर रहा है, जब न तो आम नागरिक और न ही सुरक्षाकर्मी हमारी अपनी ही सरजमीं में सुरक्षित हैं?’’
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘नगालैंड से चिंताजनक खबर। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं। हमें घटना की विस्तृत जांच सुनिश्चित करनी चाहिए। हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पीड़ितों को न्याय मिले ।’’ ‘ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन’ (ईएनपीओ) ने इस घटना के विरोध में क्षेत्र के छह जनजातीय समुदायों से राज्य के सबसे बड़े पर्यटन कार्यक्रम ‘हॉर्नबिल’ महोत्सव से भागीदारी वापस लेने का आग्रह किया।
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संगठन ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘ईएनपीओ भारतीय सेना की अंधाधुंध गोलीबारी में ओटिंग गांव के 10 से अधिक दिहाड़ी मजदूरों की मौत होने की घटना पर गहरा शोक व्यक्त करता है और घटना की घोर निंदा करता है।’’ ईएनपीओ ने छह जनजातियों से राज्य की राजधानी के पास किसामा में हॉर्नबिल महोत्सव स्थल ‘नगा हेरिटेज विलेज’ में अपने-अपने ‘मोरुंग’ में घटना के खिलाफ काले झंडे लगाने को कहा। इसने कहा, ‘‘सभी संबंधित पक्षों को समझना चाहिए कि यह आदेश/कदम राज्य सरकार के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह सुरक्षाबलों के खिलाफ नाराजगी जताने और छह जनजातीय समुदायों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए है।’’ मुख्यमंत्री के सलाहकार अबु मेहता ने कहा कि घटना में मारे गए लोगों के लिए किसामा में दो मिनट का मौन रखा जाएगा और प्रार्थना की जाएगी।
सरमा ने नागरिकों की मौत पर शोक जताया असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व सरमा ने नगालैंड में उग्रवाद रोधी अभियान के दौरान आम लोगों के मारे जाने पर रविवार को शोक व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि विशेष जांच टीम (एसआईटी) जिसका गठन मामले की जांच के लिए किया गया है, सच्चाई सामने लाएगी और न्याय सुनिश्चित करेगी। सरमा ने ट्वीट किया,‘‘ नगालैंड में सोमवार को उग्रवाद रोधी अभियान के दौरान 13 आम लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से गहरी पीड़ा में हूं। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’’ पुलिस ने रविवार को बताया कि सुरक्षाबलों द्वारा मोन जिले में गोलीबारी की दो घटनाओं में कम से कम 13 आम लोगों की मौत हो गई है जबकि 11 अन्य घायल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि पहली घटना संभवत: गलत पहचान की है।
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