Sunday, Apr 02, 2023
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after the death of ahmed patel the congress stuck in the middle pragnt

अहमद पटेल के निधन के बाद मझधार में फंसी कांग्रेस, जानिए कौन लगा सकता है बेड़ा पार

  • Updated on 11/25/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कांग्रेस (Congress)  के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल (Ahmed Patel) के निधन के बाद से पार्टी को बड़ा झटका लगा है। अहमद पटेल पार्टी के लिए दाहिना हाथ थे। जब भी पार्टी मुसिबत में पड़ी उस वक्त उन्होंने संकटमोचक बनकर उस संकट से पार्टी को बाहर निकाला है। ऐसे में अब  उनके निधन के बाद अब हर किसी के पास यही सवाल है कि अब गांधी परिवार किसपर आंखें बंद करके विश्वास कर पाएगा। इंदिरा गांधी, राजीव से लेकर सोनिया और राहुल तक को साध लेने वाले अहमद पटेल की जगह भर पाना तो मुश्किल है लेकिन फिर भी कांग्रेस के कुछ नेता है जिन्होंने अपनी रणनीतिक शक्तियों की दिखाते हुए अपनी दावेदारी पेश की है।

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आपको बता दें कि पार्टी पिछले कुछ वक्त से कई चुनौतियों का सामना कर रही है। जिससे बाहर लाने के लिए किसी ने किसी पर तो गांधी परिवार को भरोसा करना होगा। चलिए आपको बताते हैं उन दावेदारों के बारे में जिन्होंने इशारों- इशारों में अपनी दावेदारी पेश कर दी है।

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केसी वेणुगोपाल
अहमद पटेल के निधन के बाद पार्टी में सबसे मजबूत दावेदारी के साथ खड़े हैं वो हैं केसी वेणुगोपाल। केसी वेणुगोपाल की गिनती उन नेताओं में होती हैं जो पार्टी के खास रणनीतिकार हैं।आपको बता दें कि पहले से ही राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल  कापी करीबी है। ऐसे में उनकी ये नजदीकियां उन्हें इस बार मदद कर सकती है। वहीं केसी वेणुगोपाल यूपीए सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। इतना ही नहीं 2009 और 2014 में अलापुझा सीट से लोकसभा चुनाव जीते थे। 

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गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल
कपिल सिबब्ल और गुलाम नबी आजाद की भी गिनती कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में होती है लेकिन हाल ही में उन्होंने कांग्रेस में बदलाव की बात की है। जो उनके दावेदारी को कम कर देती है। इतना ही नहीं गांधी परिवार और पार्टी के कई मुद्दों पर वो चुप्पी ही साध लेते हैं। वहीं गुलाम नबी आजाद की बात करें तो उनकी गिनती भी सीनियर्स नेताओं में होती है लेकिन वे उन 23 नेताओं में शामिल थे जिन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी जिस पर काफी बवाल खड़ा हो गया था। ऐसे मे इन दोनों की दावेदारी का असर कम हो जाता है।

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पी चिदंबरम भी बढ़ाना चाहते हैं गांधी परिवार से नजदीकियां
पी चिदंबरम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तो हैं इसके साथ ही उनके पास राजनीति का काफी ज्यादा अनुभव हैं। ऐसे में उनकी दावेदारी कपिल सिब्बल और गुलामनबी आजाद से ज्यादा है। वो राजनीतिक दाव पेच को काफी बखूबी से समझते हैं। हालांकि उनपर कई भष्टाचार के आरोप लग चुके हैं जो उनके दावेदारी पर थोड़ी लगाम लग सकते हैं।

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कमलनाथ और गहलौत
कमलनाथ और अशोक गहलौत की गांधी परिवार से नजदीकियां किसी से छिपी नहीं है। वो कांग्रेस के लिए पूरे तन-मन से काम करते हैं। हाल ही में जब कपिल सिब्बल ने पार्टी को लेकर सवाल उठाया था तो उस वक्त इन दोनों नेता पार्टी के लिए दीवार बनकर खड़े हो गए थे। इसलिए इन दोनों की दावेदारी काफी मजबूत है।

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शशि थरूर की दावेदारी
सोशल मीडिया पर हमेशा बीजेपी पर निशाना साधने वाले कांग्रेस नेता शशि थरूर भी इशारों- इशारों में अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। उन्हें राजनीति की भी काफी गहरी समझ है। इसलिए वो अहमद पटेल की जगह ले सकते हैं। इतना ही नहीं युवाओं में थरूर काफी फेमस हैं कई बार उन्हें पीएम पद के दावेदार बनाने के लिए भी मांग उठी चुकी है।

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दिग्विजय और मिलिंद देवड़ा भी किसी से कम नहीं
दिग्विजय सिंह कांग्रेस के उन नेताओं में से हैं जिन्हें शासन का भी काफी लंबा अनुभव है। राहुल गांधी से पहले वो गांधी परिवार के कापी करीबी थी लेकिन जब पार्टी राहुल गांधी के पास गई तो दिग्विजय सिंह की थोड़े नरम पड़ गए।वहीं अगर मिलिंद देवड़ा की बात करें तो उन्होंने तो राहुल गांधी की  लोकसभा में हार के बाद मुंबई कांग्रेस चीफ की कुर्सी छोड़ दी थी। मिलिंद देवड़ा गांधी परिवार के करीबी है लेकिन कई बार उनकी और गांधी परिवार की राय मेल नहीं खाती है।

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