नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का श्रमिक कानून स्थगित करने का फैसला रास नहीं आ रहा है। सपा अध्यक्ष योगी सरकार के उस तर्क से सहमत नहीं हैं कि इससे प्रदेश में निवेश बढ़ेगा, जबकि अखिलेश का मानना है कि ‘औद्योगिक-शांति’ ही निवेश की सबसे आकर्षक शर्त होती है।
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मज़दूर विरोधी भाजपा सरकार ‘श्रमिक-क़ानून’ को 3 साल के लिए स्थगित करते समय तर्क दे रही है कि इससे निवेश आकर्षित होगा; जबकि इससे श्रमिक-शोषण बढ़ेगा तथा साथ में श्रम असंतोष औद्योगिक वातावरण को अशांति की ओर ले जाएगा. सच तो ये है कि ‘औद्योगिक-शांति’ निवेश की सबसे आकर्षक शर्त होती है. pic.twitter.com/3hMN2Fu1zC — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 10, 2020
मज़दूर विरोधी भाजपा सरकार ‘श्रमिक-क़ानून’ को 3 साल के लिए स्थगित करते समय तर्क दे रही है कि इससे निवेश आकर्षित होगा; जबकि इससे श्रमिक-शोषण बढ़ेगा तथा साथ में श्रम असंतोष औद्योगिक वातावरण को अशांति की ओर ले जाएगा. सच तो ये है कि ‘औद्योगिक-शांति’ निवेश की सबसे आकर्षक शर्त होती है. pic.twitter.com/3hMN2Fu1zC
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अपने ट्वीट में सपा अध्यक्ष लिखते हैं, 'मज़दूर विरोधी भाजपा सरकार ‘श्रमिक-क़ानून’ को 3 साल के लिए स्थगित करते समय तर्क दे रही है कि इससे निवेश आकर्षित होगा; जबकि इससे श्रमिक-शोषण बढ़ेगा तथा साथ में श्रम असंतोष औद्योगिक वातावरण को अशांति की ओर ले जाएगा. सच तो ये है कि ‘औद्योगिक-शांति’ निवेश की सबसे आकर्षक शर्त होती है।'
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जो गये थे कभी... सपनों के शहरों में... थक-हार के सो रहे हैं... आज गाँव का सपना लिए... pic.twitter.com/qeicFgWt83 — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 10, 2020
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मजदूरों की पीड़ा को लेकर अखिलेश ने अपने ट्वीट में एक कविता भी शेयर की है। वह लिखते हैं, 'जो गये थे कभी... सपनों के शहरों में...थक-हार के सो रहे हैं...आज गाँव का सपना लिए...। इसके साथ ही उन्होंने एक फोटो शेयर की है, जिसमें मजदूर ट्रक पर सो रहे हैं।
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भाजपा नेताओं की हालत सरकारी दफ़्तर में रहने वाली उस छिपकली के जैसे हो गयी है जो रात भर शिकार करती है और सुबह महापुरुषों की तस्वीर के पीछे छिप जाती है। — I.P. Singh (@IPSinghSp) May 10, 2020
भाजपा नेताओं की हालत सरकारी दफ़्तर में रहने वाली उस छिपकली के जैसे हो गयी है जो रात भर शिकार करती है और सुबह महापुरुषों की तस्वीर के पीछे छिप जाती है।
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उधर, सपा नेता आईपी सिंह अपने ट्वीट में भापजा को आड़े हाथ लेते हुए लिखते हैं, 'भाजपा नेताओं की हालत सरकारी दफ़्तर में रहने वाली उस छिपकली के जैसे हो गयी है जो रात भर शिकार करती है और सुबह महापुरुषों की तस्वीर के पीछे छिप जाती है।'
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