Monday, May 29, 2023
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रामदेव मामले में हर्षवर्धन से आचार्य प्रमोद बोले- “मिमियाने” की बजाय “सख़्त” कार्यवाही करनी चाहिए

  • Updated on 5/23/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। योगगुरु रामदेव के ऐलोपैथी चिकित्सा को निशाना साधने वाले बयान को लेकर विपक्षी दलों ने भी सवाल उठाने शुरु कर दिए हैं। बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की थी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने हस्तक्षेप कर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई थी। अब इस दिशा में डॉक्टर हर्षवर्धन ने सरकार का रुख साफ किया है। 

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लेकिन, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने ट्वीट में सवाल उठाते हुए रामदेव पर हमला बोला है। वह लिखते हैं, 'बाबा रामदेव ने जिस तरह देश के “डॉक्टर”और पूरे “मेडिकल” सिस्टम को “अपमानित”करने के साथ साथ “देश”की जनता को भ्रमित करने का काम किया है, अगर इस तरह का बयान किसी “मुस्लिम” उलेमा ने दिया होता तो देश में “हाहाकार” मच गया होता।'

ऐलोपैथी चिकित्सा को लेकर बाबा रामदेव के बयान पर हर्षवर्धन ने सरकार का रुख किया साफ

अपने दूसरे ट्वीट में वह केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन पर निशाना साधते हुए लिखते हैं, 'आप देश के स्वास्थ मंत्री के साथ साथ ख़ुद एक डॉक्टर हैं,आपको इस तरह “मिमियाने” की बजाय “सख़्त”कार्यवाही करनी चाहिये।'

इतना ही नहीं आचार्य ने गांवों में कोरोना हालात पर भाजपा नेताओं तंज कसा है। वह लिखते हैं, 'भाजपा के “नेता” आज कल “गाँव” में क्यूँ नहीं जा रहे, कोरोंना का भय है या “स्वागत” होने का डर।'

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बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने योगगुरु रामदेव को इस मामले में पत्र लिखकर कहा है कि वे अपना आपत्तिजनक बयान वापस लें। डॉक्टर हर्षवर्धन ने रामदेव को लिखी गई दो पेज की चिट्ठी में स्पष्ट तौर पर कहा, ' संपूर्ण देशवासियों के लिए कोरोना विरुद्ध युद्धरत डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं। ऐसे में बाबा रामदेव जी के बयान ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर देशभर की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।'

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स्वास्थ्य मंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि पंतजलि ने जो स्पष्टीकरण जारी किया, वह लोगों की आहत भावनाओं पर मरहम लगाने में काफी नहीं है। उन्होंने रामदेव के बयान का उल्लेख करते हुए लिखा, 'आपका यह कहना दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों कोरोना मरीजों की मौत एलोपैथी दवा खाने से हुई है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना के खिलाफ यह लड़ाई सामूहिक कोशिशों से ही जीती जा सकती है।' उन्होंने याद दिलाया कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में भारत समेत पूरी दुनिया के असंख्य डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी जान न्यौछावर की है।

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