Friday, Jun 02, 2023
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after the martyrdom of the army will pm modi give a befitting reply to china albsnt

सेना की शहादत के बाद क्या पीएम मोदी देंगे चीन को मुंहतोड़ जवाब?

  • Updated on 6/17/2020

नई दिल्ली/कुमार आलोक भास्कर। चीन (China) की नापाक हरकत एक बार फिर सामने उजागर हुई है। एक तरफ पूरी दुनिया जब कोरोना काल के लिये चीन को जिम्मेदार ठहरा रही है तब भारत के साथ खूनी संघर्ष शुरु कर दिया है। हालांकि इसमें कोई आश्चर्य नहीं है भारत के साथ तनाव को कम करने के लिये 8 दौर का बातचीत महज चीन के तरफ से एक छलावा ही था। वो असल में LAC के करीब अपनी सेना की पोजिशन मजबूत करने में जुटी थी। भारत को बातचीत में उलझाकर आंख में धूल झोंकने का प्रयास एक बार फिर हुआ है। 

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भारत ने खो दिये 23 होनहार जवान

लेकिन इस खूनी हिंसक संघर्ष में भारत के 23 होनहार सेना शहीद हो गए है। निहत्थे भारतीय सेना उस समय भौंचक रह गए जब ऊंचाई से पत्थर बरसाने लगे तो जमीं पर कंटीले लोहे की रॉड से हमले कर दिये। लेकिन निहत्थे भारतीय सेना ने उस वक्त भी मुंहतोड़ जवाब दिया। सूत्रों के हवाले से चीन के 40 से अधिक सेना भी हताहत हुए है। जिसकी पुष्टि की जा रही है।

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डोकलाम में दिया था मुंहतोड़ जवाब

हालांकि यह सच है कि डोकलाम में 73 दिन तक सीमा पर डटे रहने के बाद चीन की सेना एक कदम पीछे हट गई थी। लेकिन उस समय भारत कोई वैश्विक महामारी की चपेट में नहीं था। इसलिये भारत ने सामान्य दिनों में चीन को उसी के भाषा में आक्रामकता का परिचय देकर बहुत बड़ा संदेश देने में सफल रहा।  लेकिन जब भारत समेत पूरी दुनिया वायरस से लड़ रहा हो,यहां तक कि अमेरिका ने खुलकर इस वैश्विक महामारी के लिये चीन को ही जिम्मेदार ठहराती रही है, तो ऐसे में एक नई रणनीति की आवश्यकता है। जहां चीन के द्वारा प्लेट में सजाकर भेजे गए कोरोना वायरस से लड़ना है तो दूसरी तरफ LAC पर घात लगाकर बैठा पीएलए सेना को भी जवाब देना है।

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देश भर में चीन को लेकर रोष

इसके लिये फिर से पूरे देश में चीन को लेकर रोष है। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी पर भरोसा भी है कि इस दोतरफा संकट (कोरोना और खूनी संघर्ष ) से वे उबारने में निश्चित रुप से सफल होंगे। लेकिन जिस तरह से पीएम नरेंद्र मोदी ने बहुप्रतिक्षित 'आत्मनिर्भर योजना' पर जोर दिया वो उनके दूरदर्शिता सोच को ही दर्शाता है। दरअसल पीएम मोदी 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर योजना' को आने वाले दिनों में यदि कागज से जमीन पर उतारने में सफल रहे तो निश्चित रुप से चीन जमींदोज हो जाएगा।  

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चीनी उत्पाद का हो बहिष्कार

समय आ गया है कि देश में जब चीनी सामानों के बहिष्कार को लेकर जनता पूरी तरह प्रतिबद्ध नजर आती हो तो केंद्र में बैठी मोदी सरकार पूरी तरह ऐसा माहौल बनाये-जिससे आर्थिक तौर पर हम ड्रेगन का कमर तोड़ने में सफल रहे। लेकिन इसके लिये सिर्फ आत्मनिर्भर योजना और मेक इन इंडिया जैसे लुभावने नारों से काम नहीं चलेगा। हमें संक्लपित होना पड़ेगा हर हाल में देश के सभी परियोजनाओं से चीन को बाहर निकाल फेंकने और चीनी सामानों का पूर्ण बहिष्कार करने की जरुरत है। इसमें पीएम मोदी को फिर से मजबूत इच्छाशक्ति दिखाने की जरुरत है। फिलहाल आर्थिक दंड चीन के लिये बहुत महंगा साबित होगा।

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भारत वैश्विक स्तर पर भी खोले मोर्चा

दूसरी तरफ अमेरिका से साथ मोर्चाबंदी करके भी भारत कोरोना वायरस के लिये जिम्मेदार ठहराकर कूटनीतिक हमला तेज कर सकता है। एक बार फिर सबकी नजर पीएम नरेंद्र मोदी पर टिक गई है। लेकिन इतना साफ है कि केंद्र में बैठी मौजूदा सरकार चीन से उपजे चुनौती का करारा जवाब देने की रणनीति पर तेजी से काम कर रही होगी।

     

 

     

 

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