Monday, May 29, 2023
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अकादमी ने किया के एन पणिक्कर पर विशेष अंक का विमोचन

  • Updated on 7/21/2022

नई दिल्ली। टीम डिजिटल। संगीत नाटक अकादमी ने मेघदूत थिएटर में गुरूवार को प्रसिद्ध नाटककार, रंगमंच निर्देशक और कवि, कवलम नारायण पणिक्कर (के एन पणिक्कर) के जीवन और उनके कार्यों पर आधारित संगीत नाटक नामक रिसर्च जर्नल का विमोचन किया गया। इस जर्नल के दो खंड हैं, जिसमें पणिक्कर के जीवन और उनके कार्यों के बारे में लिखा गया है। 760 पन्नों वाले इस जर्नल में 50 आलेखों का संग्रह है। अकादमी की अध्यक्ष उमा नंदूरी ने स्पेशल इशू जर्नल का विमोचन किया। इस मौके पर अकादमी के सचिव अनीष पी राजन, अतिथि संपादक डॉ. चवन प्रमोद आर, प्रसिद्ध नर्तकी लीला वेंकटरमन, पणिक्कर की पुत्रवधू रत्ना पणिक्कर ने उनके जीवन से जुड़ी बातों को सांझा किया।
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साल 2007 में भारत सरकार ने कला क्षेत्र में योगदान पर पणिक्कर को दिया था पद्मभूषण
बता दें कि पणिक्कर ने 25 से अधिक नाटकों का लेखन किया। जिनमें से बहुत सारे नाटक संस्कृत से मलयालम में अनुकूलित किए गए थे। उन्होंने 33 से अधिक मलयालम नाटक भी लिखे थे। उन्हें संस्कृत रंगमंच परंपरा को फिर से जीवित करने और सामने लाने का श्रेय दिया गया है। उन्होंने सोपना (सेवा) शैली में केरल के शास्त्रीय नृत्य मोहिनीअट्टम के प्रचार में भी बहुत योगदान दिया था। सन 1983 में उन्हें रंगमंच निर्देशन के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया और वर्ष 2002 में जीवन भर की उपलब्धि के लिए संगीत नाटक अकादमी फेलो के रूप में चुना गया था। इसके साथ ही 2007 में उन्हें भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में योगदान देने के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।  

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