नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना वायरस के इलाज को लेकर दुनियाभर में लगातार रिसर्च और शोध कार्य जारी है। पिछली कुछ स्टडीज से सामने आया कि स्मोकिंग करने वाले लोगों में कोरोना होने का खतरा ज्यादा होता है लेकिन अब फ्रांस में हुई एक स्टडी इस शोध के ठीक उलट है।
बताते चले कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमण से ग्रसित लोगों की संख्या बढ़कर 2,831,915 हो गये हैं जबकि मरने वालों की संख्या 197,318 पहुंच गई है।
वैज्ञानिकों ने खोज निकाला कोरोना का इलाज, ऐसे खुद अपनी मौत मरेगा कोरोना वायरस!
क्या है नया शोध यह नया शोध में फ्रांस में किया गया है। इस शोध के अनुसार, तंबाकू से कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। इस बारे में पेरिस के बड़े अस्पताल के शोधकर्ताओं ने 343 कोरोनो वायरस मरीजों की जांच कर यह नतीजा निकाला है। शोध में शामिल 343 लोगों में से जांच किए गये 139 मरीजों में बीमारी के हल्के लक्षण देखे गये थे। इस शोध की सदस्य जाहिर अमौर की माने तो इन मरीजों में से केवल 5% लोग ही स्मोकिंग करते थे।
वहीँ इस बारे में शोध के को-राइटर और फ्रांस के पाश्चर इंस्टीट्यूट से न्यूरोबायोलॉजिस्ट जीन-पियरे चेंजक्स इस बारे में कहते है कि यह शोध यह बताता है कि निकोटिन यानी तंबाकू कोशिकाओं के संग्राहकों पर चिपक जाता है और इस तरह से कोरोना वायरस को कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोका जा सकता है। यानी अगर तंबाकू का प्रयोग किया जाए तो शरीर में वायरस को पहुंचने से रोकना आसान होगा!
कोरोना के इलाज में कारगर मानी जाने वाला दवा रेमडेसीवीर का ट्रायल हुआ फेल
ट्रायल की अनुमति वहीँ अब इस शोध के क्लिनिकल ट्रायल को करने के लिए शोधकर्ताओं द्वारा फ्रांस के हेल्थ डिपार्टमेंट से अनुमति मांगी है। शोधकर्ताओं द्वारा पेरिस के पिटी सलपेट्रिअर अस्पताल के हेल्थ वर्कर पर इस तंबाकू पैच का इस्तेमाल करने का प्लान बनाया है। वो पहले स्वास्थ्यकर्मीयों पर इसे आजमा कर देखना चाहते हैं।
अगर स्वास्थ्यकर्मीयों पर यह प्रयोग सफल रहा तो वो इसका इस्तेमाल फिर मरीजों पर भी करेंगे। शोधकर्ताओं ने इस बारे में भी अनुमति मांगी है, ऐसा करके वो नतीजों के ज्यादा करीब जा सकेंगे।
भारत में कम हो रहे हैं कोरोना संक्रमण के मामले, आगे मिल सकती है बड़ी सफलता!
निकोटिन हानिकारक लेकिन इस शोध में हिस्सा लेने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि हम यह नहीं कहना चाहते और नही बताया चाहते हैं कि निकोटिन शरीर के लिए अच्छा है या हो सकता है! हम यह साफ़ कर देना चाहते हैं कि इस शोध का मकसद लोगों को कोरोना वायरस से निजात दिलाना है न कि निकोटिन की पैरवी करना। हम लोगों को स्मोकिंग या निकोटिन लेने के लिए प्रोवोक नहीं कर रहे और न ऐसा करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि हम सिर्फ यह बताना चाहते हैं कि निकोटिन से वायरस को हराया भी जा सकता है, हालांकि निकोटिन शरीर के लिए बेहद हानिकारक होता है। यह सिर्फ एक प्रयोग है जो लोगों की जान बचा सकता है।
बेहद ताकतवर है कोरोना वायरस, खून के जरिए शरीर में बढ़ाता है तेजी से संक्रमण
कम करेगा वायरस का प्रभाव शोधकर्ताओं की माने तो निकोटिन का प्रयोग कोशिकाओं में वायरस की एंट्री को रोक सकता है। इससे कोरोना के लक्षणों को कम करने में मदद मिलेगी। रिसर्च की भाषा में कहे तो निकोटिन "साइटोकिन स्टॉर्म्स" को रोकने में मदद कर सकता है।
शोधकर्ताओं का मानना है यह एक प्रतिरक्षा प्रणाली का तेज ओवर रिएक्शन हो सकता है, जो कोरोना वायरस के प्रभाव को खत्म या तेजी से कम कर सकता है।
यहां पढ़ें कोरोना से जुड़ी महत्वपूर्ण खबरें
आज से नई कर व्यवस्था लागू, नए वित्त वर्ष में हुए कई अहम बदलाव, पढ़ें...
प. बंगाल रामनवमी हिंसाः हावड़ा में निषेधाज्ञा अब भी लागू
Odysse Electric ने लॉन्च की सस्ती इलेक्ट्रिक बाइक, सिर्फ 999 रुपये...
ऑनलाइन ‘प्रेमिका' ने दिल्ली के युवक से डेढ़ लाख रुपये ठगे
जॉर्जिया असम्बेली में ‘हिंदूफोबिया' के खिलाफ प्रस्ताव, कहा- हिंदू...
जानें कौन थे सैयद अब्दुल रहीम, Maidaan में जिनका किरदार निभा रहे हैं...
PM की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगने पर CM केजरीवाल पर कोर्ट ने...
MasterChef India 7 के विनर बने नयन ज्योती, ट्रॉफी के साथ मिले इतने...
पाकिस्तान: कराची में खाद्यान्न वितरण केंद्र पर हुई भगदड़ में 12 लोगों...
आकांक्षा दुबे की मौत से पहले का CCTV फुटेज आया सामने, इस शख्स के साथ...