Monday, Dec 04, 2023
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ABVP''s victory will become lifeline of BJP before Lok Sabha elections.

लोकसभा चुनाव से पहले ABVP की जीत बनेगी BJP की संजीवनी

  • Updated on 9/25/2023

नई दिल्ली/मनीष राणा। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले 2023 दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) में एबीवीपी की जीत भाजपा के लिए संजीवनी का काम कर सकती है। क्योंकि डूसू के परिणाम देश की राजनीति के भविष्य की झलक माने जाते है। देशभर के छात्र यहां पढऩे आते है,ऐसे में डूसू परिणाम लोकसभा चुनाव से पहले युवाओं के मूड का आभास कराते है।

यही कारण है कि भाजपा संगठन पूरी ताकत डूसू में एबीवीपी की जीत के लिए लगा दी थी, यहां तक की संघ के कई संगठन भी अलग-अलग माध्यम से चुनाव में सक्रिय थे। डूसू में चार में से तीन पदों पर एबीवीपी की जीत लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में नया जोश और जुनून भरेगी।

डूसू चुनाव में 2019 के बाद हुए चुनाव में संघ समर्थित एबीवीपी ने अध्यक्ष,सचिव और सहसचिव पद पर कब्जा कर बड़ी जीत हासिल की है। डूसू में एबीवीपी की यह जीत भाजपा के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कई मायनों में खास है। डीयू में देश के हर कौने से छात्र पढऩे आते हैं।

ऐसे में डूसू के परिणामों को देश की राजनीति के भविष्य की झलक माना जाता है। डूसू नतीजे से लोकसभा चुनाव को लेकर देश के मूड का आभास होता है। एबीवीपी ने राष्ट्रवाद के मुद्दे के साथ यह चुनाव लड़ा और महिलाओं को आकर्षित करने के लिए अलग से वमैनिफेस्टो जारी किया। जीत बाद कहा जा सकता है कि दोनो ही मुद्दे एबीवीपी के लिए कारगर साबित हुए।

24 के लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण विधेयक लाकर जहां भाजपा महिलाओं को आकर्षित करने की तैयारी में हैं,तो राष्ट्रवाद हमेशा से पार्टी का मुद्दा रहा है। यानि एबीवीपी की जीत बाद यह भी कह सकते है कि दोनो ही मुद्दे भाजपा के लिए लाभदायक हो सकते हैं। डूसू के नतीजों से भाजपा अपने पक्ष में माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी, साथ ही यह भी बताने की कोशिश करेगी कि आज का युवा राष्ट्रवाद के साथ है और राष्ट्रवादियों के साथ है।

डूसू ने दिए है देश को कई बड़े नेता

डूसू चुनाव को देश की सक्रिय राजनीति में प्रवेश के लिए गेटवे माना जाता है और डूसू ने देश को कई बड़े नेता दिए है। भाजपा और कांग्रेस दोनो में ही डूसू ने आने वाले नेताओं ने सक्रिय राजनीति में नाम कमाया है। डूसू से सक्रिय राजनीति में आने वालों में कई बड़े नाम शािमल है।

डूसू ने दिल्ली ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में भी कई बड़े नाम दिए है। इनमें सबसे प्रमुख नाम आता है पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता दिवंगत अरुण जेटली का। वहीं कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन, विजय गोयल,सुधांशु मित्तल, रेखा गुप्ता, नुपूर शर्मा, अलका लाम्बा, बिजेंद्र गुप्ता, नकुल भारद्वाज, रागिनी नायक, अनिल झा, रोहित चहल आदि शामिल है।

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