Friday, Jun 09, 2023
-->
advocate dwivedi claim mahant narendra giri written last will name of balveer giri rkdsnt

महंत नरेंद्र गिरि की आखिरी वसीयत को लेकर वकील ने किया दावा, उत्तराधिकारी का बताया नाम

  • Updated on 9/24/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। वकील ऋषिशंकर द्विवेदी ने दावा किया है कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत दिवंगत नरेंद्र गिरि के मरने से पहले अपने मठ की अंतिम वसीयत बलवीर गिरि के नाम लिखी थी। महंत गिरी के कथित सुसाइड नोट और उसमें उनके उत्तराधिकारी की कथित घोषणा के बाद इस मामले में यह एक नया दावा सामने आया है।     महंत नरेंद्र गिरि का वकील होने का दावा करते हुए द्विवेदी ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि महंत की तरफ से तीन वसीयतें लिखी गई थीं। आखिरी वसीयत 4 जून, 2020 को बलवीर गिरि के नाम लिखी गई थी और वही मान्य है। 

रोहिणी अदालत गोली कांड : AAP और कांग्रेस ने अमित शाह पर साधा निशाना

उन्होंने बताया, च्च्महंत नरेंद्र गिरि ने सबसे पहले 7 जनवरी, 2010 को बलवीर गिरि के नाम वसीयत की थी जिसे बाद में निरस्त कर दिया था। इसके बाद महंत ने 29 अगस्त, 2011 को आनंद गिरि के नाम वसीयत की। आनंद गिरि भी जब स्वछंदता से काम करने लगे, मठ के हित के खिलाफ काम करने लगे तो महंत जी ने 4 जून, 2020 को अपनी अंतिम वसीयत की जिसमें उन्होंने बलवीर गिरि को अपना एकमात्र उत्तराधिकारी बनाया।’’ 

यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की पत्नी, बेटियों की जमानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित

उत्तराधिकारी के निर्णय में अखाड़ा की भूमिका पर उन्होंने कहा, च्च्इस मठ (बाघंबरी गद्दी) का इतिहास और मठ के संविधान के मुताबिक, वसीयत से बनने वाला उत्तराधिकारी ही मान्य होगा। महंत जी के पास मूल कागजात थे और बाकी मेरे पास जो हैं, उसे मैं उपलब्ध करा सकता हूं।’’ द्विवेदी ने बताया कि इस मठ में जो व्यक्ति उत्तराधिकारी होता है, उसे स्वामित्व का अधिकार होता है। उसे जमीन सहित अन्य चीजें खरीदने बेचने का अधिकार होता है। 

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की मेडिकल दाखिले में EWS आरक्षण पर मद्रास हाई कोर्ट की टिप्पणी 

उल्लेखनीय है कि गत सोमवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि अपने श्रीमठ बाघंबरी गद्दी में अपने कमरे में मृत पाये गए थे। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने कथित तौर पर फांसी लगाई थी। घटनास्थल पर मिले कथित सुसाइड नोट में बलवीर गिरि को मठ का उत्तराधिकारी घोषित किया गया है।


 

comments

.
.
.
.
.