नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने दक्षता, स्वास्थ्य और जरूरत जैसे आधार पर कर्मचारियों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिन्हें पांच साल तक के लिए बिना वेतन अनिवार्य अवकाश पर भेजा जाएगा। कंपनी द्वारा मंगलवार को जारी एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक निदेशक मंडल ने एअर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव बंसल को कर्मचारियों की उपयुक्तता, दक्षता, क्षमता, प्रदर्शन की गुणवत्ता, कर्मचारी का स्वास्थ्य, पहले ड्यूटी के समय अनुपलब्धता, आदि के आधार पर छह महीने या दो साल के लिए बिना वेतन अनिवार्य अवकाश पर भेजने के लिए अधिकृत किया है और यह अवधि पांच साल तक बढ़ाई जा सकती है।
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Air India Board has approved a scheme whereby employees can opt to take Leave Without Pay ranging from 6 months or for 2 years and the same can be extendable up to 5 years. pic.twitter.com/Ikp3Rp2kwm — ANI (@ANI) July 15, 2020
Air India Board has approved a scheme whereby employees can opt to take Leave Without Pay ranging from 6 months or for 2 years and the same can be extendable up to 5 years. pic.twitter.com/Ikp3Rp2kwm
14 जुलाई के आदेश में आया फरमान एअर इंडिया द्वारा 14 जुलाई को जारी आदेश में कहा गया है कि मुख्यालय में विभागों के प्रमुखों के साथ-साथ क्षेत्रीय कार्यालयों के निदेशक उपरोक्त कसौटियों के आधार पर प्रत्येक कर्मचारी का मूल्यांकन करेंगे और बिना वेतन अनिवार्य अवकाश के विकल्प के मामलों की पहचान करेंगे। आदेश में कहा गया कि ऐसे कर्मचारियों के नामों को अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक की आवश्यक मंजूरी के लिए मुख्यालय में महाप्रबंधक को अग्रसारित किया जाना चाहिए। इस संबंध में पूछे जाने पर एअर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि हम इस मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस की महामारी की वजह से भारत और अन्य देशों में यात्रा पर लगे प्रतिबंध की वजह से विमानन कंपनियों पर बहुत अधिक असर हुआ है। कौशल भारत अभियान को लेकर बोले अमित शाह, युवाओं में बढ़ी Entrepreneurship की भावना 50 से 60 प्रतिशत यात्री कर रहे सफर भारत की सभी विमानन कंपनियों ने वेतन में कटौती, बिना वेतन छुट्टी पर भेजने, कर्मचारियों को निकालने सहित अन्य उपाय खर्चों में कटौती के लिए के लिए किए हैं। उदाहरण के लिए गो एयर ने अप्रैल से अपने अधिकतर कर्मचारियों को बिना वेतन अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया है। भारत में कोरोना वायरस की महामारी की वजह से लागू रोक के करीब दो महीने बाद 25 मई को घरेलू विमान सेवा शुरू की गई। हालांकि, कोविड-19 महामारी से पहले के मुकाबले केवल 45 प्रतिशत विमानों को ही उड़ान भरने की अनुमति दी गई थी। 25 मई से घरेलू विमान सेवा शुरू होने के बाद से कुल सीट क्षमता के मुकाबले केवल 50 से 60 प्रतिशत यात्री ही सफर कर रहे हैं।
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