नई दिल्ली/टीम डिजीटल। एमसीडी चुनावों के परिणाम सामने आने के बाद दिल्ली से सटे गाजियाबाद में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। गाजियाबाद नगर निकाय चुनावों की घोषणा भी जल्द होने वाली है। राष्ट्रीय राजधानी में जीत का परचम लहराने के बाद गाजियाबाद में आम आदमी पार्टी का संगठन उत्साहित है। उनका कहना है कि दिल्ली में मिला बहुमत, उन्हें गाजियाबाद में भी बढ़त दिलवाने में मदद करेगा। वहीं भाजपा और कांग्रेस जैसे दलों ने यहां आम आदमी पार्टी की जीत की संभावनाओं को सिरे से नकार दिया है। राजनैतिक दलों से परे गाजियाबाद में सक्रिय आरडब्ल्यूए फेडरेशन ने एमसीडी चुनावों के परिणामों को उत्साहजनक बताया है।
आप का दावा हॉट सिटी में असर डालेंगे दिल्ली के रिजल्ट
दिल्ली में जीत के बाद आम आदमी पार्टी का मानना है कि हॉट सिटी में भी दिल्ली के यह परिणाम अपना असर जरूर दिखाएंगे। पार्टी की जीत का जश्न गाजियाबाद में भी मनाया गया। जहां पटेल नगर स्थित पार्टी कार्यालय पर पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को जीत की बधाई दी। पार्टी के महानगर अध्यक्ष निमित यादव का कहना है कि शहर में 40-50 सीटें ऐसी हैं, जहां आम आदमी पार्टी कड़ी टक्कर देगी। उन्होंने कहा कि खासतौर पर बॉर्डर से सटे इलाकों में यह प्रभाव ज्यादा दिखाई देगा। क्योंकि वहां के बाशिंदे अपने सामने दिल्ली की तरक्की को देख रहे हैं।
गाजियाबाद में अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटी है आम आदमी पार्टी
बता दें कि गाजियाबाद में अपनी जड़ें जमाने के लिए आम आदमी पार्टी लगातार प्रयास कर रही है। राज्यसभा सांसद संजय सिंह की अगुवाई में कई हफ्तों तक पार्टी ने हिंडन सफाई अभियान चलाया। इसके अलावा डासना और खोड़ा जैसे इलाकों में लगातार वह रैली कर अपने लिए समर्थन जुटाने में लगी है। इसके अलावा बीते दिनों दिवाली से पहले पार्टी ने कारोबारियों को भी अपने साथ जोडऩे के लिए अभियान शुरू किया था। हालांकि अभी तक पार्टी को अभी तक सफलता नहीं मिल सकी है। 2017 के निकाय चुनाव हों या हालिया विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलने में कामयाब नहीं हो सकी है।
भाजपा बोली दिल्ली के बॉर्डर तक सीमित है झाडू का प्रभाव
आम आदमी पार्टी की जीत का असर गाजियाबाद में होने के सवाल को भाजपा सिरे से नकारती है। भाजपा के महानगर महामंत्री गुंजन शर्मा का कहना है कि भाजपा का प्रभाव दिल्ली के बॉर्डर तक ही सीमित है। उसका गाजियाबाद में कोई असर नहीं होने वाला। पहले भी वह ऐसे कई प्रयास कर चुके हैं। जिनका परिणाम जनता के सामने है। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद में जीत हासिल करने के लिए संगठन का ताकतवर होना बेहद जरूरी है। शहर में यह ताकत केवल भाजपा के ही पास है। इसलिए नगर निगम के चुनावों में भाजपा की जीत को लेकर कोई शंका नहीं है।
कांग्रेस ने बताया आप को बीजेपी की बी-टीम
दिल्ली एमसीडी इलेक्शन रिजल्ट पर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को बीजेपी की ही बी-टीम करार दिया है। पार्टी के जिला अध्यक्ष बिजेन्द्र यादव का कहना है कि भाजपा और आप दोनों ही एक थाली बैंगन हैं। जैसे पहले भाजपा ने लोगों को अच्छे दिन का वादा किया था। वैसे ही आम आदमी पार्टी ने भी अच्छे होंगे 5 साल जैसा शिगूफा छोड़ा है। यह केवल भाजपा की बी टीम ही कर सकती है। उन्होंने भी आम आदमी पार्टी के गाजियाबाद में सफल होने की संभावनाओं से इंकार कर दिया।
दिल्ली के परिणामों से आरडब्ल्यूए उत्साहित
राजनैतिक दलों से इतर गाजियाबाद आरडब्ल्यूए फेडरेशन ने इस जीत पर खुशी जताई है। फेडरेशन के अध्यक्ष कर्नल टीपी त्यागी का कहना है कि एमसीडी चुनावों में जिस तरह आम आदमी पार्टी ने आरडब्ल्यूए को तरजीह दी है। वह प्रशंसा के योग्य है। उन्होंने कहा कि आरडब्ल्यूए लोकतंत्र की प्रारंभिक पाठशाला है, लेकिन हैरत है कि इसे हिराकत भरी नजरों से देखा जाता है। आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी बिना किसी सरकारी मद का लाभ उठाए, लगातार काम करते रहते हैं। फेडरेशन की हमेशा से मांग रही है कि सरकार अपनी जो भी योजनाएं बनाए। उसमें आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों की भी भागीदारी हो, जिससे जिन लोगों तक योजनाएं पहुंचनी हैं। उन लोगों की असली जरूरतों को पूरा किया जा सके। एमसीडी चुनावों के परिणामों के बाद राजनैतिक दलों को समझ में आ जाना चाहिए कि उन्हें आरडब्ल्यूए का समर्थन तभी मिलेगा, जब वह आरडब्ल्यूए की नीतियों का समर्थन करेंगे।
बॉर्डर से सटे 9 वार्डों तक सीधी पहुंचती है दिल्ली की हवा
गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र में कुल सौ वार्ड हैं। जिसमें से 9 वार्ड दिल्ली बॉर्डर के सबसे करीब हैं। इनमें मोहन नगर जोन में वार्ड-57, वार्ड-48, वार्ड-9, वार्ड-70 और वार्ड-44 शामिल हैं। वसुंधरा जोन के 4 वार्ड भी दिल्ली से बॉर्डर साझा करते हैं। जिसमें वार्ड-28, वार्ड-41, वार्ड-72 व वार्ड-78 शामिल हैं। इन वार्डों में जहां एक तरफ कौशांबी, रामप्रस्थ, ब्रिज विहार, चंद्र नगर और सूर्य नगर जैसे पॉश इलाकें हैं। वहीं जवाहर पार्क, तुलसी निकेतन और शहीद नगर जैसे पिछड़े इलाके भी आते हैं।
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