नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत को वित्त तथा बिजली विभाग जबकि सामाजिक कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद को शिक्षा तथा स्वास्थ्य विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि उन्हें मंत्रिमंडल में नए मंत्रियों की नियुक्ति होने तक यह अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
यह घोषणा मंगलवार को की गयी जब कुछ घंटे पहले दिल्ली के मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। दोनों मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोपों पर गिरफ्तार किया गया है। सिसोदिया के पास दिल्ली सरकार के कुल 33 विभागों में से 18 विभाग थे।
उनके विभागों का प्रभार स्थायी व्यवस्था होने तक गहलोत तथा आनंद के बीच बांटा गया है। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘नए मंत्रियों की नियुक्ति होने तक गहलोत वित्त, योजना, लोक निर्माण विभाग, बिजली, गृह, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण तथा जल विभाग का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘राजकुमार आनंद शिक्षा, भूमि और भवन, सतर्कता, सेवा, पर्यटन, कला संस्कृति और भाषा, श्रम, रोजगार, स्वास्थ्य तथा उद्योग का प्रभार संभालेंगे।''
बता दें कि केजरीवाल के भरोसेमंद सहयोगियों और मंत्रियों मनीष सिसोदिया एवं सत्येंद्र जैन ने उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच मंगलवार को कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। सिसोदिया और जैन दोनों जेल में बंद हैं। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में पार्टी के शासन के एजेंडे को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले दोनों नेताओं के इस्तीफे केजरीवाल ने स्वीकार कर लिए हैं।
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प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन के एक मामले में जैन को पिछले साल मई में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनके इस्तीफे की मांग कर रही थी। सिसोदिया भी अगस्त 2022 में आबकारी नीति घोटाले में उनका नाम सामने आने पर जांच के घेरे में आ गए। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने वर्ष 2021-22 के लिए शराब नीति बनाने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सिसोदिया को रविवार शाम गिरफ्तार किया था। यह नीति अब रद्द की जा चुकी है।
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न्यायालय ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने से इनकार कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिसोदिया के विभाग राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत और समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद को आवंटित किये जाएंगे। उप मुख्यमंत्री सिसोदिया के पास दिल्ली सरकार के 33 में से 18 विभागों की जिम्मेदारी थी, जिनमें स्वास्थ्य, वित्त, शिक्षा एवं गृह विभाग शामिल थे। जैन अपनी गिरफ्तारी के बाद भी सरकार में मंत्री बने हुए थे, लेकिन उनके पास कोई विभाग नहीं था। स्वास्थ्य, गृह एवं शहरी विकास समेत उनके विभाग सिसोदिया को सौंपे गए थे।
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जैन की गिरफ्तारी के बाद से सिसोदिया का कार्यभार लगभग दोगुना हो गया था और उनके पास दिल्ली सरकार के अधिकतर अहम विभागों की जिम्मेदारी थी। दोनों मंत्रियों ने दिल्ली की शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का नेतृत्व किया था। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का दावा है कि दिल्ली में दोनों क्षेत्रों में ‘‘सफल बदलाव'' किए गए हैं, जिससे पार्टी की लोकप्रियता बढ़ी और उसकी चुनावी सफलता जारी रही। भाजपा ने सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से ‘आप' पर हमले तेज कर दिए थे और वह उनके एवं जैन के इस्तीफे की मांग कर रही थी।
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भाजपा की दिल्ली इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ‘‘भाजपा को संघर्ष का प्रतिफल मिला है। हम मांग कर रहे थे कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को इस्तीफा देना होगा और जेल भी जाना होगा तथा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शर्मनाक स्थिति के कारण उनका इस्तीफा स्वीकार करना होगा। यह भाजपा कार्यकर्ताओं, सच्चाई की जीत है।'' उन्होंने कहा, ‘‘शराब घोटाला आपकी मिलीभगत से और आपकी नाक के नीचे हुआ। आप इसके लिए जिम्मेदार हैं। केजरीवाल के इस्तीफे के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा।''
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कांग्रेस ने कहा कि सिसोदिया को ‘‘साफ-साफ भ्रष्टाचार के मामले में'' गिरफ्तार किया गया है। कांग्रेस ने केजरीवाल से भी इस्तीफा देने की मांग की। कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दे पर अपनी पार्टी बनाने वालों को आबकारी नीति पर उठे सवालों का जवाब देना चाहिए, जो उनके द्वारा गठित समिति की सिफारिशों के पूर्ण विपरीत बनाई गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘यह साफ-साफ भ्रष्टाचार का मामला है। दिल्ली में एक बड़ा घोटाला हुआ है और इसे इसी हिसाब से देखा जाना चाहिए।''
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