Monday, Dec 11, 2023
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तमिलनाडु में तनातनी के बीच AIADMK ने कहा- BJP के साथ अभी कोई गठबंधन नहीं है 

  • Updated on 9/18/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ बढ़ी तनातनी के बीच ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने सोमवार को कहा कि उसका भाजपा के साथ अभी कोई गठबंधन नहीं है और इस विषय पर फैसला आगामी चुनावों के दौरान किया जाएगा। अन्नाद्रमुक ने स्पष्ट किया कि वह दिवंगत मुख्यमंत्री और अपने अन्य नेताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती।

अन्नाद्रमुक ने भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई पर प्रहार करते हुए कहा वह केवल खुद का ‘‘प्रचार'' करने के इच्छुक हैं और इसलिए दिवंगत द्रविड़ नेता अन्नादुरई, ईवी रामास्वामी पेरियार और अन्नाद्रमुक के दिवंगत नेता एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) और जे. जयललिता को निशाना बना रहे हैं। इस संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा ने कहा कि द्रविड़ पार्टी को अपने विकास के साथ-साथ अन्नामलाई जैसे युवा नेता के बढ़ते कद से ‘‘समस्या'' है।

अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी द्वारा नई दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के कुछ दिन बाद यह घटनाक्रम हुआ। अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता डी. जयकुमार ने अन्नादुरई की आलोचना के लिए अन्नामलाई पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता दिवंगत मुख्यमंत्री का अपमान सहन नहीं करेंगे। अन्नामलाई ने अतीत में दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता सहित अन्नाद्रमुक नेताओं के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी की थी।

पूर्व मंत्री ने यहां भाजपा और इसकी प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अन्नामलाई अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन नहीं चाहते हैं, जबकि भाजपा कार्यकर्ता ऐसा चाहते हैं। क्या हमें अपने नेताओं की आलोचना बर्दाश्त करनी चाहिए। भाजपा यहां कदम नहीं रख सकती। आपको अपना वोट बैंक पता है। आप हमारी वजह से जाने जाते हैं।'' जयकुमार ने कहा, ‘‘हम अब अपने और (नेताओं की आलोचना) बर्दाश्त नहीं कर सकते। जहां तक गठबंधन की बात है, तो ऐसा नहीं है। भाजपा अन्नाद्रमुक के साथ नहीं है। इस संबंध में फैसला केवल चुनाव के दौरान ही हो सकता है। यह हमारा रुख है।'' यह पूछे जाने पर कि क्या यह उनकी निजी राय है, जयकुमार ने कहा, ‘‘क्या मैंने कभी आपसे उस हैसियत से बात की है? मैं केवल वही बात करता हूं जो पार्टी तय करती है।''

वर्ष 1972 में अन्नाद्रमुक का गठन करने वाले एमजीआर ने इसका नाम ‘ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम' रखा था। जयकुमार ने कहा कि अन्नादुरई एक सम्मानित व्यक्ति थे, जिन्होंने तमिलनाडु के विकास की शुरुआत की और ‘‘हम उनका सम्मान करते हैं।'' उन्होंने कहा कि गठबंधन से जुड़े घटनाक्रम में अन्नाद्रमुक के पास खोने के लिए कुछ नहीं था। उन्होंने भाजपा के बारे में कहा, ‘‘वे हारे हुए हैं।'' उन्होंने दावा किया कि अन्नाद्रमुक के बिना भाजपा और अन्नामलाई का चुनावी प्रदर्शन बहुत खराब रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अन्नामलाई इतने बड़े नेताओं पर निशाना साधने से नहीं चूके तो उन्हें करारा जवाब दिया जायेगा। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए अन्नामलाई के करीबी अमर प्रसाद रेड्डी ने कहा कि अन्नाद्रमुक, भाजपा और उसके प्रदेश प्रमुख की बढ़ती लोकप्रियता को सहन नहीं कर पार रही है और इसलिए उसने ऐसी घोषणा की है।

रेड्डी ने कहा, ‘‘अन्नामलाई एक सिद्धांतवादी नेता हैं, वह भ्रष्टाचार या गलत नीतियों के लिए झुक नहीं सकते। वह सिर्फ किसी ऐतिहासिक घटना का जिक्र कर रहे थे।'' उन्होंने कहा कि अन्नामलाई ने अन्नादुरई की काफी तारीफ भी की है। रेड्डी ने कहा, ‘‘उन्हें भाजपा की प्रगति और पहचान तथा अन्नामलाई को युवाओं की प्रतिक्रिया पसंद नहीं है। संभवतः यह युग ऐसा है जहां हम नकली द्रविड़ विचारधारा से राष्ट्रवादी विचारधारा की ओर बढ़ रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की जड़ें बहुत मजबूत हो रही हैं और वे ‘‘एन मन, एन मक्कल'' पदयात्रा के जरिए इतना बड़ा प्रभाव पैदा करने वाले 38 वर्षीय व्यक्ति की लोकप्रियता को पचा नहीं पा रहे हैं।'' अन्नामलाई द्वारा अन्नादुरई की आलोचना को लेकर पिछले कुछ दिनों से अन्नाद्रमुक और भाजपा के बीच तीखी नोकझोंक जारी है। 

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