Sunday, Jun 04, 2023
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aap attacks delhi''''s lieutenant governor saxena regarding assembly committees

विधानसभा समितियों को लेकर AAP ने दिल्ली के उपराज्यपाल सक्सेना पर बोला हमला

  • Updated on 2/20/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना विधानसभा समितियों के खिलाफ ‘‘कार्रवाई'' करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने मुख्य सचिव तथा विधानसभा को पत्र लिखकर उनके कामकाज के बारे में जानकारी मांगी है। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति ने तीन अलग-अलग मुद्दों पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी।

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उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि उपराज्यपाल ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय समितियों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया। आप नेता ने कहा, ‘‘दिल्ली के उपराज्यपाल विधानसभा समितियों के खिलाफ कार्रवाई करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव नरेश कुमार और दिल्ली विधानसभा को पत्र लिखकर पूछा है कि समितियां कैसे काम कर रही हैं और क्या वे कानून के खिलाफ जा रही हैं।'' भारद्वाज ने आरोप लगाया, ‘‘उपराज्यपाल को समितियों से समस्या है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार के कामकाज में अधिकारी जो कुछ भी हस्तक्षेप करते हैं, वह उपराज्यपाल के इशारे पर किया जाता है।''

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दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति के हस्तक्षेप के उदाहरणों का हवाला देते हुए भारद्वाज ने कहा कि समिति ने सरकारी अस्पतालों में ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) के कर्मचारियों को बर्खास्त करने का मामला उठाया था। उन्होंने कहा, ‘‘महीनों से काम कर रहे ओपीडी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया जिससे काउंटर खाली हो गए। याचिका समिति की सुनवाई के दौरान, यह पाया गया कि दो आईएएस अधिकारी जानबूझकर फाइल को रोक कर रखे हुए थे और जब समिति ने हस्तक्षेप किया, तो उन मुद्दों को सुलझा लिया गया।''

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आप नेता ने दावा किया, ‘‘समिति ने उपराज्यपाल से स्वास्थ्य सचिव अमित सिंगला और प्रधान सचिव वित्त ए सी वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की थी, लेकिन कुछ नहीं किया गया।'' उन्होंने कहा कि सिंगला और वर्मा मोहल्ला क्लीनिक में कार्यरत डॉक्टरों का वेतन रोकने में भी शामिल पाए गए हैं। भारद्वाज ने कहा, ‘‘इसके (मोहल्ला क्लीनिक के समर्पित) खाते में करोड़ों रुपये होने के बावजूद मोहल्ला क्लीनिक डॉक्टरों के वेतन का भुगतान नहीं कर पा रहे थे और जांच करने के लिए पैसा रोक दिया गया था। समिति ने पाया कि सिंगला और वर्मा भी इसमें शामिल थे।'' एक अन्य मामले में, भारद्वाज ने दावा किया कि दीवाली से पहले, समाज कल्याण विभाग ने वरिष्ठ नागरिकों और गरीब लोगों को पेंशन देना बंद कर दिया था।

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