Sunday, Jun 04, 2023
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aap criticizes fiery lions in national emblem says tampering hurts constitutional traditions

राष्ट्रीय प्रतीक में ‘उग्र शेरों’ की AAP ने की आलोचना, कहा, ‘छेड़छाड़’ से संवैधानिक परंपराओं को चोट

  • Updated on 7/12/2022

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। नये संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किए जाने के बाद शुरु हुए विवाद के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने भी ‘उग्र शेरों’ की आलोचना की और मंगलवार को कहा कि किसी को भी संवैधानिक विरासत के साथ छेड़छाड़ करने की अनुमति नहीं है। पार्टी ने कहा कि इस तरह की ‘छेड़छाड़’ से परहेज करना चाहिए क्योंकि इससे देश की संवैधानिक परंपरा को चोट लगती है। 

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पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'आप का मानना है कि किसी को भी संवैधानिक विरासत के साथ किसी भी तरह से छेड़छाड़ करने की अनुमति नहीं है। इस तरह की छेड़छाड़ से परहेज करना चाहिए क्योंकि यह देश की संवैधानिक परंपरा को आघात पहुंचाती है।' इससे पहले विपक्षी दलों के सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को सरकार पर अशोक की लाट के ‘मोहक और राजसी शान वाले’ शेरों की जगह उग्र शेरों का चित्रण कर राष्ट्रीय प्रतीक के रूप को बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे तत्काल बदलने की मांग की।

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भारतीय जनता पार्टी ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर राजनीतिक कारणों से एक के बाद विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहा है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने कहा कि विपक्ष के आरोपों की मूल वजह उनकी कुंठा है कि अंग्रेजों द्वारा 150 साल पहले बनाए गए संसद भवन की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार के कार्यकाल में नया संसद भवन बन रहा है। 

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राष्ट्रीय प्रतीक और नयी संसद के ऊपर लगे प्रतीक एक समान : पुरी 
राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को विपक्ष पर पलटवार करते हुए जोर दिया कि यदि सारनाथ स्थित राष्ट्रीय प्रतीक के आकार को बढ़ाया जाए या नए संसद भवन पर बने प्रतीक के आकार को छोटा किया जाए, तो दोनों में कोई अंतर नहीं होगा। विपक्षी दलों और कार्यकर्ताओं ने सरकार पर अशोक की लाट के ‘मोहक और राजसी शान वाले’ शेरों की जगह उग्र शेरों का चित्रण कर राष्ट्रीय प्रतीक के स्वरूप को बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे तत्काल बदलने की मांग की। 

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पुरी के मंत्रालय पर सेंट्रल विस्टा पुर्निवकास परियोजना के तहत नए संसद भवन के निर्माण का जिम्मा है। उन्होंने कहा कि दो संरचनाओं की तुलना करते समय कोण, ऊंचाई और माप के प्रभाव की सराहना करने की आवश्यकता है। मंत्री ने ट्वीट किया कि यदि कोई व्यक्ति नीचे से सारनाथ प्रतीक को देखता है, तो वह उतना ही शांत या क्रोधित दिखाई देगा, जितना बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि मूल प्रतीक की वास्तविक प्रतिकृति नयी इमारत पर लगाई जाती है, तो वह दूर से नहीं दिखाई देगी। उन्होंने कहा कि‘विशेषज्ञों’को यह भी पता होना चाहिए कि सारनाथ में रखा गया मूल प्रतीक जमीन पर है जबकि नया प्रतीक जमीन से 33 मीटर की ऊंचाई पर है। 

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उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'अगर सारनाथ स्थित प्रतीक चिन्ह के आकार को बढ़ाया जाए या नए संसद भवन पर लगे प्रतीक के आकार को छोटा कर दिया जाए तो दोनों में कोई फर्क नहीं दिखेगा।’’ पुरी ने सारनाथ स्थित प्रतीक चिन्ह की एक तस्वीर भी ट्वीट की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नये संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया था। इस दौरान आयोजित समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश उपस्थित थे। 

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