नई दिल्ली। टीम डिजिटल। आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर हर घर तिरंगा अभियान देशव्यापी ही नहीं बल्कि विश्वव्यापी बन गया। इस अभियान को सफल बनाने के लिए लोगों ने अपने घरों की छतों, ऑफिसों सहित वाहनों पर भी तिरंगा लगाया। राजधानी के मुख्य मार्गों पर भी बड़ी संख्या में पोल पर तिरंगा लहराते देखा गया लेकिन हर घर तिरंगा अभियान के बाद अब तिरंगा निपटान की तैयारियां बड़े जोर-शोर से राजधानी में चल रही हैं। कई समितियों, आरडब्ल्यूए व एनजीओ सहित निजी कंपनियां भी तिरंगे के निपटान में लग गई हैं। ताकि सम्मान के साथ ध्वज संहिता के तहत तिरंगे का निपटान किया जा सके। गार्ड ने ही किया पीजी की लड़कियों संग छेड़छाड़, डीसीडब्ल्यू सख्त
आरडब्ल्यूए व नगर निकाय करेंगे तिरंगे का निपटान मालूम हो कि हर घर तिरंगा अभियान की नोडल एजेंसी संस्कृति मंत्रालय द्वारा 20 से 25 करोड़ तिरंगे लगाए जाने का टारगेट रखा गया था। दिल्ली सरकार द्वारा ही लाखों की संख्या में तिरंगा बांटा गया। जबकि कई संस्थाओं, मार्केट एसोसिएशन इत्यादि ने भी बाजारों में आने वाले खरीदारों को मुफ्त झंडा वितरीत किया था ताकि पूरी दिल्ली झंडे के रंग में रंगी दिखे। मंगलवार को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने भी राष्ट्रध्वज को सम्मान सहित निपटान करने को लेकर ट्वीट किया। बता दें कि एमसीडी, एनडीएमसी व आरडब्ल्यूए सहित कई निजी कंपनियों ने भी आगे बढ़कर ध्वज संहिता के तहत तिरंगे के निपटान के लिए संग्रह केंद्र बनाया है। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के शीर्ष निकाय यूनाइटेड रेजिडेंट््स जॉइंट एक्शन ऑफ दिल्ली (यूआरजेए) ने भी इस काम में एमसीडी की मदद करने की इच्छा जतायी है। यूआरजेए ने कहा कि प्रत्येक आरडब्ल्यूए से अनुरोध है कि यदि संभव हो तो इस्तेमाल किए गए तिरंगे को मोड़कर कागज या कपड़े में लपेट कर एक ढेर में रख दें। यूआरजेए ने एक बयान में कहा कि जब करीब एक महीने में अधिकतर झंडे आरडब्ल्यूए के कार्यालय में जमा हो जाएं तो उन झंडों को ले जाने के लिए एमसीडी से संपर्क कर सकते हैं। विभाजन पीड़ितों की स्मृति में सेंट्रल पार्क में निकली मौन यात्रा, केंद्रीय मंत्री हुए शामिल
गोल मार्केट में बना राजधानी तिरंगा बैंक कनॉट प्लेस के गोल मार्केट में फेडरेशन राजधानी नागरिक कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रीतम धारीवाल ने बताया कि तिरंगे के रंग में रंगी दिल्ली देशभक्ति में बीते कई दिनों से सराबोर नजर आई। 15 अगस्त के बाद तिरंगों का निपटान एक बड़ी समस्या है, जिसके निपटान के लिए हमने राजधानी तिरंगा बैंक बनाया है। फेडरेशन द्वारा पुराने झंडो के निरस्तीकरण के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। फेडरेशन के पदाधिकारी भी सड़कों में गिरे हुए, फटे हुए झंडों को एकत्र कर रहे हैं। जो लोग हमारे यहां झंडा जमा करवाएंगे उन्हें संभाल कर रखा जाएगा ताकि भविष्य में उन्हें दोबारा झंडा चाहिए हो तो वो भी फेडरेशन के कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।
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