नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। इंडोनेशिया में शनिवार की शाम एक फुटबॉल मैच के बाद मची भगदड़ में 125 लोगों की मौत हो गई। मैच के बाद हुए विवाद को शांत करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे, जिसके चलते प्रशंसकों के बीच भगदड़ मच गई और ज्यादातर लोगों की मौत कुचले जाने के कारण हुई है। यह हिंसा दुनियाभर में खेल स्पर्धा में हुए सबसे बड़े हादसों में से एक है।
राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख लिस्ट्यो सिगिट प्रबोवो ने बताया कि मरने वालों की संख्या को संशोधित किया गया है और हादसे में मृतकों की संख्या 125 है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने पाया कि पीड़ितों में से कुछ की गिनती दो बार हो गई थी, जिस कारण पहले मृतकों की संख्या अधिक बताई गई थी। उन्होंने बताया कि आठ अस्पतालों में 100 से अधिक लोगों का इलाज चल रहा है, जिनमें से 11 की हालत गंभीर है। इससे पहले पूर्वी जावा के वाइस गवर्नर एमिल दरदक ने मृतकों की संख्या 174 बताई थी।
‘फेडरेशन इंटरनेशनल डी फुटबॉल एसोसिएशन’ (फीफा) के अध्यक्ष ने स्टेडियम में हुई मौतों को ‘सभी लोगों के लिए एक काला दिन और एक त्रासदी’ बताया, जबकि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने सुरक्षा प्रक्रियाओं की जांच के आदेश दिए। पूर्वी जावा प्रांत के मलंग शहर में शनिवार शाम को आयोजित फुटबॉल मैच में मेजबान अरेमा एफसी सुरबाया की पर्सेबाया टीम से 3-2 से हार गई, जिसके बाद प्रशंसकों के बीच झड़पें शुरू हो गईं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अपनी टीम की हार से निराश अरेमा के हजारों समर्थकों ने खिलाडिय़ों और फुटबॉल अधिकारियों पर बोतलें तथा अन्य वस्तुएं फेंकी। प्रशंसक कंजुरुहान स्टेडियम के मैदान पर उमड़ पड़े और उन्होंने अरेमा प्रबंधन से पूछा कि घरेलू मैचों में 23 वर्ष तक अजेय रहने के बाद टीम यह मैच कैसे हार गई। स्टेडियम के बाहर भी हिंसा शुरू हो गई और पुलिस के कम से कम पांच वाहनों को फूंक दिया गया।
दंगा रोधी पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे भगदड़ मच गई। फीफा ने फुटबॉल स्टेडियम में आंसू गैस के गोले छोडऩे पर प्रतिबंध लगा रखा है। आंसू गैस से बचने के लिए सैकड़ों लोग निकास द्वार की ओर भागे, जिससे कुछ लोगों की दम घुटने और कुचले जाने से मौत हो गई। अराजकता की इस स्थिति में दो अधिकारियों समेत 34 लोगों की स्टेडियम में ही मौत हो गई। मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं।
राष्ट्रपति विडोडो ने युवा एवं खेल मामलों के मंत्री जैनुद्दीन अमाली, राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख और पीएसएसआई अध्यक्ष को देश में फुटबॉल मैच तथा उसकी सुरक्षा प्रक्रियाओं का विस्तृत मूल्यांकन करने का आदेश दिया है। उन्होंने पीएसएसआई को लीग-1 को अस्थायी रूप से स्थगित करने का भी आदेश दिया है।
42 हजार दर्शक थे स्टेडियम में
मलंग के स्थानीय पुलिस प्रमुख फेर्ली हिदायत ने बताया कि मैच के दौरान स्टेडियम में करीब 42,000 दर्शक मौजूद थे। सभी अरेमा समर्थक थे, क्योंकि आयोजकों ने विवाद से बचने के लिए स्टेडियम में पर्सेबाया प्रशंसकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। पूर्वी जावा के बिल्तार स्टेडियम में फरवरी 2020 में दोनों प्रतिद्वंद्वी फुटबॉल टीम के समर्थकों के बीच झड़पों के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया था। इन झड़पों से 18,000 डॉलर की संपत्ति का नुकसान हुआ था।
विष्णुदेव साय होंगे छत्तीसगढ़ के नए CM, साव और शर्मा बनेंगे डिप्टी...
पंजाब : केजरीवाल ने ‘भगवंत मान सरकार तुहाडे द्वार' योजना की शुरुआत की
जम्मू में धोखाधड़ी के मामले में गुजरात की कंपनी के निदेशक के खिलाफ...
गौतम अडाणी ने 7 लाख करोड़ रुपये निवेश योजनाओं का ब्योरा दिया
जन संवाद कार्यक्रम में हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल को आया...
भाजपा के आदिवासी चेहरे विष्णु देव साय से शाह ने किया था 'बड़ा आदमी'...
राजस्थान के नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों ने वसुंधरा राजे से की मुलाकात
उम्मीद है कि कोर्ट जम्मू-कश्मीर के लोगों के पक्ष में फैसला सुनाएगा:...
द्वारका एक्सप्रेसवे: दिल्ली हाईकोर्ट ने ठोका 'मोटा' जुर्माना, DDA ने...
भाजपा विधायकों की बैठक से पहले शिवराज की ‘सभी को राम-राम...' ने...