नई दिल्ली, टीम डिजीटल/ उत्तराखंड, हरियाणा और यूपी के ग्रेटर नोएडा और मेरठ में सरकारी पट्टे की जमीनों में हेरफेर कर कई सौ करोड़ा का घोटाला करने वाले अन्तर्राज्जीय भूमाफिया यशपाल तोमर की ग्रेटर नोएडा में शिव नादर विश्वविद्यालय के पीछे भूमाफिया यशपाल तोमर की 40 बीघा जमीन जब्त की गई है। मेरठ के एसपी आईपीएस विवेक यादव के नेतृत्व में पुलिस, सुरक्षा बल और राजस्व विभाग की टीम गांव में पहुंची है। मेरठ पुलिस ने जमीन पर बोर्ड गाडक़र प्रॉपर्टी जब्त करने की घोषणा की है। आपको बता दें कि यशपाल तोमर को मेरठ पुलिस ने गैंगस्टर और प्रशासन ने भूमाफिया घोषित किया है। जिसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है। गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने भी वीरवार को ही यशपाल तोमर को भूमाफिया घोषित किया है। मालूम हो कि गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई ने जनपद के उच्च स्तरीय असफरों के साथ बैठक की। जिसमें चिटहैरा भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड यशपाल तोमर को भूमाफिया घोषित कर दिया है। इसके अलावा चिटहैरा भूमि घोटाले में शामिल प्रशासनिक और राजस्व विभाग के अधिकारियों की सूची शासन को भेजी गई है। जल्दी इन अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होंगी।
क्या है पूरा मामला चार दशक पहले चिटहेरा गांव में दलितों और भूमिहीनों के नाम पर पट्टे आवंटित किए गए। यह आवंटन पत्रावली रद्द कर दी गई थी। इसके बाद तहसील में रखे दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर हेरफेर किया गया। मतलब, किसी आवंटी को ग्राम पंचायत समिति ने आधा बीघा जमीन दी थी, दस्तावेजों में कटिंग और गड़बडिय़ां करके उनके नाम कई-कई बीघा जमीन दर्ज कर दी गई। इसके बाद माफिया ने दूसरे जिलों से एससी और एसटी जातियों से ताल्लुक रखने वाले लोगों को चिटहेरा का मूल निवासी बताकर रजिस्ट्री और एग्रीमेंट करवाए। जब तक यह जमीन चिटहेरा गांव के दलितों के नाम थी, उन्हें तहसील प्रशासन ने संक्रमणीय भूमिधर घोषित नहीं किया। जैसे ही जमीन बाहरी लोगों के नाम दर्ज हुई, उन्हें संक्रमणीय भूमिधर घोषित कर दिया गया। अरबों रुपए के घोटाला की पोल ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव में अरबों रुपए की सरकारी जमीन माफिया यशपाल तोमर ने हड़प ली है।
स्थानीय राजनेताओं के गठजोड़ से खेला पूरा खेल जांच में यह भी पता चला कि इस घोटाले में कई स्थानीय नेताओं के कनेक्शन जुड़े हुए हैं। जिनके दम पर सैकड़ों करोड़ रुपए का यह घोटाला किया गया है। दादरी तहसील में तैनात रहे कई प्रशासनिक अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल हैं। इतना ही नहीं दलितों और किसानों के पट्टों से जुड़े तहसील के राजस्व रिकॉर्ड में बड़े पैमाने पर हेराफेरी करके यह पूरा खेल हुआ है। गांव के जिन लोगों ने इसका विरोध किया, उनके खिलाफ दूसरे राज्यों में फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए गए और जेल भिजवा दिया गया। मामला तूल पकड़ा तो गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन, यूपी एसटीएफ, उत्तराखंड एसटीएफ से लेकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश हाईकमान तक हडक़ंप मच गया था।
गुरुग्राम से गिरफ्तार हुआ था यशपाल तोमर आपको बता दें कि बीते 30 जनवरी 2022 को उत्तराखंड एसटीएफ यशपाल तोमर को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर उत्तराखंड ले गई थी। एसटीएफ ने ज्वालापुर की विवादित 56 बीघा जमीन और कांग्रेस नेता तोष जैन के घर में घुसकर धमकी देने के मामले में भूमाफिया यशपाल तोमर को दबोचा था। ज्वालापुर कोतवाली में पूछताछ के बाद उसको जेल भेज दिया गया था। उसके बाद से ही एसटीएफ यशपाल तोमर की अवैध अचल-चल सम्पति की जांच में जुट गई थी। जिसके बाद अब कार्रवाई शुरू कर दी गई।
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