Thursday, Jun 01, 2023
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इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला, शादी के एक साल बाद तक नहीं होगा तलाक

  • Updated on 5/7/2019

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) ने तलाक को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शादी के एक साल के भीतर आपसी सहमति से तलाक का मुकदमा दाखिल करने वाले अधिनियम पर रोक लगा दी है। बात दें कि विवाह अधिनियम की धारा 13 बी (13 B) के तहत शादी के एक साल के बाद ही आपसी सहमति से तलाक लिया जा सकता है।

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धारा 13बी को बदलने की की गई थी अपील
दरअसल, ये फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मुकदमें की सुनवाई के दौरान लिया। यहा अर्पित गर्ग (Arpit Garg) और आयुषी जायसवाल (Ayushi Jaiswal) की शादी 9 जुलाई 2018 को हुई थी। 12 अक्टूबर से वो दोनों अलग-अलग रहने लगे थे। 20 दिसंबर को दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से तलाक का मुकदमा दाखिल किया। परिवार न्यायालय (Family Court) ने तलाक के मुकदमे के लिए निर्धारित एक साल की अवधि से पहले दाखिल मुकदमे को समय पूर्व मानते हुए वापस कर दिया, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अर्जी को किया खारिज
बता दें ये फैसला न्यायमूर्ति एसके गुप्ता (Justice S.K. Gupta) तथा न्यायमूर्ति पीके श्रीवास्तव (Justice P.K.Srivastava) की खंडपीठ ने उनकी अर्जी खारिज कर दी थी। वहीं उनकी अर्जी परिवार न्यायाधीश ने पहले ही खारिज कर दी थी, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी।

अपील करने वाले का कहना था कि दोनों का एक साथ रहना संभव नही है। वह अलग रहना चाहते हैं, इसलिए दोनों ही तलाक के लिए राजी हैं। एक साल की वैधानिक अड़चन दूर की जाए। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट वैधानिक व्यवस्था को माफ नहीं कर सकती। तलाक के लिए एक साल की अवधि का बिताना बाध्यकारी है।

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