Friday, Mar 31, 2023
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ओवैसी ने साधा TMC पर निशाना, कहा- मैं सियासत की लैला, बहुत हैं मेरे मजनू

  • Updated on 1/4/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सियासी उठापठक तेज हो गई है। यहां विभिन्न राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं।  इस बीच एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बीते रविवार को राज्य की सीएम ममता बनर्जी  (Mamata Banerjee) पर जोरदार हमला बोला है।  उन्होने कहा टीएमसी प्रमुख को उनके संगठन पर आरोप लगाने के बजाए खुद का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए साथ ही देखना चाहिए कि बीजेपी ने किस तरह राज्य में 18 सीटों पर जीत दर्ज की।

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ओवैसी ने टीएमसी के आरोपों किया खारिज
ओवैसी ने टीएमसी के आरोपों को बेबुनियादी करार देते हुए खुद को सियासत की लैला बताता साथ ही कहा कि उनके मजनू बहुत अधिक हैं। इसके साथ ही ओवैसी ने टीएमसी के उस दावे को भी खारिज कर दिया जिसमें उनकी पार्टी को बीजेपी की बी-टीम कहा गया। दरअसल,  बंगाल चुनाव से पहले ओवैसी का मौलाना अब्बासुद्दीन से मिलना काफी अहम माना जा रहा है। 

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कैलाश विजयवर्गीय लगा गंभीर आरोप
उधर, तृणमूल कांग्रेस की महिला नेताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी  के खिलाफ एक विवादित ट्वीट करने का आरोप लगाया और इस बात के लिए उनकी आलोचना की।

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कैलाश विजयवर्गीय ने किया ट्वीट
कैलाश विजयवर्गीय ने बनर्जी की एक तस्वीर साझा की जिसमें वह एक आदिवासी गांव में खाना पकाती नजर आ रही हैं। विजयवर्गीय ने तस्वीर के साथ लिखा, 'दीदी ने पहले ही वह काम करना शुरू कर दिया है जो उन्हें पांच महीने बाद करना होगा।' बनर्जी का यह फोटा बल्लवपुर गांव में खींचा गया था जहां वह पिछले सप्ताह बीरभूम जिले से कोलकाता लौटते वक्त कुछ देर के लिए रूकी थीं। राज्य में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।

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अप्रैल-मई में होंगे चुनाव
राज्यपाल ने प्रशासन, पुलिस और मीडिया से भी हिंसा मुक्त विधानसभा चुनाव के लिए माहौल बनाने को कहा। यह चुनाव इस साल अप्रैल-मई में होने हैं। धनखड़ ने कहा कि अगर मतदाताओं को डराया जाता है और सरकारी अधिकारियों को राजनीतिक काम में शामिल किया जाता है तो यह चुनाव प्रक्रिया के लिए एक झटका होगा। उन्होंने सरकारी मशीनरी से तटस्थ रहने का आग्रह किया। साथ में यह सुनिश्चित करने को कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान लोग स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें।

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