नई दिल्ली/कुमार आलोक भास्कर। जब कभी हम लॉकडाउन और कोरोना वायरस (Corona Virus) के कहर की बात करते हैं तो अक्सर सबके जेहन में डॉक्टर, प्रशासन,मीडिया, दुकानदार, सफाई कर्मचारी का ही ध्यान आता है। लेकिन इन सबके बीच उन योद्धाओं को भी हमें धन्यवाद प्रकट करनी चाहिये जो डोर टू डोर आवश्यक सामानों की डिलेवरी का बैकबोन बनकर उभऱे है।
राजधानी में सील किये गये हाॅटस्पाॅट जगहों पर SDMC ने चलाया विशेष सेनेटाइजेशन अभियान
ज्यादातर लोगों ने निकाली कमाने की नई तरकीब
जी हां हम बात कर रहे है हजारों की संख्या में दिहाड़ी मजदूरी कर रहे लोगों की जो रिक्शा,ठैला चलाकर ही गुजारा करते थे। लेकिन जब से लॉकडाउन शुरु हुआ है तो उसके सामने घर बैठे रहने के सिवा कोई दूसरा चारा नहीं बचा। साथ ही उनके सामने संकट खड़ा हो गया काम का, तो उन्होंने नया तरीका खोज निकाला है। इन लोगों ने अपना धेर्य खोए बिना और जान की परवाह किये बगैर अपने ई रिक्शा और ठैलों पर सब्जियां और फलों को लादकर सुबह से रात तक एक मौहल्ला से दूसरे मुहल्ला तक लोगों के किचन को ही संभाल रखा है। ऐसे योद्धा जब गलियों में बेचने के लिये निकलते है और आवाज लगाते है तो घरों में बैठे लोगों को बालकोनी से झांकने के लिये मजबूर तो कर ही दिया है। साथ ही लोगों को फिर तेजी से सीढ़ियों से उतरते हुए देखा जा सकता है।
कोरोना से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने दिए 49,000 वेंटिलेटर और 1.7 करोड़ PPE का ऑडर
जब करना पड़ता है मोल-भाव तो...
लेकिन कभी सब्जी और फल बेचने के नहीं आदी होने से उनके सामने भी मोल-भाव की समस्या आती है जिससे वे लोग बखूबी से हेंडिल भी कर लेते है। इन लोगों में से कई लोगों का अपना मोमो का दुकान था तो कोई सवारी को एक-जगह से दूसरे जगह पहुंचाने का काम करते थे। वहीं कोई अपने ठैले पर किसी चौक-चौराहे पर खड़े होकर फास्ट फूड लगाया करता था तो लोगों की भीड़ लग जाती थी।
राजधानी में बीजेपी संगठन महामंत्री सिद्धार्थन की अगुवाई में जरुरतमंदों को बांटा गया ‘मोदी भोजन किट’
बदले हुए हालात में सामने हैं अनेक चुनौती
हालंकि अब हालात बदल गए है। उनके सामने चुनौती रही कि या तो वे भी पलायन करके दूसरों की तरह अपने-अपने गांव या शहर चले जाएं। लेकिन उन्होंने अपने उसी शहरों की सेवा करने की ठानी जहां वे अपनी जिंदगी गुजर-बसर वर्षों ही नहीं बल्कि दशकों से कर रहे है। जब उन्हें भी शहरवासियों का सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ तो उसके लिये एक यौद्धा की तरह सामने आए है। जिसका भी स्वागत करना चाहिये।
नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और लखनऊ में सील हुए इलाकों में ऐसे मिल सकेगी जरुरी सुविधा
सरकार पर नहीं हैं निर्भर
लेकिन सरकार के कई घोषणा के बाद भी यह स्वाबलंबी लोग दो वक्त की रोटी के लिये सरकार और किसी संस्था की तरफ मुंह बाए खड़ा नहीं रहता है। उनके इस संकट की घड़ी में लोगों के गली,मोहल्लों तक सब्जी और फलों जैसै अति आवश्यक सामानों की सप्लाई से स्थानीय प्रशासन को बड़ी राहत मिली है। जब वैसे हालात में जब लॉकडाउन को न सिर्फ आगे बढ़ाने की बात चल रही है बल्कि शहरों के कई इलाकें को सील कर दिया गया है तो ऐसे लोग किसी देवदूत से कम नहीं है।
यहां पढ़ें कोरोना से जुड़ी महत्वपूर्ण खबरें...
मोदी सरकार ने वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए भारत आना आसान किया
इंटरनेट पर छाया Kangana का महारानी लुक, लोगों ने पूछा- 'आप इतनी...
सुलोचना लाटकर के निधन पर Amitabh Bachchan से लेकर धर्मेंद्र तक इन...
मिशन मालामाल: मां- बेटी की हत्या के आरोप में गायक सहित दो चचेरे भाई...
सकारात्मक वैश्विक रुझानों के बीच शुरुआती कारोबार में शेयर बाजारों में...
B'Day Spl: कुछ इस तरह परवान चढ़ा था Neena और Vivian का प्यार, बन...
साली ने जीजा पर लगाया 16 दिन तक दुष्कर्म करने का आरोप, मुकदमा दर्ज
ओडिशा रेल दुर्घटनाः RSS के स्वयंसेवकों ने किया 500 यूनिट रक्तदान, अब...
जानिए किस पर पड़ा कोटला मुबारकपुर का नाम
इतिहास के अवशेष, पुराना किला में अभी भी हैं शेष