Friday, Mar 31, 2023
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चीन से बातचीत पर भारत का बयान ना आने पर ओवैसी ने कहा- क्या PM मोर के साथ खेलने में बिजी हैं?

  • Updated on 9/5/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद दोनों ही देश में गहमा गहमी का माहौल बना हुआ है। इसी माहौल के बीच मॉस्को में हुई बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने अपने चीनी जनरल वी फेंगे से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान चीन ने कहा कि वह अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेगा। चीन के इस बयान पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi)  ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए हमला बोला।

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सरकार की चुप्पी पर उठाया सवाल
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि मॉस्को में हुई द्विपक्षीय वार्ता में चीनी रक्षा मंत्री ने जो बयान दिया उसके बाद भी देशी की तरफ से 8 घंटे बाद भी किसी तरह की कोई प्रतिकियां सामने नहीं आई है। इसका क्या मतलब है। क्या हमारे देश के पीएम बगीचे में मोर के साथ खेलने में बिजी हैं?

इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि क्या पीएम मोदी के पास लद्दाख में 1000 स्क्वॉयर किमी में चीन पर कब्जे पर बोलने के लिए वक्त नहीं हैं? अपने इस ट्वीट में उन्होंने राजनाथ सिंह को टैग भी किया है।

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बैठक से पहले भी ओवैसी ने किया था ट्वीट
मॉस्को में हुई इस बैठक से पहले भी असदुद्दीन ओवैसी ने राजनाथ सिंह को टैग करते हुए ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने रक्षा मंत्री से पूछा था कि क्या इस उच्च स्तरीय बैठक में वो चीन से ये कहने वाले हैं कि वो लद्दाख में कब्जाई भारत की 1000 वर्ग किलोमीटर जमीन को बिना किसी शर्त के खाली कर दें।

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सीमा विवाद पर पहली उच्च स्तरीय बैठक
पूर्वी लद्दाख में मई में सीमा पर हुए तनाव के बाद से दोनों ओर से यह पहली उच्च स्तरीय बैठक थी। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल गतिरोध दूर करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ फोन पर बातचीत कर चुके हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बातचीत के दौरान सिंह ने पूर्वी लद्दाख में यथा स्थिति को बनाए रखने और सैनिकों को पीछे हटाने पर जोर दिया। रक्षा मंत्री सिंह और चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही के बीच यह बैठक दो घंटे 20 मिनट तक चली।'

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चीन के रक्षा मंत्री ने की थी बातचीत की पेशकश 
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा सचिव अजय कुमार और रूस में भारत के राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा भी थे। सूत्रों ने बताया कि चीन के रक्षा मंत्री ने बातचीत की पेशकश की थी। दोनों नेता एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को में हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ में अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए विश्वास का माहौल, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति सम्मान तथा मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है।

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