नई दिल्ली/टीम डिजीटल। विभिन्न जिलों में जर्जर हालत में सरकारी अस्पताल के ध्वस्तीकरण करने को लेकर शासन स्तर पर मंथन जारी है। अस्पतालों के ध्वस्तीकरण के लिए महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से अनुमति भी मांगी गई है। जिससे जल्द ही जर्जर अस्पतालों की इमारत को ध्वस्त कर नए अस्पताल निर्माण की भी आस जगी है। शासन स्तर पर एक सूची भी तैयार की गई है, जिसमें जनपद का एमएमजी अस्पताल भी शामिल है। शासन ने सीएमओ व एमएमजी अस्पताल के सीएमएस को पत्र भेजकर जरूरी सूचना देने को भी कहा है। सूचना में अस्पताल के जर्जर भवन के ध्वस्तीकरण के बाद इसके संचालन को लेकर जानकारी देने को कहा गया है।
1956 में तैयार जिला एमएमजी चिकित्सालय को निर्मित हुए 60 साल से अधिक समय बीत चुका है। 166 बेड का अस्पताल स्वीकृत है। हालांकि वर्तमान में लगभग 200 बेड के वार्ड निर्मित है। अधिक समय होने के चलते इसका तकनीकी निरीक्षण के लिए एक समिति का गठन किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट में इसे निष्प्रयोज्य घोषित किया था। जिसके बाद पीडब्ल्यूडी ने इसकी जांच कर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को लेकर 2021 को एक प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था। लेकिन इसके बाद फाइल शासन में जाने तक सीमित रह गई। जर्जर पुराने चिकित्सालय को लेकर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने भी राष्ट्रीय मानवाधिकार में याचिका डाली थी।
याचिका डलने के बाद शासन हरकत में आया और अस्पताल प्रबंधन से विभिन्न बिंदुओं पर जवाब मांगा था। जवाब में जिले की जनसंख्या के अनुसार 300 बेड का अस्पताल बनाने को कहा गया। जिसके बाद शासन स्तर पर जर्जर अस्पतालों को लेकर मंथन जारी है। अब संयुक्त सचिव प्राणेश चन्द्र शुक्ल ने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से विभिन्न जिलों के चिकित्सालयों में स्थित जर्जर, असुरक्षित एवं अनुपयोगी भवनों के ध्वस्तीकरण की अनुमति मांगी है। इसमें गाजियाबाद का जिला एमएमजी अस्पताल भी शामिल है।
साथ ही सीएमओ व सीएमएस को पत्र भेजकर अस्पताल के ध्वस्तीकरण के बाद इसके संचालन की व्यवस्था कैसे होगी, जानकारी देने को कहा गया है। सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर ने कहा कि शासन से पत्र जारी हुआ है, लेकिन इस संबंध में एमएमजी अस्पताल के सीएमएस द्वारा ही शासन को जवाब भेजा जाएगा। वहीं एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. मनोज चतुर्वेदी ने बताया कि ध्वस्तीकरण के बाद अस्पताल संचालन कैसे किया जाएगा, इस संबंध में एक समिति का गठन कर निर्णय लिया जाएगा।
ये अस्पताल होंगे ध्वस्त जिला चिकित्सालय आगरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उसका बाजार जनपद सिद्धार्थनगर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिराथू जनपद कौशांबी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बंगरा, बबीना, मोठ एवं बामौर तथा गुरसराय जनपद-झांसी, एमएमजी चिकित्सालय गाजियाबाद, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकापुर जनपद अयोध्या एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भदैया एवं लम्भुआ जनपद सुल्तानपुर में स्थित जर्जर, असुरक्षित एवं अनुपयोगी भवनों के ध्वस्तीकरण हेतु शासकीय आदेश निर्गत करने का अनुरोध किया गया है।
अस्पताल संचालन में ये अपनाई जा सकती है प्रक्रिया विभागीय सूत्रों की मानें तो जर्जर एमएमजी अस्पताल के ध्वस्तीकरण से पूर्व पहले चरण में यहां जर्जर व निष्प्रयोज्य आवासीय भवन के स्थान पर अस्पताल का मुख्य भवन तैयार किया जा सकता है। मुख्य भवन का निर्माण होने पर इसमें यहां अस्पताल का संचालन किया जा सकता है।
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